First ATM Machine In The World
दुनिया में पहली एटीएम मशीन
पैसा खत्म होते ही हम एटीएम ढूंढने लगते हैं। एटीएम के कारण आज लोग घरों में ज्यादा पैसे नहीं रखते हैं। जिससे चोरी का डर कम हो गया है। लोग समझते हैं कि जब जरूरत होगा तो एटीएम से पैसे निकाल लेंगे। एटीएम ने शॉपिंग को आसान बना दिया है। अब सामानों को खरीदने के लिए भारी-भरकम पैसे ले जाने की आवश्यकता नहीं रहती। जरूरत के अनुसार एटीएम कार्ड से स्वाइप कर भुगतान कर दिया जाता है। यदि हम कहे कि एटीएम ने नगद की प्रवृत्ति को कम किया है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस कड़ी में First ATM Machine In The World दुनिया में पहली एटीएम मशीन के बारे में जानने जा रहे हैं।
ATM मशीन का आविष्कार कैसे हुई
एटीएम मशीन को बनाने का श्रेय स्कॉटलैंड के जाॅन शेपर्ड बैराॅन को जाता है। दरअसल एटीएम मशीन के आविष्कार की कहानी भी कम रोचक नहीं है। एक बार बैरोन पैसे निकालने के लिए बैंक गए थे, लेकिन कुछ मिनटों के देरी के कारण बैंक बंद हो गया था। जिस कारण वे बैंक से पैसे नहीं निकाल पाए। उसके बाद एक दिन जब बैराॅन स्नान कर रहे थे, तभी अचानक उनके मन में ख्याल आया कि जब चॉकलेट वेडिंग मशीन से निकल सकती है तो पैसे क्यों नहीं? इसी ख्याल के बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर पैसे निकालने के लिए एटीएम मशीन का आविष्कार किया।
विश्व में पहली एटीएम मशीन की शुरुआत
विश्व का पहला एटीएम मशीन ब्रिटेन के लंदन में 27 जून 1967 को लंदन के बारक्लेज बैंक के एक शाखा पर लगाई गई थी। तब से आज तक विश्व के विभिन्न देशों में एटीएम मशीनों का जाल बिछ गया है। अब एटीएम मशीनें केवल पैसे देने के लिए नहीं बल्कि पैस जमा का भी काम कर रही है। इससे बैंकों पर ग्राहकों का बोझ भी कम हुआ है।
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एटीएम मशीन के आविष्कारक बैराॅन का जन्म भारत में
एटीएम मशीन के अविष्कारक जाॅन शेफर्ड बैराॅन का जन्म 23 जून 1925 को मेघालय की राजधानी शिलांग में हुआ था। उस समय बैराॅन के पिता विलफ्रिड शेफर्ड बैराॅन चिटगांव पोर्ट कमिश्नरेट में प्रमुख इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। जाॅन शेफर्ड बैरॉन की मृत्यु 84 वर्ष की आयु में 15 मई 2010 को ब्रिटेन में हुई थी।
भारत में एटीएम की शुरुआत
भारत में एटीएम मशीन की शुरुआत मुम्बई में 1987 से हुई है। जब हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कारपोरेशन (HSBC) ने मुंबई के एक शाखा में एटीएम मशीन लगवाई थी। तब से लेकर अब तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न बैंकों के 2 लाख से अधिक एटीएम मशीनें लगाई जा चुकी है।
ATM का Full Form (विस्तार नाम)
ATM को हिन्दी में स्वचालित टेलर मशीन कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे:-
ATM:- Automatic Teller Machine
या
ATM:- Automated Teller Machine
ATM में सुरक्षित पिन चार अंकों का ही क्यों?
जॉन शेफर्ड बैराॅन एटीएम के गुप्त पिन को 6 अंकों का रखना चाहते थे। लेकिन उनकी पत्नी का मानना था कि इससे पिन याद करने में लोगों को दिक्कत हो सकती है। लोग 6 अंकों का पिन भुल सकते हैं। अन्तत: बैराॅन ने अपनी पत्नी की बातों को मानते हुए एटीएम पिन 4 अंकों का ही रखा। जो आज तक प्रचलन में ATM पिन चार अंक का ही है।
ATM से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
• भारत में पहला तैरता एटीएम केरल के कोच्चि में लगाया गया था।
• विश्व का सबसे ऊंचाई पर एटीएम नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान ने लगाया है। यह एटीएम लगभग 15000 फीट की ऊंचाई पर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर लगाया गया है।
• भारत में सबसे ऊंचाई पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एटीएम मशीनें लगाई है। इसे सिक्किम के नाथूला में लगभग 14000 फीट की ऊंचाई पर लगाया गया है।
• एटीएम की सुविधा उपलब्ध कराने वाला भारत का सबसे बड़ा युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य है। यहां एसबीआई का यह एटीएम उपग्रह के जरिए संचालित होता है।
First ATM Machine In The World
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महेंद्र प्रसाद दांगी
शिक्षक
प्रस्तुतकर्ता
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