भारतीय वायुसेना का 88 वां स्थापना दिवस आज, जानें इतिहास और वर्तमान

भारतीय वायुसेना का 88 वां स्थापना दिवस आज, जानें इतिहास और वर्तमान

भारतीय वायुसेना भारतीय सशस्त्र सेना का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह भारत की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इंडियन एयरफोर्स अमेरिका, रूस और चीन के बाद विश्व की चौथी बड़ी वायु सेना है। हाल ही में राफेल विमान के शामिल होने से भारतीय वायुसेना और भी मजबूत हो गई। भारतीय वायु सेना ने कई युद्धों में निर्णायक भूमिका निभाई है। साथ ही आपदाओं की स्थिति में भी इंडियन एयरफोर्स ने देश ही नहीं विदेशों में राहत एवं सहायता कार्य में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

88 वां स्थापना दिवस समारोह आज

भारतीय वायुसेना आज 88 वां स्थापना दिवस मना रहा है। मुख्य समारोह गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट स्टेशन पर हो रहा है। इस समारोह के लिए पूर्वाभ्यास 1 अक्टूबर 2020 से ही शुरू हो गया था। हाल ही में शामिल हुआ “राफेल विमान” इस समारोह का मुख्य आकर्षण होगा। इसके अलावा कुल 56 एयरक्राफ्ट इस समारोह में भाग ले रहे हैं।

स्थापना का इतिहास

भारतीय वायु सेना की स्थापना आज से 87 साल पहले 8 अक्टूबर 1932 को हुआ था। तथा इंडियन एयर फोर्स ने पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को भरी थी। उस समय 6 ऑफिसर और 19 सैनिक शामिल थे। जानकारी के अनुसार भारतीय वायुसेना की स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य की वायुसेना की इकाई के तौर पर की गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इसके बाद इंडियन एयर फोर्स के आगे रॉयल शब्द जोड़ दिया गया। इस प्रकार भारत गणतंत्र घोषित होने से पूर्व तक “रॉयल इंडियन एयर फोर्स” के रूप में जाना गया। 26 जनवरी 1950 के बाद से रॉयल शब्द हटाकर भारतीय वायुसेना का नाम “इंडियन एयर फोर्स” कर दिया। तबसे इसे “भारतीय वायु सेना” या “इंडियन एयर फोर्स” के नाम से जाना जाता है।

महत्वपूर्ण कार्य

भारतीय वायु सेना अपनी स्थापना से लेकर अब तक भारतीय सशस्त्र सेना के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में कार्य किया है। इसने पाकिस्तान के साथ हुए 1948, 1965, 1971 और 1999 में हुए युद्ध में विजय दिलाने में मदद की है। वहीं चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंडियन एयर फोर्स ने 1960 में अफ्रीकी देश कांगो में विद्रोह को शांत करने में भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। वहीं 1961 में आजादी के बाद गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने में भी भारतीय वायु सेना का उल्लेखनीय योगदान रहा है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक की सफलतम अभियान ने भारतीय वायु सेना को विश्व के चुनिंदा देशों के सामने खड़ा कर दिया है। भारतीय वायु सेना ने युद्ध ही नहीं बल्कि देश-विदेश में शांति स्थापित करने एवं आपदाओं की स्थिति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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भारतीय वायुसेना में शामिल लड़ाकू विमान एवं हेलीकॉप्टर

भारतीय वायुसेना के पास कई ऐसे लड़ाकू विमान हैं जो विश्व के कुछ ही देशों में है। भारत के पास रूस और स्वदेशी तकनीक पर बनी sukhoi-30 जैसे विमान शामिल है। मिराज, मिग, तेजस जैसे विध्वंसक विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हैं। हाल ही में फ्रांस से आए राफेल विमान का इंडियन एयर फोर्स में शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त ध्रुव, चेतक, रूद्र, एमआई श्रृंखला के हेलीकॉप्टर आदि अभेद्य क्षमता को प्रदर्शित करता है।

आदर्श वाक्य की गीता से

सशस्त्र भारतीय सेना के थल सेना और जल सेना के अपना आदर्श वाक्य है। उसी तरह भारतीय वायु सेना का भी आदर्श वाक्य है- “नभ: स्पृशं दीप्तम” । यह आदर्श वाक्य महाभारत के “गीता उपदेश” से लिया गया है। जिसे महाभारत युद्ध के दौरान कृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी। इसका शाब्दिक अर्थ “आकाश को स्पर्श करने वाला देदीप्यमान” होता है।

भारतीय वायुसेना से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्य

• भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में हुई।
• इसने पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को भरी।
• गणतंत्र के पूर्व भारतीय वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स के रूप में जाना जाता था।
• भारतीय वायु सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
• वर्तमान में भारतीय वायुसेना में 1 लाख 39 हजार से अधिक सक्रिय सैनिक शामिल हैं।
• राफेल, सुखोई, मिराज, मिग जैसे विध्वंसक लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हैं।
• 1948, 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ तथा 1962 में चीन के साथ युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
• 1960 में कांगो में शांति स्थापित करने तथा 1961 में गोवा को पुर्तगालियों से मुक्त कराने में भी अहम योगदान रहा है।
• युद्ध के साथ-साथ विश्व के कई क्षेत्रों में शांति स्थापित करने तथा आपदाओं के दौरान भारतीय वायुसेना का उल्लेखनीय योगदान का रहा है।
• वर्तमान में एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया वायु सेना के अध्यक्ष हैं।
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प्रस्तुतकर्ता
www.gyantarang.com

संकलन
महेंद्र प्रसाद दांगी
शिक्षक

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