Top Tourism Place in India in hindi भारत के ऐतिहासिक स्थल
भारत ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक रूप से विश्व का एक महत्वपूर्ण देश है. यहां की संस्कृति और सभ्यता विश्व को शिक्षा देती रही है. प्राचीन समय से अब तक भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर आज भी विद्यमान है. जो हमारी समृद्ध संस्कृति और सभ्यता की कहानी को बयां करता है. उन्हीं धरोहरों में खजुराहो का मंदिर, सांची का स्तूप, नालंदा के खंडहर, कोणार्क का सूर्य मंदिर, तीन धर्मों का संगम स्थली भद्रकाली, अजंता-एलोरा की गुफाएं और दिल्ली का कुतुब मीनार इत्यादिइत्यादि शामिल हैं.
Top Tourism Place in India in hindi भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ नालन्दा विश्व विद्यालय, बिहार
• नालन्दा प्राचीन भारत की सबसे महत्वपूर्ण और विख्यात उच्च शिक्षा का केंद्र था।
• बौद्ध धर्म से संबंधित इस शिक्षा स्थल पर विश्वभर से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते थे।
• नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम में 450 ई• से 470 ई• के बीच किया था।
• नालंदा विश्वविद्यालय को नवमी शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थी।
• नालंदा विश्वविद्यालय अत्यंत सुनियोजित ढंग से एवं विस्तृत क्षेत्र में बना हुआ, स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना प्रस्तुत करता है।
• नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में स्थित मंदिर में कई छोटे-बड़े स्तूप है।
• इन सभी स्तूपों में भगवान बुद्ध के विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां बनी हुई है।
• प्राप्त खुदाई के अनुसार यहां कई विशाल भवनें कई मंदिरें, अनेक प्रार्थना कक्ष तथा अध्यापक कक्ष के अलावा इस परिसर में सुंदर बगीचे तथा झीलें थी।
• यहां छात्रों के रहने के लिए 300 कक्ष बने हुए थे। जिनमें अकेले या एक से अधिक छात्रों के रहने की व्यवस्था थी।
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• प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग और इत्सिंग ने कई वर्षों तक यहां सांस्कृतिक एवं दर्शन की शिक्षा ग्रहण किया।
• यहां लगभग 10,000 विद्यार्थी अध्ययन करते थे। जो भारत के अलावा जापान, कोरिया, चीन, इंडोनेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका इत्यादि देशों से आते थे।
• विश्वविद्यालय में तीन लाख से अधिक किताबें थी।
• वर्ष 1199 ई• में तुर्क आक्रमणकारी बख्तियार खिलजी ने इस प्रसिद्ध विश्वविद्यालय को जलाकर नष्ट कर दिया।
• ऐसा माना जाता है कि यहां पुस्तकें इतनी थी कि आग से 3 महीने तक पुस्तकें धधकती रही।
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ सांची का स्तूप, मध्यप्रदेश
• सांची का स्तूप मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बेतवा नदी के तट पर अवस्थित है।
• यह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 46 किलोमीटर पूर्वोत्तर में तथा विदिशा शहर से 10 km. पर स्थित है.
• स्तुप का अर्थ ढेर से होता है।
• भगवान बुद्ध के अवशेषों को लाकर भारत और भारत के आसपास के क्षेत्रों में स्तूप का निर्माण करवाया गया है।
• इस स्तूप के केंद्र में एक अर्ध गोलाकार एक निर्मित ढांचे में भगवान बुद्ध के कुछ अवशेषों को रखा गया था.
• सांची के स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व में किया था।
• आधुनिक समय में 1818 ई• में कर्नल टेलर ने सांची के अवशेषों का पता लगाया था.
• 1989 ई• में यूनेस्को ने सांची को विश्व विरासत स्थल के रूप में दर्जा दिया.
⭐ भद्रकाली ईटखोरी, चतरा (झारखंड)
• झारखंड के चतरा में स्थित भद्रकाली हिंदू बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित एक पौराणिक स्थल है.
• इस मंदिर परिसर का निर्माण पाल वंश के राजा महेंद्र पाल ने 988 ई• से 1038 ई• के बीच करवाया.
• इस मंदिर परिसर में गोमेद पत्थर या अष्टधातु से निर्मित मां भद्रकाली की प्रतिमा है. जिस पर अब तक काल का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
• मंदिर के चारों कोनों पर भगवान बुद्ध की ध्यान मग्न छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनी है.
