मृदा अपरदन के रोकथाम के उपाय
मिट्टी जल, वायु और वनस्पतियों के जैसा ही महत्वपूर्ण है। पेंड़-पौधों तथा मानवीय सभ्यता के अस्तित्व के लिए मिट्टी की आवश्यक है। अतः मिट्टी संरक्षण की जरूरत पड़ती है। आज की इस कड़ी में मृदा अपरदन रोकथाम के उपाय देखेंगे।
मृदा अपरदन के रोकथाम के उपाय
Prevention measures of soil erosion
मिट्टी अपरदन को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं जो निम्नलिखित हैं।
Also Read
- How to Crack State Level Exams in Jharkhand – Step by Step Guide 2025
- How to Choose the Right College / University in Jharkhand – Step by Step Guide
- Government Jobs in Jharkhand 2025 – JSSC, Police & Education Department (Detailed Guide)
- Complete Career & Government Jobs Guide for Jharkhand Students 2025
- Complete Jharkhand Career Guide for Students 2025
• समोच्य रेखिए जुताई
ढाल वाली भूमि पर समोच्च रेखाओं के समानांतर हल चलाने से ढाल के साथ जल के बहाव की गति कम होती है। इससे अपरदन की क्रिया कम होती है। इस जुताई को समोच्च रेखीय जुताई कहते हैं। इस प्रकार की जुताई हिमालय क्षेत्रों तथा आंतरिक पहाड़ी भागों में उपयुक्त है।

• सीढ़ीनुमा (सोपानी) कृषि:-
तीव्र ढ़ाल वाली भूमि पर सीढ़ी बनाकर खेती करने से पानी के बहाव को कम किया जा सकता है। जिससे मृदा का अपरदन कम होता है। हिमालय क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा कृषि काफी विकसित अवस्था में है।

• घास की पट्टियां
नीचे क्षेत्रों जहां तेज जल बहाव की संभावना होती है। वहां फसलों के बीच घांस लगाई जाती है। इस घास की पेट्टी से तेज जल बहाव के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस कारण मृदा का अपरदन कम होता है। इस प्रकार की युक्ति पहाड़ी तथा मैदानी क्षेत्रों में अधिक लाभदायक होता है।

• वृक्षारोपण
पेड़-पौधों की जड़ें मिट्टी को पकड़े रहती है जिससे अपरदन कम होता है। इस कारण पहाड़ी ढलानों तथा नदियों के किनारे एवं अन्य सभी जगहों पर पेड़-पौधे मिट्टी अपरदन को रोकने में सहायक है। अत: वृक्षारोपण मृदा संरक्षण में मददगार है।

• पेड़ों की रक्षक मेखला
पेड़ों को कतार में लगाकर रक्षक मेखला बनाई जाती है। इस रक्षक मेखला के कारण पवनों की गति को कम किया जा सकता है। जिससे मिट्टी की ऊपरी परत हवा से कम उड़ती है। फलस्वरूप मृदा अपरदन कम होता है। पेड़ों द्वारा बनी यह रक्षक मेखला शुष्क तथा मरुस्थलीय क्षेत्रों में बहुत ही कारगर सिद्ध हुई है।

• अति पशुचारण पर नियंत्रण
पशुओं की बेरोकटोक चराई को रोककर मृदा के अपरदन को रोका जा सकता है।

• बांध बनाना
वर्षा ऋतु में नदियों में बाढ़ आने से आसपास के क्षेत्रों में मिट्टी का कटाव होता है। नदियों पर बांध बनाकर पानी को रोककर धीरे-धीरे कम मात्रा में छोड़ा जाता है। इससे बाढ़ की समस्या भी नहीं होती तथा मृदा अपरदन भी कम होता है।

इस प्रकार कहा जा सकता है कि पहाड़िया और पर्वतीय क्षेत्रों में जहां समोच्च रेखीय जुताई, सीढ़ीनुमा कृषि, घास की पेट्टी, वृक्षारोपण और पशुचारण पर नियंत्रण रख मृदा अपरदन को रोका जा सकता है। वहीं शुष्क और मरुस्थलीय क्षेत्रों में रक्षक मेखला और वृक्षारोपण जैसे तरीके मृदा अपरदन को रोकने में सहायक है।
⭐ मृदा अपरदन के रोकथाम के उपाय के बाद हमारे कुछ और प्रस्तुति आप आगे देख सकते हैं।
? You Tube चैनल van hi jeevan hai पर रोचक, ज्ञानवर्धक विडियो के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें।
• चतरा जिला के टॉप दर्शनीय स्थल देखने के लिए क्लिक करें
• ग्रह, तारे, आकाशगंगा, गैलेक्सी का वीडियो देखने के लिए क्लिक करें
• नाटक वन ही जीवन है Save tree click here
• ओरमांझी चिड़ियाघर, भगवान बिरसा जैविक उद्यान देखने के लिए क्लिक करें
• गिरिडीह का शहीद सीताराम उपाध्याय पार्क सीताराम उपाध्याय पार्क
Click here
? बेबसाइट www.gyantarang.com पर रोचक, ज्ञानवर्धक तथा प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित जानकारी के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें।
• दसवीं के भूगोल विषय:- मिट्टी अपरदन के कारण, संसाधनों के प्रकार आदि के लिए क्लिक करें
• नवम वर्ग के भूगोल अर्थशास्त्र के लिए क्लिक करें
• संविधान के टॉप 50 क्वेश्चन के लिए यहां पर क्लिक करें
• विश्व के सात आश्चर्य के लिए यहां पर क्लिक करें
⭐ मृदा अपरदन के रोकथाम के उपाय आपको कैसा लगा हमें कमेंट में जरूर बताइएगा। यदि अच्छा लगा हो तो शेयर बैल आइकन भी दवाई आएगा आएगा दवाई आएगा आएगा भी दवाई आएगा आएगा दवाई आएगा आएगा। ताकि अगली पोस्ट की सूचना आपको सबसे पहले मिल सके।
जय हिंद!
Sufficient knolage for class 10th