विश्व आयोडीन अल्पता दिवस, जानें महत्वपूर्ण तथ्य
आयोडीन एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह यह शारीरिक वृद्धि एवं उनकी मानसिक विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है। आयोडीन की कमी से मंदबुद्धि बच्चे का होना, स्वत: गर्भपात होना, घेंघा रोग, तंत्रिका संबंधी बीमारी इत्यादि होता। हर रोज सुई की नोक के बराबर आयोडीन की मात्रा की आवश्यकता पड़ती है। विश्व आयोडीन अल्पता दिवस पर जाने आयोडीन से जुड़ी महत्वपूर्ण तथ्य।
उद्देश्य
• दुनिया भर में आयोडीन के पर्याप्त उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष 21 अक्टूबर को विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया जाता है।
आयोडीन क्यों आवश्यक
• आयोडीन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो मानव के शरीर वृद्धि और मानसिक विकास के लिए अति आवश्यक है।
• आयोडीन हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करने तथा मां के गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण घटक है।
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आयोडीन की कमी से होने वाले रोग
• मंदबुद्धि बच्चा, तंत्रिका पेशी संबंधित समस्या जन्मजात बहरा-गूंगापन एवं स्वतः गर्भपात, थायराइड ग्रंथि का बढ़ना, चेहरे में सूजन और घेंघा (गलकण्ड) जैसी समस्या आयोडीन की कमी से होती है।
• हमारे शरीर में हर रोज आयोडीन सुई की नोक (100-150 माइक्रोग्राम) के बराबर की मात्रा की आवश्यकता होती है।
• हालांकि आयोडीन की अधिक मात्रा सेवन से भी कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसलिए आयोडीन का सेवन एक सीमित मात्रा (आवश्यकतानुसार) ही करना चाहिए।
आयोडीन के स्रोत
• आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे:- समुद्री शैवाल, शेल्फिश, समुद्री मछली तथा आयोडीन युक्त नमक से आयोडीन की कमी को दूर किया जा सकता है।
आयोडीन अल्पता दूर करने के उपाय
• एक आंकड़े के अनुसार भारत में 7 करोड़ से अधिक लोग आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों से ग्रसित है।
• आयोडीन अल्पता दूर करने के लिए भारत सरकार ने 1962 में “राष्ट्रीय गलकण्ड नियंत्रण कार्यक्रम” शुरू किया था। जिसका नाम बदलकर 1992 में “राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम” कर दिया गया।
• लोगों तक आयोडीन की मात्रा पहुंचाने के लिए झारखंड सरकार ने भी जन वितरण के माध्यम से आयोडीन युक्त नमक की आपूर्ति कर रही है।
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