• इस मंदिर परिसर में एक बड़े शिवलिंग में 1008 छोटे-छोटे शिवलिंग उत्कीर्ण है. इस कारण इस शिवलिंग को सहस्त्र शिवलिंग के नाम से जाना जाता है.
• इस मंदिर परिसर में लगभग 15 फुट ऊंचा एक बौद्ध स्तूप है.
• इस बौद्ध स्तूप के ऊपरी सिरे से लगातार जल रिसता रहता है. जो वैज्ञानिकों के लिए एक शोध का विषय है.
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ खजुराहो मंदिर, मध्यप्रदेश
• खजुराहो के मंदिर का निर्माण चंदेल राजवंश के शासकों ने 950 ई• से 1050 ई• के बीच करवाया था.
• खजुराहो चंदेल राजवंशों की राजधानी थी.
• मध्य प्रदेश के छतरपुर में अवस्थित है.
• खजुराहो के मंदिर नागर वास्तु कला का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है.
• इन मंदिरों में स्थापित मूर्तियां कामुकता को प्रदर्शित करती हैं और अधिकतर मूर्तियां नग्न अवस्था में स्थापित है.
• यूनेस्को ने इसे इसे 1986 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया.
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⭐ दिल्ली का लौह स्तंभ
• महरौली का लौह स्तंभ दिल्ली में कुतुबमीनार के पास अवस्थित एक विशाल स्तम्भ है.
• इस स्तंभ का निर्माण चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) ने 375 ई• से 415 ई• के बीच करवाया था.
• इस स्तंभ की ऊंचाई लगभग 7 मीटर है यह स्तंभ हिंदू एवं जैन मंदिर का एक भाग रहा है.
• 13वीं शताब्दी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस मंदिर को नष्ट करके कुतुबमीनार बनवाया.
• लगभग 16 सो वर्षों तक खुले आसमान में रहने के बावजूद भी यह स्तंभ अब तक बिना जंग लगे खड़ा है.
• 1961 ई• में रासायनिक परीक्षण से पता लगाया गया कि यह स्तंभ शुद्ध इस्पात से बना है.
• इस लोह स्तंभ में एक भी जोड़ नहीं है इसे पिघलाकर गर्म लोहे से बनाया गया है.
• आज से 16 सो वर्ष पूर्व लोहे को पिघलाकर बनाने की तकनीक आश्चर्य से कम नहीं है.
⭐ कुतुब मीनार, दिल्ली
• क़ुतुब मीनार का निर्माण कार्य 1192-93 ई• में कुतुबुद्दीन ऐबक ने प्रारंभ करवाया था.
• बाद के वर्षों में इल्तुतमिश एवं फिरोज तुगलक जैसे शासकों ने इसका पूर्ण निर्माण करवाया.
• दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार ईट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर (273.86फीट) और व्यास 14.3 मीटर है.
• इसमें 379 सीढ़ियां है.
• इस मीनार के चारों ओर बने अहाते में भारतीय कला के उत्कृष्ट नमूने देखने को मिलते हैं.
• कुतुबमीनार वास्तव में विष्णु स्तंभ है. जिसे चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक खगोल शास्त्री वराह मिहिर ने बनवाया था.
• इस वेधशाला को तोड़कर कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण प्रारंभ करवाया.
• 1993 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर में शामिल किया.
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ कोणार्क सूर्य मंदिर, उड़ीसा
• उड़ीसा स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 1253 ई• से 1260 ई• के बीच गंग वंश के शासक नरसिंह देव प्रथम ने करवाया था.
• इस मंदिर का निर्माण लाल रंग के बलुवा पत्थरों तथा काले रंग के ग्रेनाइट पत्थरों से हुआ है.
• यह मंदिर अपनी कामुक मुद्राओं वाली शिल्प कृतियों के लिए भी प्रसिद्ध है.
• यह मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है.
• इसे 1984 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया.
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⭐ अशोक स्तम्भ, सारनाथ (उत्तरप्रदेश)
• अशोक स्तंभ उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट सारनाथ में अवस्थित है.
• भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश इसी स्थल पर दिया था.
• सारनाथ बौद्ध धर्म के 4 तीर्थ स्थलों (तीन अन्य लुम्बिनी, बोधगया, कुशीनगर) में से एक है.
• यहां अशोक द्वारा निर्मित चतुर्मुख सिंहस्तंभ है.
