पुलिस स्मृति दिवस 21अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है

पुलिस स्मृति दिवस 21अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है

देश की सीमा से लेकर आंतरिक सुरक्षा में कई एजेंसियां लगी हुई है। आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा देश के विभिन्न भागों में स्थित क्षेत्रीय पुलिस इन सब पर देश की बाहरी से आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा है। आज वे सतर्क और चौकस हैं तभी हम आराम से चैन की नींद सो पा रहे हैं। नक्सलवाद, आतंकवाद गैंगस्टरों से मुठभेड़ तथा अपराधियों पर अंकुश लगाने के दौरान देश भर में हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी शहीद होते हैं। उन्हीं की शहादत को याद करने के लिए हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।

उद्देश्य

• पुलिस को नजदीक से जानने, समझने तथा देश सेवा में बलिदान देने वाले पुलिस कर्मियों को याद करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।

शुरुआत

• आज ही के दिन 61 वर्ष पहले 1959 को लद्दाख के ‘हॉट स्प्रिंग’ के क्षेत्र में गश्त कर रहे ‘सीआरपीएफ की तीसरी बटालियन’ पर चीनी सेना ने हमला कर दिया था।
•  भारतीय जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला किया। मातृभूमि की रक्षा करते हुए 10 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए जबकि कई सैनिक घायल हुए।
• इसी को याद करते हुए देशभर में सुरक्षा में बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों के प्रति स्मृति स्वरूप 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता।

पुलिस के कार्य

पुलिस के जवान मुख्यता आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर नक्सलियों और उग्रवादियों तथा गेंगस्टरों से लोहा ले रही है।
• पुलिस जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के दांत खट्टे कर रहे हैं। देशभर में मानव तस्कर, मादक पदार्थों, जाली मुद्रा की तस्करी तथा अपराधियों पर अंकुश लगाने में पुलिस निरंतर काम पर लगी हुई है।
• उन्हें लगातार कार्य करते रहना पड़ता है।
• आजादी के बाद से अबतक देश भर में लगभग 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मी देश की आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुए हैं।
• एक आंकड़े के अनुसार देश में एक लाख की आबादी पर मात्र 144 पुलिसकर्मी है।
• वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पुलिसकर्मियों ने अद्मय साहस और धैर्य का परिचय दिया है।
• जब पूरा देश घरों में दुबका का हुआ था तब पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य कर्मियों ने मिलकर कोरोना महामारी से निपटने की पुरजोर कोशिश कर रहे थे।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक

• पुलिसकर्मियों के इन्हीं सर्वोच्च बलिदान को याद करने के लिए वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में “राष्ट्रीय पुलिस स्मारक” राष्ट्र को समर्पित किया था।
• इस स्मारक में देश भर में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के नाम लिखे गए हैं। तथा आगे भी शहीद जवानों के नाम इस स्मारक में नाम जोड़े जानें हैं।
• अब तक इस स्मारक में  देशभर में शहीद हुए 35 हजार पुलिसकर्मियों के नाम अंकित है।
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