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राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस 1 जुलाई | National Doctors Day in hindi

On: July 1, 2022 11:34 AM
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राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस 1 जुलाई | National Doctors Day in hindi

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस 1 जुलाई को क्यों मनाया जाता है
डा• बिधान चन्द्र राय

भारत में डॉक्टर्स दिवस 1 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के महान डॉक्टर , स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ॰ बिधान चंद्र राय ( Dr. Bidhan Chandra Roy ) के जन्म दिवस और पुण्यतिथि के अवसर पर मनाया जाता है।

डॉ॰ बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई 1882 को बिहार की राजधानी पटना में एक प्रवासी बंगाली परिवार में हुआ था। उनके जन्म स्थल को “अघोर प्रकाश शिशु सदन” नामक विद्यालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है। उनका प्रारंभिक जीवन अभावों में बीता। B.A की परीक्षा उत्तीर्ण कर वे कोलकाता चले गए। उन्हें अपने अध्ययन का भार स्वंय वहन करना पड़ता था।अततः कई कठिनाइयों के बाद उन्होंने इंग्लैंड से एम•आर•सी•पी• तथा एफ•आर•सी•एस• की परीक्षाएं उत्तीर्ण की। स्वदेश लौटने के बाद उन्होंने बंगाल के सियालदह में अपना निजी चिकित्सालय खोला और सरकारी नौकरी भी कर ली।

विश्व के प्रसिद्ध डॉक्टरों में डॉ॰ बिधान चन्द्र राय का प्रमुख स्थान रहा है। वे रोगियों के चेहरा को देखकर निदान और उपचार बता देते थे। अपने इन्हीं विलक्षण प्रतिभा के कारण ही उन्हें 1909 “रॉयल सोसायटी ऑफ मेडिसिन” , 1925 में “रॉयल सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन” तथा 1940 में “अमेरिकन सोसायटी आफ चेस्ट फिजीशियन” के फेलो चुने गए।

1923 में “यादव पुर राजयक्ष्मा अस्पताल” की स्थापना की हैं। तथा चितरंजन सेवा सदन की स्थापना में भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया। वे 1939 ई• से 1945 ई• तक “ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल” के अध्यक्ष रहे। वे जीवन प्रयत्न लोगों की सेवा करते रहे। बंगाल के अकाल के समय डॉ॰ राय द्वारा जनता के बीच की कई सेवाएं अविश्वसनीय रही है।

डॉ॰ बिधान चंद्र राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य, महामंत्री और कई पदों पर आसीन हुए। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में 1948 से 1962 तक बने रहे। उनके महान कार्यों के लिए ही उन्हें 1961 में भारत सरकार द्वारा भारत का सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया। उन्हें बंगाल के निर्माता के रूप में भी जाना जाता।

80 वर्ष की आयु में अपने जन्मदिन 1 जुलाई के दिन को ही 1962 में उनका निधन हो गया। उनके निधन पर ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने अपने शोक संदेश में लिखा –
” अपने मेडिकल प्रोफेशन में वे दुनिया के सबसे बड़े परामर्शदाता थे। जब भी वह किसी शहर या रेलवे स्टेशन पर यात्रा के दौरान जाते तो, वहां रोगियों की उमड़ती भारी भीड़ खबर बन जाती थी।”

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डॉक्टर्स दिवस


राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस 1 जुलाई | National Doctors Day in hindi

प्रस्तुति

महेंद्र प्रसाद दांगी

शिक्षक

धन्यवाद्!

Sindhu

अगर सही मार्ग पर चला जाए तो सफलता निश्चित है। अभ्यास सफलता की कुंजी मानी जाती है, और यह अभ्यास यदि सही दिशा में हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती। इस लिए कहा भी गया है:- " करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।"

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