• इसी अशोक स्तंभ से भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह लिया गया है.
• सम्राट अशोक प्राचीन समय के सबसे प्रतापी राजाओं में से एक था.
• बौद्ध धर्म की अनुयाई बनने के बाद अशोक ने भारत के अलावा बाहर के देशों में भी बौद्ध धर्म का प्रचार करवाया.
• अशोक ने 3 वर्षों के अंदर 84,000 स्तूपों तथा भारत के विभिन्न भागों में कई स्तंभों का निर्माण करवाया था.
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ गोलघर, पटना
• गोलघर बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान के पास अवस्थित है.
• 1770 ई• में आए बंगाल में भीषण सूखे से एक करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हुए थे.
• उस समय बिहार बंगाल का एक भाग था.
• इसी अकाल को देखते हुए इसका निर्माण अनाज के भंडारण के लिए ब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन जॉन गार्स्टिन 1784-86 के बीच करवाया था.
• इस गोलघर में 140000 टन अनाज रखा जा सकता है.
• यह गोलघर 125 मीटर ऊंचा और 29 मीटर चौड़ाई में विस्तृत है.
• इस गोलघर के ऊपर जाने के लिए 145 सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ता है.
• राज्य सरकार ने गोलघर को 1979 में राज्य रक्षित स्मारक घोषित किया था.
• 2019 में निर्मित हिंदी फिल्म इंडियाज मोस्ट वांटेड में गोलघर को दिखाया गया था.
• बिना खंभों पर स्थापित गोलघर अपने आप में अद्वितीय है.
• गोलघर के अंदर एक आवाज 27 से 32 बार प्रतिध्वनि करती है.
⭐ शांति निकेतन, प• बंगाल
• शांति निकेतन की स्थापना कवि रवींद्रनाथ ठाकुर ने की थी। जिन्हें रविंद्र नाथ टैगोर के नाम से भी जाना जाता है।
• शांति निकेतन पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर के समीप एक छोटा सा शहर में स्थित है।
• रवींद्रनाथ ने इस स्थल पर कई ऐतिहासिक कालजई साहित्य की रचना की।
• यह स्थल आज एक ऐतिहासिक धरोहर है।
• रविंद्र नाथ के पिता देवेंद्र नाथ ने 1863 में यहां एक आश्रम की स्थापना की थी।
• उसी आश्रम में रविंद्र नाथ ने 1901 में 5 छात्रों को लेकर विद्यालय की स्थापना की जो आगे चलकर विश्व भारती विश्वविद्यालय के रूप में जाना गया।
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ हवा महल, जयपुर
• जयपुर में हवामहल का निर्माण 1799 ई• में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था.
• चुन्ने, लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल सुबह की सुनहरी रोशनी में शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है.
• 50 फीट ऊंचे इस पांच मंजिले हवामहल में 953 खूबसूरत नक्काशीदार खिड़कियां है जो लोगों को आकर्षित करती है.
• लालचंद उस्ताद इस भव्य हवा महल का वास्तुकार था.
• हवा महल राजपूत शिल्प कला और मुगल शैली के मिश्रण का एक बेहतरीन नमूना प्रस्तुत करता है.
• हवामहल विश्राम के लिए सबसे पसंदीदा स्थान था. क्योंकि इसके 953 खिड़कियों से सदा ही ठंडी हवा बहती रहती थी.
• हवामहल का डिजाइन एक राजमुकुट के जैसा लगता है.
⭐ बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी
• बुलंद दरवाजा उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी नामक स्थान पर स्थित एक दर्शनीय स्मारक है.
• इस स्मारक का निर्माण 1602 ई• में मुगल बादशाह अकबर ने करवाया था.
• बुलंद शब्द का अर्थ महान एवं ऊंचा से है.
• यह दरवाजा विश्व का सबसे बड़ा प्रवेश द्वार है.
• हिंदू और फारसी स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना होने के कारण इसे “भव्यता के द्वार” के नाम से भी जाना जाता है.
• यह दरवाजा अकबर द्वारा गुजरात पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में बनाया गया है.
• इस दरवाजे के आगे और स्तंभों पर कुरान की आयतें खुदी हुई है.
• लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह दरवाजा 53.63 मीटर ऊंचा और 35 मीटर चौड़ा है.
