Provision for women in our constitution in hindi

? Provision for women in our constitution हमारे संविधान में महिलाओं के लिए प्रावधान

भारत का संविधान वृहत और लिखित है। भारतीय संविधान में महिलाओं को पुरुषों के समान ही अधिकार दिए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है। अनुच्छेद 36 से लेकर के 51 तक राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में भी महिलाओं की स्थिति का उल्लेख किया गया है। अनुच्छेद 51 (क) में वर्णित मौलिक कर्तव्यों में भी महिलाओं की स्थिति का विवरण मिलता है। साथ ही संसद द्वारा भी कई प्रकार के कानून बनाकर महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देने की बात की गई है। आइए जानते हैं, Provision for Women in Our Constitution में और Indian Parliament द्वारा महिलाओं को किस प्रकार के अधिकार दिए गए।

? मौलिक अधिकारों में महिलाओं के लिए प्रावधान
Provision for women in fundamental rights

• अनुच्छेद 15:- धर्म, जाति, जन्म स्थल तथा लिंग के आधार पर भेदभाव न करना।
• अनुच्छेद 15(3):- महिलाओं के लिए विशेष उपबंधओं का निर्माण करना।
• अनुच्छेद 16:- लोक सेवा के क्षेत्र में पुरुषों के समान महिलाओं को अवसर दिया जाना।
• अनुच्छेद 19:- पुरुषों के समान महिलाओं को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार।
• अनुच्छेद 21 प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता से वंचित न किया जाना।
• अनुच्छेद 23:- खरीद बिक्री एवं बलपूर्वक श्रम से संरक्षण मिलना।

? राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में महिलाओं के लिए प्रावधान
Provisions for women in the directive principles of state policy

• अनुच्छेद 39:- पुरुषों के समान महिलाओं को आजीविका का साधन उपलब्ध प्रावधान।
• अनुच्छेद 40:- पंचायती राज संस्थाओं में 73 एवं 74 वें संशोधन द्वारा महिलाओं को 33% आरक्षण का प्रावधान।
• अनुच्छेद 42:- महिला कर्मियों को क्षमता के अनुसार कार्य की दशाओं को तय करना। अर्थात प्रसूति सहायता हेतु प्रावधान का उल्लेख किया गया है।
• अनुच्छेद 47:- महिलाओं हेतु पोषाहार तथा लोक स्वास्थ्य में सुधार हेतु उपबंध का प्रावधान।

? मौलिक कर्तव्यों में महिलाओं के लिए प्रावधान
Provision for women in fundamental duties

• अनुच्छेद 51(क) (ङ) :- महिलाओं के समान के विरुद्ध प्रथाओं का त्याग करने का उपबंध का उल्लेख है।

? महिलाओं के लिए संसद द्वारा बनाए गए कानून
Laws made by parliament for women

Provision for Women in Our Constitution में वर्णन किया गया है। साथ ही Parliament में भी महिलाओं के लिए कई कानून पारित किये गये हैं। ये संविधान के अनुच्छेद और संसद के कानून महिलाओं को समान अवसर प्रदान करता है। आइए जानते हैं उन कानुनों को जो संसद द्वारा पारित किये गये हैं।

? प्रसूति पर सुविधा अधिनियम, 1961:-
महिला कर्मचारियों को प्रसव अथवा गर्भपात हेतु निर्धारित अवकाश तथा अन्य चिकित्सा सुविधा दिया जाना आवश्यक है।
? समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976:-
समान काम के लिए पुरुषों के समान महिला को भी समान वेतन दिया जाना।
? बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 1976:-
बाल विवाह को प्रतिबंधित किया गया
? महिला अशिष्ट निरूपण निषेध अधिनियम, 1986:-
महिलाओं के सम्मान को क्षति पहुंचाने वाले विज्ञापनों तथा अन्य प्रदर्शनों पर रोक लगाना।
? वेश्यावृत्ति निवारण अधिनियम, 1986:-
महिलाओं से वेश्यावृत्ति कराने वाले पर दंडात्मक प्रावधान।
? सती प्रथा निषेध अधिनियम, 1987:-
विधवा हुई महिला को सती होने से रोकना है। साथ ही सती होने वाली महिला को ऐसा करने से न रोकने वाले रिस्तेदारों को भी दोषी ठहराए जाने की व्यवस्था की गई है।
? 73वां एवं 74वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1993:-
त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 33% का आरक्षण का प्रावधान।
? प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम, 1994:-
भ्रूण के लिंग की जांच पर प्रतिबंध
? बीड़ी एवं शिकार कर्मकार अधिनियम, 1986:-
महिला कर्मकारों के बच्चे के लिए मालिक के द्वारा शिशु सदनों की स्थापना अनिवार्य रूप से करना।
? खान अधिनियम, 1952:-
भूमिगत खदानों में कार्य हेतु महिलाओं के नियोजन पर पूर्ण प्रतिबंध।
? कर्मचारी राज्य बीमा (विनियमन) अधिनियम 1952 प्रसूति काम के लिए किए गए दावे को चिकित्सीय प्रमाण पत्र की तिथि से स्वीकार किया जाना।
? बागान श्रम अधिनियम, 1951:-
महिला कर्मकारों को अपने शिशुओं को दूध पिलाने के लिए आवश्यक रूप से अवकाश देना।
? महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005:-
मनरेगा में महिलाओं को रोजगार में 33% का आरक्षण दिये जाने का प्रावधान।

? अन्य भागों में भी महिलाओं से संबंधित विशेष प्रावधान
Special provisions relating to women in other parts also

Provision for Women in Our Constitution में तो महिलाओं के लिए कुछ विशेष प्रावधान है। साथ ही देश के अन्य भागों में भी महिलाओं के लिए कुछ विशेष प्रावधान किये हैं, या किये जा रहे हैं।

◾ झारखंड राज्य में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50% का आरक्षण दिया गया है।
◾ इन सबके अलावा संसद में मुस्लिम महिलाओं के तलाक से संबंधित विधेयक भी अभी लंबित है।
◾ लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी महिला प्रत्याशियों की आरक्षण की बात समय-समय पर उठता रहा है।

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