Class 10th. Chapter:- 1
Geography
Factors Affecting Soil Formation
मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
पृथ्वी की ऊपरी मुलायम परत जिसका निर्माण चट्टानों के टूटने से प्राप्त हुए खनिज कणों, पेड़ पौधों एवं जीव जंतुओं के गले-सड़े अंश, जीवित जीव, जल तथा वायु के मिश्रण से हुआ है। इसे मृदा संसाधन कहते हैं। मृदा का निर्माण कई कारकों पर निर्भर करता है। ये कारक निम्नलिखित है।
Factors Affecting Soil Formation
मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
मिट्टी अथवा मृदा जीवों के अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण नवीकरणीय संसाधन है. पेड़ पौधों एवं फसलों का विकास मिट्टी की प्रकृति पर निर्भर करता है. धरातल की गहराई के साथ मिट्टी के काण मोटे होते जाते हैं. कुछ सेंटीमीटर गहरी मृदा बनने में लाखों साल लग जाते हैं. मिट्टी बनने की प्रक्रिया में निम्न कारण जिम्मेवार है.
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♦ उच्चावच (Reliefs)
पर्वतीय ढलानों और पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा ढाल के कारण पानी के माध्यम से बह जाता है। जिस कारण मृदा की गहराई कम होती है। वहीं दुसरी और मैदानी क्षेत्रों में मृदा की गहराई अधिक होती है। साथ ही तीब्र ढाल वाले क्षेत्रों में पानी के बहाव के कारण जैव पदार्थों का जमाव भी नहीं हो पाता है। जिससे मृदा में पोषक तत्वों की मात्रा प्रभावित होती है।
♦ जलवायु (climate)
जलवायु के प्रमुख तत्व तापमान और वर्षा भी मृदा के निर्माण को प्रभावित करते हैं। अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सूक्ष्मजीव अधिक क्रियाशील रहते हैं। इस कारण जीवांश पदार्थों का जमाव नहीं हो पाता। वहीं अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में मृदा से नमी गायब हो जाती है। परीणाम स्वरूप लेटराइट जैसे कम उपजाऊ मृदा का निर्माण होता है।
♦ जनक चट्टान (Parent rock)
लाखों वर्षों के पश्चात चट्टानों के टूटने-फूटने से प्राप्त अवशेष से ही मृदा का निर्माण होता है। इसमें लंबे समय तक रासायनिक, भौतिक और जैविक क्रियाओं के बाद ही मृदा का निर्माण होता है। चट्टान में जिस प्रकार के पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं मृदा में भी वही पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस प्रकार मृदा में पोषक तत्व की मात्रा जनक शैल पर निर्भर करती है।
♦ वनस्पति और अन्य जैविक पदार्थ
(Vegetation and other organic matter)
वनस्पति और जीव जंतुओं के सड़े गले अंस मृदा में मिलकर मृदा को पोषण प्रदान करते हैं। जिस किसी भी मिट्टी में जितनी अधिक मात्रा में वनस्पति एवं अन्य जैव पदार्थ मिले होंगे। उस मिट्टी की पोषकता उतना ही अधिक होगी।
♦ समय (Time)
मृदा का निर्माण कई प्रक्रियाओं के तहत होता है। यह प्रक्रिया काफी लंबे समय की होती है। जिस किसी भी मिट्टी के निर्माण की प्रक्रिया जितना ही पहले शुरू हुई है। वह मृदा उतनी ही अधिक पोषण वाली होगी। इस प्रकार मृदा की परिपक्वता समय पर निर्भर करता है।
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