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विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर का जीवन परिचय

On: October 19, 2020 7:39 AM
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विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर का जीवन परिचय

सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर विश्व प्रसिद्ध भौतिक शास्त्र थे। विलक्षण प्रतिभा के धनी चंद्रशेखर ने अल्पायु में ही कई रहस्य सुलझा लिए थे। उनके खोज “चंद्रशेखर सीमा” के नाम से प्रसिद्ध है। जिसे उन्होंने 1935 में खोजा था। लेकिन इस खोज को महत्त्व 1983 में तब मिली जब उन्हें इस खोज के लिए भौतिक का नोबेल पुरस्कार दिया गया। सुब्रह्मण्यन चन्द्रशेखर पाकिस्तान में जन्म लिए, भारत में पले-बढ़े और अमेरिका में बस गए। इस पोस्ट में सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर का जीवन परिचय देखेंगे।

• जन्म:- 19 अक्टूबर 1910 ई• लाहौर, (अब पाकिस्तान)
• मृत्यु:- 21 अगस्त 1995 ई• शिकागो, अमेरिका
• महत्वपूर्ण  खोज:- Chandrasekhar limit

☆ जीवन परिचय

भारत ही नहीं विश्व के एक प्रसिद्ध खगोलशास्त्री सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर का जन्म लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका परिवार दक्षिण ब्राह्मण भारतीय परिवार से संबंधित था। चंद्रशेखर के प्रारंभिक शिक्षा लाहौर में हुई। 1925 में उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। पिता के मद्रास (अब चेन्नई) आने के बाद उन्होंने 1930 में मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज से भौतिक विज्ञान में डिग्री हासिल की। वे 1910 से 1947 तक ब्रिटिश भारत के नागरिक के रूप में रहे। जबकि 1947 से 1953 तक भारत के नागरिक रहे। 1953 में  उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिकता ग्रहण कर ली।

☆ विज्ञान के क्षेत्र में योगदान एवं उपलब्धि

• 1930 में सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर ने इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में शोध कार्य प्रारंभ किया।
• मात्र 17 वर्ष की आयु में ही चंद्रशेखर का विज्ञान लेख पत्रिका “इंडियन जर्नल आफ फिजिक्स” में प्रकाशित हुआ।
• 24 वर्ष की आयु में ही उन्होंने 1934 में तारे के गिरने और लुप्त होने की अपनी वैज्ञानिक जिज्ञासा सुलझा ली थी।
• उनके महत्वपूर्ण कृति एन इंट्रोडक्शन टू द स्टडी ऑफ स्टेलर स्ट्रक्चर 1939 में प्रकाशित हुआ।
• 1942 में उनकी दूसरी कृति प्रिंसिपल ऑफ स्टेलर डायनामिक्स प्रकाशित हुई।
• जबकि 1943 में रिव्यूज ऑन मॉडर्न फिजिक्स नामक पुस्तक प्रकाशित हुई है।
• उनकी महत्वपूर्ण खोज “चंद्रशेखर लिमिट”  ( Chandrasekhar limit) 1935 में हुई थी। परंतु एक लंबे समय के बाद उनकी इस महान खोज के लिए 1983 में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।

☆ पुरस्कार एवं सम्मान

• चंद्रसेखर सीमा के लिए उन्हें 1983 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उन्हें संयुक्त रूप से विलियम ए फाउलर के साथ दिया गया।
•  1967 मैं नेशनल मॉडल ऑफ साइंस, 1984 में काॅप्ले पदक प्रदान किया गया।
• भारत सरकार ने 1986 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया।

☆ निधन

21 अगस्त 1995 को 84 साल की उम्र में सुब्रह्मण्यन चन्द्रशेखर का अमेरिका के शिकागो में निधन हो गया।

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यदि इस पोस्ट में किसी प्रकार की त्रुटि लगे या फिर आप सुझाव देना चाहें तो इस ईमेल
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पर हमें जानकारी दे सकते हैं.
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प्रस्तुतकर्ता
www.gyantarang.com

संकलन
महेंद्र प्रसाद दांगी
शिक्षक

Sindhu

अगर सही मार्ग पर चला जाए तो सफलता निश्चित है। अभ्यास सफलता की कुंजी मानी जाती है, और यह अभ्यास यदि सही दिशा में हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती। इस लिए कहा भी गया है:- " करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।"

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