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⭐ शांत घाटी, केरल
• शांत घाटी केरल राज्य के पालक्काड जिले में नीलगिरी की पहाड़ी क्षेत्र में अवस्थित है।
• साइलेंट वैली एक राष्ट्रीय उद्यान है।
•जो पश्चिमी घाट विश्व विरासत का भी एक भाग है।
• इस उद्यान की स्थापना 26 दिसंबर 1980 को हुई।
• इस क्षेत्र में शोर करने वाले जीव-जंतुओं के कमी के कारण यह घाटी शांत प्रतीत होता है।
• शांत घाटी में पाए जाने वाले जानवरों में हाथी, बाघ, सांभर, जंगली सूअर प्रमुख है।
• इसे स्थानीय लोग सैरंध्री वन के नाम से भी पुकारते है। जिसका संबंध महाभारत से जोड़ा जाता है।
• सैरंध्री का अर्थ द्रोपदी भी होता हो।
• सैलेंट वैली की खोज 1847 में ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री रॉबर्ट वाइट ने की थी।
• ऐसा माना जाता है कि वे सैरंध्री नहीं बोल पाते थे। इस कारण उन्होंने इस घाटी को साइलेंट वैली नाम से पुकारा।
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भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ एलिफेंटा की गुफाएं, महाराष्ट्र
• एलिफेंटा की गुफा महाराष्ट्र के मुंबई के समीप स्थित है।
• ऐतिहासिक रूप में इसे घारापुरी की गुफाएं कहा जाता है।
• यह गुफा मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है।
• एलिफेंटा की गुफा हिंदू धर्म से संबंधित है। यहां हिंदू धर्म की अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हैं।
• यहां पहाड़ों को काटकर गुफाओं एवं मंदिरों निर्माण किया गया है।
• एलिफेंटा की गुफा सात गुफाओं का सम्मिश्रण है।
• यहां भगवान शिव की 9 बड़ी मूर्ति है, जिनमें से शिव की त्रिमूर्ति प्रतिमा सबसे आकर्षित है।
• 24 फुट लंबी और 17 फीट ऊंची इस विशाल त्रिमूर्ति प्रतिमा में भगवान शंकर के तीनों रूपों का चित्रण किया गया।
• इस पावन स्थल पर शिव एवं पार्वती के विवाह का भी सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
• यहां स्थित गुहा मंदिर का निर्माण 8 वीं शताब्दी में राष्ट्रकुटों के समय में बनाए गए।
• पत्थर के बड़े-बड़े हाथी बने होने के कारण पुर्तगालियों ने इस स्थल का नाम एलिफेंटा गुफा रखा।
• 1987 में यूनेस्को ने एलीफेंटा गुफाओं को विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया।
⭐ अजंता की गुफाएं, महाराष्ट्र
• अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र राज्य में अवस्थित एक बौद्ध स्मारक गुफाओं के रूप में प्रसिद्ध है.
• यह गुफा बौद्ध धर्म से संबंधित उत्कृष्ट चित्र और वास्तुकला के लिए विश्व में प्रसिद्ध है.
• यहां पहाड़ों को काटकर लगातार 29 गुफाओं का निर्माण किया गया है.
• इन गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी ई• पू• से पांचवीं शताब्दी के बीच माने जाते हैं.
• अजंता की गुफाओं की खोज 1819 ई• में ब्रिटिश ऑफिसर जॉन स्मिथ एवं उसके सहयोगियों द्वारा की गई थी.
• जाॅन स्मिथ अपने सहयोगियों के साथ शिकार करने गए थे, तब उन्होंने अजंता की पहाड़ी पर लगातार 29 गुफाएं देखी.
• अजंता की इस ऐतिहासिक धरोहर को 1983 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया.
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⭐ एलोरा की गुफा, महाराष्ट्र
• एलोरा की गुफा औरंगाबाद, महाराष्ट्र में अवस्थित एक पुरातात्विक स्थल है.
• बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म से संबंधित एलोरा की गुफाएं चित्रकारी और वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत करता है.
• एलोरा की गुफाओं का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा पांचवी से दसवीं शताब्दी के बीच करवाया गया था.
• एलोरा भारतीय पाषाण शिल्प स्थापत्य कला का एक बेजोड़ उदाहरण है.
• यहां 34 गुफाएं हैं. इनमें 12 , फबौद्ध गुफाएं 17 हिंदू गुफाएं और 5 जैन गुफाएं है.
• 1983 में यूनेस्को ने इस पौराणिक स्थल को विश्व धरोहर में शामिल किया.
