New 7 Wonders Of The World
विश्व के सात नए आश्चर्य
विश्व के सात नए आश्चर्य ऐतिहासिक तथा भव्य वास्तुकला के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। इन विश्व धरोहरों को देखने के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इससे उस देश की सरकारों को विदेशी मुद्रा की भी प्राप्ति होती है। आज की कड़ी में इन्हीं New 7 Wonders Of The World देखने जा रहे हैं।
⭐ विश्व के सात नए आश्चर्य का चयन
प्राचीन समय में हेरोडोटस और कॉलिमाचस जैसे महान विद्वानों ने सात आश्चर्यों की सूची बनाई थी। जिसमें गीजा के पिरामिड, बेबीलोन के झूलते हुए बाग आदि शामिल था। जो वर्ष 2007 तक विश्व के आश्चर्य के रूप जाना गया।
2001 में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में विश्व के सात नए आश्चर्यों की सूची तैयार करने के लिए “सात नए आश्चर्य फाउंडेशन” की स्थापना की गई। इस फाउंडेशन के दावों के अनुसार विश्व के विभिन्न क्षेत्रों से विश्व के सात आश्चर्य चुनने के लिए 10 करोड़ से अधिक लोगों ने टेलीफोन और इंटरनेट से वोटिंग की। तत्पश्चात इस संस्था ने 7 जुलाई 2007 को विश्व के सात नए आश्चर्य की सूची जारी किया।
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New 7 Wonders Of The World
विश्व के सात नए आश्चर्य
1• Taj Mahal ताज महल, भारत
ताजमहल मुग़ल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। यह भारत की राजधानी नई दिल्ली के समीप आगरे में स्थित संगमरमर का बना एक मकबरा है। इस प्रसिद्ध मकबरे का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था। इस महल का निर्माण वर्ष 1631 से 1653 के बीच हुआ है। इसका प्रमुख निर्माणकर्ता उस्ताद अहमद लाहौरी को माना जाता है। 22 वर्षों तक 10,000 से अधिक हाथियों तथा 20,000 से अधिक मजदूरों को लगातार काम पर लगाया गया। ताजमहल में लगे सामग्री और वास्तुकार भारत और एशिया के विभिन्न भागों से लाये गये थे।

ताजमहल फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामिक वास्तु शैली का मिलाजुला रूप है। इसे इस्लामिक कला का रत्न भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि ताजमहल जैसी दूसरी खूबसूरत इमारत न बन सके इसके लिए शाहजहां ने वास्तुकारों के अंग कटवा दिए थे। हालांकि इसके पूर्ण साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। यूनेस्को ने 1983 में इस खूबसूरत ताजमहल को विश्व धरोहर में शामिल किया।
2• Great Walls of China चीन की महान दीवार, चीन
यह मिट्टी और पत्थरों से बनी चौड़ी दीवार है। इसे 5वीं शताब्दी ई• पू• से 16 वीं शताब्दी तक चीन के विभिन्न शासकों के द्वारा उतरी हमलावरों से रक्षा के लिए बनवाया गया था। लगभग 6400 कि•मी• में विस्तृत चीन की मानव निर्मित यह दीवार इतना विशाल है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। यूनेस्को ने इसे 1987 में विश्व धरोहर घोषित किया।
⭐ महत्वपूर्ण तथ्य:-

• चीन की इस महान दीवार को 1970 में आम पर्यटकों के लिए खोला गया।
• इस दीवार के निर्माण में पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए चावल के आटे का प्रयोग किया गया था।
• यह दीवार इतनी चौड़ी है कि इतनी चौड़ी है कि 5 घुड़सवार या 10 पैदल सैनिक एक साथ चल सकते हैं।
• इस दीवार की ऊंचाई 9 से 35 फुट तक है।
• एक आंकड़ों के अनुसार इसे बनाने में करीब 10 लाख लोगों ने जानें गवाई थी।
• ऐसा माना जाता है कि जिस मजदूर की मौत होती थी। उसे इसी दीवार में दफना दिया जाता था।
• यही वजह है कि इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है।
• लगभग एक करोड़ पर्यटक हर वर्ष इस महान दीवार को देखने के लिए आते हैं।
3• Chichen Itza चिचेन इत्जा, मैक्सिको
उत्तरी अमेरिका के मैक्सिको में स्थित चिचेन इत्जा दुनिया के सात अजूबों में से एक है। यह ऐतिहासिक इमारत माया सभ्यता की इतिहास की कहानी को इंगित करता है। इतिहासकारों ने इसे माया सभ्यता का केंद्र माना है। इस प्रसिद्ध इमारत का निर्माण 750 ई• से 1200 ई• के बीच माना जाता है।

