फिल्म अभिनेता ओम पुरी की 70 वीं जयंती आज, जानें महत्वपूर्ण तथ्य
ओम पुरी एक बेहतरीन चरित्र अभिनेता थे। उन्होंने न केवल बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड और अंग्रेजी फिल्मों में भी अभिनय का अमिट छाप छोड़ी। उन्हें दो बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया। फिल्मों के साथ-साथ उन्होंने भारतीय और अंग्रेजी टीवी धारावाहिकों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई। उनका पारिवारिक जीवन विवादों में रहा। ओमपुरी का आखिरी अवस्था अकेलेपन में बिता। आइए इस पोस्ट में ओमपुरी का पूरा जीवन परिचय जाने का प्रयास करते हैं।
प्रारंभिक जीवन
• हिंदी फिल्मों के सुप्रसिद्ध अभिनेता ओम पुरी का जन्म आज ही के दिन 18 अक्टूबर 1950 को पंजाब के अंबाला (अब हरियाणा) में हुआ था।
• उनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने ननिहाल पंजाब के पटियाला में हुई थी।
• ओमपुरी का बचपना अभावों में बीता। उनके पिता रेलवे में कर्मचारी थे। उन पैसों के लिए 7 साल की उम्र में दुकानों में काम करना पड़ा। वे रेलवे प्लेटफार्म पर चाय बेचा करते थे।
• दिल्ली स्थित “नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा” से उन्होंने एक्टिंग के गुर सीखे।
• रंगीन मिजाज के ओमपुरी के जीवन में कई महिलाएं आयी। लेकिन शादी के बंधन में दो महिलाओं के साथ ही बंधन में बंध सके।
• उनकी दो शादियां हुई। पहली शादी 1991 में सीमा कपूर से हुई। परंतु 8 महीनों में ही उनसे अलगाव हो गया। इसके बाद दूसरी शादी 1993 में नंदिता पुरी से हुई।
• उनकी दूसरी पत्नी नंदिता पुरी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया।
• जिसके बाद 2013 से नंदिता पूरी और ओम पुरी अलग-अलग रह रहे थे।
• उनका एक पुत्र है जिसका नाम ईशान पूरी है।
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अभिनय कैरियर
• इन्होंने बॉलीवुड के अलावा हॉलीवुड तथा ब्रिटिश फिल्मों में भी काम किया है।
• दिल्ली स्थित “नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा” से अभिनय का कोर्स किया।
• 1976 में पुणे फिल्म संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद स्टूडियो में काम किया।
• तत्पश्चात उन्होंने “मजमा” नामक थिएटर की भी शुरुआत की।
• ओम पुरी ने अपनी फिल्मों की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म “घासीराम कोतवाल” से की थी।
• 1980 में “आक्रोश” फिल्म ओम पुरी की पहली हिट फिल्म थी।
• भाभी भवई, सद्गति, अर्धसत्य, तमस, माचिस जैसी कला फिल्मों में उन्होंने काम किया।
• डिस्को डांसर में जिमी के प्रबंधक अर्धसत्य में पुलिस इंस्पेक्टर, आक्रोश में पीड़ित आदिवासी, माचिस में सिख मलिक के एक सेल नेता, चाइना गेट में रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर, प्यार तो होना ही था मैं एक इंस्पेक्टर खान, प्रेम ग्रंथ में एक मजबूर पिता जैसे कई यादगार किरदारों को उन्होंने जीवंत कर दिया।
• मालामाल वीकली, ढोल, फुल एंड फाइनल, डॉन, रंग दे बसंती, चुप-चुपके, युवा, लक्ष्य, धूप, मां तुझे सलाम, क्रांति, फर्ज, हेरा-फेरी, चाची-420, आस्था, प्रेम ग्रंथ, घातक, गुप्त, मृत्युदंड, जख्मी सिपाही, अघात कई व्यवसायिक फिल्मों में भी उन्होंने यादगार भूमिकाएं निभाई।
• द ज्वेल इन द क्राउन, यात्रा, मिस्टर जोगी, भारत एक खोज जैसे हिंदी और अंग्रेजी टीवी धारावाहिकों में भी उन्होंने काम किया।
• घोस्ट ऑफ द डार्कनेस, सिटी ऑफ जॉय, माईसन द फैनेटिक, वुल्फ जैसी अंग्रेजी और अंग्रेजी हॉलीवुड फिल्मों में भी उन्होंने अमिट छाप छोड़ी।
पुरस्कार एवं सम्मान
• फिल्म “आक्रोश” और “अर्द्ध सत्य” के लिए उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेता’ का “राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार” दिया गया।
• उन्हेंने फिल्म फेयर अवार्ड भी प्राप्त किया।
• उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
• इसके अलावा विदेशी पुरस्कार भी प्राप्त हुए।
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विवादित भाषा का प्रयोग
ओमपुरी का विवादों के साथ गहरा नाता रहा है। उन्होंने कई विवादित बयान भी दिए हैं। यहां कुछ विवादित बयान को उद्धृत किया जा रहा है।
• वर्ष 2011 में
2011 में रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के साथ आंदोलन में राजनेताओं पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
उन्होंने कहा था “ये नेता अनपढ़ है इनका क्या बैकग्राउंड है, आधे से ज्यादा गवार है, हम देखते हैं ये टीवी पर कैसे लड़ते हैं सदन में।”
उनके बयान के बाद राजनेताओं में एकतरफा विरोध के स्वर उठे थे।
• वर्ष 2012 में
फिल्म ‘चक्रव्यूह’ की शूटिंग के दौरान उन्होंने नक्सलियों को लेकर विवादित बयान दिया था।
उन्होंने कहा था कि- “ये नक्सली आतंकी नहीं होते ये अपने हक के लिए मजबूरन हथियार उठाते हैं। ये अपने अधिकार के लिए लड़ते हैं। ये कभी भी आम आदमी या गरीब को नुकसान नहीं।”
उनके इस बयान ने काफी सुर्खियां बटोरी थी।
• वर्ष 2015 में
ग्रेटर नोएडा के दादरी के बिसागांव में हिंसक भीड़ ने एक 50 साल के मुस्लिम शख्स की गौ मांस खाने की अफवाह के बाद पीट-पीट करके हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूरे देश में बीफ पर प्रतिबंध की मांग उठने लगी थी। ऐसे में ओम पुरी ने विवादित बयान दिया।
” जो लोग भारत में ‘बीफ बैन’ की वकालत करते हैं, वे ढोंगी हैं। हम बीफ का एक्सपोर्ट करके करोड़ों कमाते हैं।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थी।
• वर्ष 2016 में
उड़ी में आतंकी हमला के बाद भारत में आक्रोश था। ऐसे में ओमपुरी का विवादित बयान आया।
ओम पुरी ने कहा था कि- “किसने सैनिकों से कहा था कि जाओ, आर्मी ज्वाइन करो।”
उनके इस विवादित बयान ने चौतरफा निंदा की गई सोशल मीडिया पर उनको ट्रोल किया गया।
निधन
• ऐसा माना जाता है कि अकेलापन के कारण उनकी जिंदगी निरस हो गई थी। जिस कारण उन्होंने शराब का भी सेवन अधिक करना शुरू कर दिया था।
• 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। और एक बेहतरीन अभिनेता हमारे बीच से सदा के लिए चला गया।
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Presentation
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Editor
Mahendra Prasad Dangi
Post Date
18-10-2020