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⭐ विजय स्तम्भ, चितौड़ गढ़ (राजस्थान)
• राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित एक विजय स्तंभ है.
• जिसका निर्माण मेवाड़ के शासक राणा कुंभा ने 1440ई• से 1448 ई• के बीच महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेना पर विजय के रूप में स्थापित किया था.
• यह स्तंभ राजस्थान पुलिस और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह भी है.
• इसे विष्णु स्तंभ और कीर्तिस्तम्भ के नाम से भी जाता है.
• इस स्थल को भारतीय मूर्तिकला का बेहतरीन नमूना और हिंदू देवी देवताओं का अजायबघर भी कहते हैं.
• इस स्तंभ में नीचे से ऊपर तक जाने के लिए 157 सीढ़ियां बनी हुई है.
• इस स्तंभ के आंतरिक और बाहरी भागों में भारतीय देवी-देवताओं, विष्णु के विभिन्न अवतारों तथा रामायण-महाभारत के पात्रों के सैकड़ों मूर्तियां उत्कीर्ण है.
• 9 मंजिला इस विजय स्तंभ की ऊंचाई 122 फीट चौड़ाई 30 फीट है.
⭐ हम्पी के खंडहर, कर्नाटक
• कर्नाटक राज्य में स्थित हंपी के खंडहर का संबंध विजयनगर साम्राज्य से है.
• हंपी मध्यकालीन हिंदू राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी.
• यहां स्थित विठाला मंदिर विश्व की शानदार ऐतिहासिक स्मारकों में से एक.
• इस परिसर के मुख्य हाॅल में लगे 56 स्तंभों को थपथपा से उनमें से संगीत की ध्वनियाँ निकलती है.
• जो विशेष रूप से पर्यटकों को आकर्षित करती हैं.
• हर साल यहां लाखों की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री पहुंचते हैं.
• यहां मुख्य हॉल के पूर्वी हिस्से में प्रसिद्ध शीला रथ है! जिसके पहिए मुख्यत: पत्थर के बने हैं.
• यहां ज्यामितीय ढंग से बने सुंदर दो मंजिला भवन है. जहां हवा और धूप नेचुरल रूप से प्राप्त होता रहता है.
• यूनेस्को ने 1986 में इसे विश्व धरोहर के रूप में घोषित किया.
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⭐ विश्व शांति स्तूप, राजगीर (बिहार)
• बिहार में सबसे ऊंचा विश्व शांति स्तूप राजगीर में रत्नागिरी पर्वत पर स्थापित किया गया है।
• राजगीर स्थित इस विश्व शांति स्तूप को इसे जापान के फूजी गुरु लोगन द्वारा 1945 ई• में हुए परमाणु हमले के याद में 1969 ई• को निर्मित किया गया था।
• रत्नागिरी पर्वत के शीर्ष पर निर्मित इस शांति स्तूप की ऊंचाई 120 फीट है।
• साथ ही इसके शीर्ष भाग पर 10 फीट ऊंचा कमल कलश विराजमान है।
• इस स्तूप का संपूर्ण व्यास 103 फीट है।
• स्तूप के चारों ओर चार बुद्ध की प्रतिमाएं स्थापित है। जिससे स्तूप भव्य और आकर्षण लगता है।
• महाराष्ट्र के वर्धा जिले में भी गीताई मंदिर के पास एक विशाल बौद्ध स्तूप का निर्माण किया गया है।
• हालांकि दुनिया में विश्व शांति स्तूप के नाम से कई जगह पर बौद्ध विश्व शांति स्तूप बनाई गई है।
• स्तूप का अर्थ ढेर होता है। ऐसा माना जाता है कि महात्मा बुद्ध के अवशेषों को लाकर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में स्तूपों का निर्माण किया गया है।
• मध्य प्रदेश में स्थित सांची स्तूप, उत्तर प्रदेश में स्थित सारनाथ स्तूप, नेपाल के काठमांडू में स्थित स्तूप, श्रीलंका में स्थित स्तूप, बीजिंग चीन में स्थित मिआओइंग सी स्तूप इत्यादि विश्व में स्थित बौद्ध स्तूप है।
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ जन्तर-मंतर, दिल्ली