इस इमारत में चार दिशाओं में 91 सीढ़ियां है। प्रत्येक सीढ़ी वर्ष के 1 दिन का प्रतीक है और 365 दिन सबसे ऊपर में बना एक चबूतरा है। बसंत और शरद ऋतु में सूर्य के उदय और अस्त होने पर यह संरचना उत्तर की सीढ़ी के पश्चिम में एक पंखाकार सर्प की छाया बनाती है। इस छाया का रहस्य आज भी सुलझाया नहीं जा सका है। 1988 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया।
4• Christ The Redeemer मसीह उद्दारक, ब्राजील
यह ब्राजील की पूर्व राजधानी रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक भव्य प्रतिमा है। इसका निर्माण 1922 से 1931 के बीच किया गया था। यह भव्य प्रतिमा मजबूत कंक्रीट और सोप स्टोन से बनी हुई है। इस प्रतिमा पर पक्षियों को बैठने से रोकने के लिए ऊपरी भाग में किलें लगाई गई है। पर्यटकों के लिए इस प्रतिमा को 1931 में खोला गया था। इस प्रतिमा का निर्माण फ्रांसीसी मूर्तिकार पाल लैंडोव्सकी द्वारा किया गया था।

यह प्रतिमा ईसाई धर्म के प्रतीक के रूप में रियो और ब्राजील के लिए एक पहचान बन गयी है। तिजुका फॉरेस्ट नेशनल पार्क में स्थित यह प्रतिमा 130 फीट ऊंची तथा 98 फीट चौड़ी है। इस प्रतिमा को विश्व का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टैच्यू माना जाता है।
5• The Colosseum कालोजेयम, रोम इटली
यह इटली की राजधानी रोम के मध्य में निर्मित रोमन साम्राज्य का सबसे विशालतम एलिप्टिकल एंफीथिएटर है। इसका निर्माण 70 ई• से 82 ई• के बीच तत्कालिक शासक वेस्पियन और सम्राट टाइटन ने करवाया था। यह एक प्रकार का प्राचीनतम स्टेडियम था। जहां लगभग 50 हजार दर्शकों के बैठने की जगह थी।

इस स्टेडियम में योद्धाओं के बीच मनोरंजन के लिए खूनी लड़ाइयां का खेल खेला जाता था। यहां योद्धा खतरनाक जानवरों से भी लड़ते थे। एक अनुमान के अनुसार इस स्टेडियम में इस प्रकार के प्रदर्शनों में लगभग 5 लाख पशुओं तथा 10 लाख योद्धा मारे गये थे।
इसके अतिरिक्त इस स्टेडियम में पौराणिक कथाओं पर आधारित नाटक भी खेले जाते थे।
6• Machu Pichu माचु पिचु, पेरू
माचु पिचु दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के उरूबांबा घाटी में स्थित इंका सभ्यता से संबंधित ऐतिहासिक स्थल है। 1430 ई• से 1470 ई• के आस-पास इंकाओं ने इसका निर्माण अपने शासकों के प्रशासनिक स्थल के रूप में शुरू किया था। परंतु इसके लगभग 100 सालों के बाद जब इंकाओं पर स्पेनियों ने विजय प्राप्त की तो इस स्थल को यूं ही छोड़ दिया गया। इस कारण इस प्रसिद्ध स्थल को इंकाओं का खोया हुआ शहर भी कहा जाता है।

इस प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल को पूरे विश्व ने तब जाना, जब अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम ने 1911 में इस प्राचीन स्थल की खोज की। इस स्थल की महत्ता को जानते हुए यूनेस्को ने 1983 में इसे विश्व धरोहर में शामिल किया।
7• Petra पेट्रा/पेत्रा, जार्डन
पेत्रा दक्षिण पश्चिम एशियाई देश जार्डन के मयान प्रांत में स्थित एक ऐतिहासिक नगरी है। जो पत्थर से तराशे गई इमारतों तथा पानी वाहन के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां स्थित “होर” नामक पहाड़ी की ढलान पर पत्थर से तराशी गई पेत्रा विश्व प्रसिद्ध है। जो पहाड़ों से घिरी हुई एक द्रोणी में स्थित है। इसे छठी शताब्दी ईसा पूर्व में नबातियों ने अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया था

माना जाता है कि इसका निर्माण 1280 ई•पूर्व के आसपास प्रारंभ हुआ। वर्तमान समय में यह एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। बीबीसी ने “अपने मरने से पहले 40 देखने योग्य स्थलों” में से पैंत्रा को भी शामिल किया है। यूनेस्को ने इसे 1985 ई• में इसे विश्व धरोहर घोषित किया।
⭐ प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य
New 7 Wonders Of The World के बाद अब प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य पर एक नजर डाला जाय।
प्राचीन विश्व के सात आश्चर्य प्राचीन वास्तुकला के उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हैं। ये सभी सातों आश्चर्य भूमध्य सागर के आसपास के इमारतों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी। इन सातों आश्चर्य में केवल मिस्र में स्थित गीजा का पिरामिड ही नष्ट होने से कुछ हद तक बच पाया है। जबकि अन्य सभी छह आश्चर्य अब पूर्णत: नष्ट हो चुके हैं।

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जय हिंद दोस्तों!