विश्व प्रसिद्ध चित्रकार पाब्लो पिकासो का जीवन परिचय हिंदी में
“25 अक्टूबर: विश्व प्रसिद्ध चित्रकार पाब्लो पिकासो का 139 वी जयंती आज”
पाब्लो पिकासो विश्व के प्रसिद्ध चित्रकार थे। उन्होंने दुनिया में घनवाद (Cubism) जैसी नई चित्र शैली को जन्म दिया। घनवाद चित्रकला आंदोलन की शुरुआत की हालांकि इसके लिए उन्हें आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी। अन्याय और अत्याचार के खिलाफ थे। फ्रांसीसी सेना द्वारा स्पेन पर किए गए हमले से वे काफी दुखी थे। उन्होंने स्पेन पर फ्रांस के इस हमले और अत्याचार को एक बड़ी सी पेंटिंग में चित्रित किया। जिसे “गुएर्निका” (Guernica) पेंटिंग के नाम से जाना जाता है। इस पेंटिंग ने उन्हें विश्व में प्रसिद्ध बना दिया।
जन्म
• विश्व विख्यात चित्रकार पाब्लो पिकासो (Pablo Picasso) का जन्म आज ही के दिन 25 अक्टूबर 1881 ई• को स्पेन के मलागा में हुआ था।
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शिक्षा
• बीसवीं शताब्दी के सबसे चर्चित, विवादास्पद और धनी चित्रकारों में से एक थे।
• पिकासो के पिता कला के अध्यापक थे इसलिए उन्हें कला की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से मिली।
• जब पिकासो 14-15 वर्ष की आयु में थे तभी उन्होंने बेहतरीन चित्र बनाने लगे थे।
• उनके पिता ने पेंटिंग का सारा सामान पिकासो को दे दिया और पुनः कुची (ब्रस) न उठाने का निर्णय लिया।
चित्रकला
• पिकासो की कलाकृति “मानव वेदना” को उद्धृत करने वाली एक बेहतरीन नमूना मानी जाती है।
• उन्होंने तीक्ष्ण रेखाओं का प्रयोग करके घनवाद (Cubism) चित्रकला को जन्म दिया।
घनवाद (Cubism) चित्रकला

• घनवाद एक ऐसी चित्र कला है जिसमें ज्यामितीय ( त्रिभुज, आयत, चतुर्भुज, वर्ग) इत्यादि चिन्हों का प्रयोग कर चित्र बनाया जाता है।
• उन्होंने 1907 में पहला चित्र “एवीगनन की स्त्रियां” (The Ladies of Avigon) बनाया था।
• हालांकि तीक्ष्ण रेखाओं (घनवाद) के प्रयोग से बनाए गए चित्रों की खूब आलोचना भी हुई थी।
• जार्ज ब्राक ने भी इस पेंटिंग विधि को आगे बढ़ाने में सहयोग किया।
• हालांकि 1960-65 तक घनवाद पेंटिंग विवादों में रहा।
• विश्व के सभी देशों के युवा चित्रकार इस कला से प्रभावित हुए।
• लगभग इसी दौरान उन्होंने ‘इंग्रेस’ की कलाकृति में रुचि ली और महिलाओं के अनेक चित्र बनाएं।
• इन चित्रों की तुलना प्राचीन यूनानी मूर्तियों से की जाती है।
पिकासो की अन्य चित्रकला
• पिकासो हमेशा अत्याचार और अन्याय के खिलाफ रहे। जब 1937 में फ्रांस के बमवर्षकों ने स्पेन की रिपब्लिक सेनाओं पर बमबारी की तो उन्होंने फ्रांस के नाजी हमलावरों के विरुद्ध अपना रोष जताने के लिए दिन-रात एक कर के विशाल चित्र “गुएर्निका” बनाया।
• इस चित्र में द्वितीय विश्वयुद्ध की भयावहता का चित्रण किया गया ह

• हालांकि इस विश्व प्रसिद्ध चित्र को बनाने के बाद वे स्वेच्छा से देश निकाला स्वीकार किया।
• उन्होंने प्रण लिया कि जब तक स्पेन में फिर से रिपब्लिक स्पेन की स्थापना नहीं हो जाती वह स्वदेश नहीं लौटेंगे।
• पिकासो द्वारा 1955 में बनाई गई ऑयल पेंटिंग ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था। वह पेंटिंग लगभग 18 करोड़ डाॅलर में बिकी थी। जो उस समय तक की सबसे महंगी पेंटिंग थी।
• पाब्लो पिकासो ने चित्रकला से अथाह धन-दौलत कमाई।
मृत्यु
• 8 अप्रैल 1973 को 91 वर्ष की आयु में फ्रांस में उनका निधन हो गया। और एक बेहतरीन चित्रकला दुनिया से सदा के लिए चल बसा।
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Writer
M P Dangi
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