• दिल्ली के जंतर-मंतर का निर्माण सवाई जयसिंह ने 1724 ई• में करवाया था।
• दिल्ली स्थित जंतर मंतर एक खगोलीय वेधशाला है।
• सवाई जयसिंह 18 वीं सदी में भारत के राजस्थान प्रांत में राज्य आमेर के कछवाहा वंश के सर्वाधिक प्रतिभाशाली शासक थे।
• इन्हें महाराजा जयसिंह द्वितीय, विजय सिंह, आमेर के नाम से भी जाना जाता है।
• जयसिंह द्वारा बनाया गया यह इमारत प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक उन्नति की एक पहचान है।
• दिल्ली स्थित जंतर-मंतर समरकंद (उजबेकिस्तान) की वेधशाला से प्रेरित है।
• मोहम्मद शाह के शासनकाल में हिंदू और मुस्लिम खगोल शास्त्रियों में ग्रहों की स्थिति को लेकर मतभेद था।
• इसी मतभेद को समाप्त करने के लिए सवाई जयसिंह ने जंतर-मंतर का निर्माण करवाया।
• ग्रहों की गति नापने के लिए यहां विभिन्न प्रकार के उपकरण लगाए गए।
• जयसिंह ने ऐसी वेदशालाओं का निर्माण राजस्थान के जयपुर, मध्य प्रदेश के उज्जैन, उत्तर प्रदेश के मथुरा और वाराणसी में भी किया था।
⭐ गोलकुंडा का किला, हैदराबाद
• गोलकुंडा किला हैदराबाद के समीप अवस्थित एक दुर्ग तथा ध्वस्त नगर है।
• इस किले का निर्माण वारंगल के राजा ने 14वीं शताब्दी में करवाया था।
• यह प्राचीन काल में कुतुब शाही राज्य में मिलने वाले हीरे-जवाहरातों के लिए प्रसिद्ध था।
• गोलकुंडा दुर्ग ग्रेनाइट की पहाड़ियों से बना है।
• इस किले में 8 दरवाजे हैं। और यह पत्थर की तीन मील लंबी मजबूत दीवार से घिरा हुआ है।
• यहां स्थित महल तथा मस्जिदों के खंडहर अपने प्राचीन गौरव-मयी इतिहास की कहानी सुनाते हैं.
• मुसी नदी इस दुर्ग के दक्षिण में बहती है.
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⭐ शेरशाह सूरी का मकबरा, सासाराम बिहार
• शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार के सासाराम बना हुआ है.
• इन्होनें मुगल शासक हुमायूँ को हराकर दिल्ली में सूरी सम्राज्य की स्थापना की थी.
• ग्रैंड ट्रंक रोड से विख्यात NH- 2 को शेरशाह सूरी मार्ग भी कहते हैं.
• क्योंकि पहली बार इस मार्ग का निर्माण शेरशाह सूरी ने ही करवाया था.
• 122 फीट ऊंचा लाल बलुआ पत्थर से निर्मित यह मकबरा दूसरे ताजमहल के रूप में भी जाना जाता है.
• मुख्य मकबरा अष्टकोणीय योजना पर बनाया गया है, जिसके ऊपर एक गुंबद है।
• इस मकबरे का निर्माण शेरशाह सूरी ने अपने जीवन काल में प्रारंभ किया था.
• इनकी मृत्यु के पश्चात इनके पुत्र इस्लाम शाह ने भी इस मकबरे का निर्माण करवाया था.
• 13 मई 1545 ई• को कालिंजर के किले में अचानक बारूद फैक्ट्री में विस्फोट से उनकी मृत्यु हो गई थी.
⭐ पोखरण परमाणु परीक्षण स्थल, राजस्थान
• पोखरण राजस्थान के थार मरूस्थल में जैसलमेर से 110 km. दूरी पर अवस्थित है.
• पोखरण में लाल पत्थरों से निर्मित एक सुंदर दुर्ग भी है, इसका निर्माण 1550 ई• में राव मालदेव ने करवाया था.
• यह स्थल बाबा रामदेव के गुरुकुल के रूप में भी जाना जाता है.
• पोखरण आधुनिक समय में परमाणु परीक्षण के लिए विख्यात है.
• यहां पर पहली बार 18 मई 1974 को परमाणु परीक्षण किया गया था.
• पहले परमाणु परीक्षण का कोड नाम स्माइलिंग बुद्धा (मुस्कुराते बुद्ध) रखा गया था.
• दूसरी बार ऑपरेशन शक्ति के तहत इस स्थल पर 11 और 13 मई 1998 ई• को परमाणु परीक्षण किया गया.
⭐ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
• स्टैचू ऑफ यूनिटी भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार बल्लभ भाई पटेल को समर्पित है.
• यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है. जिसकी ऊंचाई 182 मीटर (597 फीट) और आधार सहित 240 मीटर (790 फीट) है.
• इस परियोजना की शुरुआत गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को थी.
• स्टैचू ऑफ यूनिटी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में बनकर तैयार हुआ.
• सरदार पटेल के जन्म दिवस दिवस 31 अक्टूबर 2018 को देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्पित किया.
• यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से लगभग 3 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के एक टापू साधु बेट में स्थापित किया गया है.
⭐ बौद्ध गया, बिहार
• भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति बोधगया मैं महाबोधि वृक्ष के नीचे हुई थी थी थी.
• उक्त स्थल पर स्थित पीपल के वृक्ष को महाबोधि वृक्ष कहा जाता है.
• गौतम बुध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में 563 पूर्व में हुआ था.
• इन्होंने सांसारिक मोह माया को त्याग कर बोधगया पहुंचे. जहाँ पीपल के वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई.
• इसके बाद गौतम बुद्ध भगवान बुध के रूप के रूप में प्रसिद्ध हो गए.
• गौतम बुद्ध को जिस स्थल को जिस स्थल पर ज्ञान की प्राप्ति हुई उसके समीप महाबोधि मंदिर की स्थापना की गई है.
• महाबोधि मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया है.
• इस महाबोधि मंदिर का निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था.
⭐ लाल किला, दिल्ली
• दिल्ली के लाल किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने करवाया था.
• यह किला लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है.
• 1857 ई• के सिपाही विद्रोह के बाद ब्रिटिश सेना ने लाल किले को अपने नियंत्रण में ले लिया था.
• 1947 में भारत के आजादी के बाद ब्रिटिश सरकार ने यह परिसर भारतीय सेना के हवाले कर दिया.
• वर्ष 2003 में भारतीय सेना ने भारत सरकार के पर्यटन विभाग को सौंप दिया.
• वर्ष 2007 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल किया.
भारत के ऐतिहासिक स्थल
⭐ स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
• अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर का निर्माण पांचवे गुरु अर्जुन देव ने करवाया था.
• हालांकि इसका निर्माण कार्य चौथे गुरु रामदास ने शुरू करवाया और पूरे स्वर्ण मंदिर का डिजाइन एवं निर्माण अर्जुन देव ने करवाया था.
• विश्व प्रसिद्ध सिखों के सबसे पवित्र इस स्थल को स्वर्ण मंदिर या हरिमंदिर साहिब या फिर दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है.
• यहाँ स्थित अमृत सरोवर को चौथे गुरू रामदास ने बनवाया था. इस कारण इस शहर का नाम अमृतसर पड़ा है.
• यहां हर धर्म के अनुयायियों का स्वागत किया जाता है.
• एक अनुमान के अनुसार यहां तकरीबन हर रोज 40 हजार लोग आते हैं और लंगर करते हैं.
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⭐ अमरनाथ गुफा, जम्मू-कश्मीर
• जम्मू कश्मीर में अवस्थित अमरनाथ गुफा हिंदुओं का पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है.
• 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ विश्वविख्यात पर्यटक स्थल है. यहां की सुंदरता देखते ही बनती है.
• अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्योंकि यहीं पर भगवान शिव ने पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था.
⭐ जगरनाथपुरी का मंदिर, उड़ीसा
• मंदिर के निर्माण कार्य को गंगा वंश के राजा अनन्तवर्मन चोडगंग देव ने आरम्भ कराया था।
• वैष्णव सम्प्रदाय के इस मंदिर को हिंदुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है.
• यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है.
⭐ दिलवाड़ा जैन मंदिर, माउंट आबू (राजस्थान)
• राजस्थान के सिरोही जिले में माउंट आबू आबू में स्थित यह मंदिर जैन तीर्थंकरों को समर्पित है.
• इसे दिलवाड़ा मंदिर या दिलवाड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है.
• या पांच मंदिरों का एक समूह है.
• जिसका निर्माण 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच हुआ.
• यहां स्थित मंदिर के 48 स्तंभों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां बनी हुई है जो इस मंदिर की खूबसूरती को बढ़ाता है.
धन्यवाद!
प्रस्तुति
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संकलन
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महेंद्र प्रसाद दांगी
शिक्षक