अनिल कुंबले, भारतीय क्रिकेट के हीरो, जानें रोचक तथ्य
“50 वां जन्मदिन आज”
लंबे समय तक अनिल कुंबले ने भारतीय क्रिकेट की सेवा की है। भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक ले जाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम अनिल कुंबले की गेंदबाजी पर निर्भर रहती थी। लेग ब्रेक गुगली गेंदबाजी को भारतीय क्रिकेट में सीएस नायडू, अमीर इलाही, केकी तारापुर, सदाशिव शिंदे, सुभाष गुप्ते, वीवी कुमार, चंद्रशेखर, लक्ष्मण शिवरामकृष्णन के बाद अनिल कुंबले ने सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अनिल कुंबले ने जिम लेकर के रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए एक टेस्ट के एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। आज वे मुरलीधरन, और शेनवार्न के बाद दुनिया के तीसरे गेंदबाज हैं जिसने टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लिए हैं।
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प्रारंभिक जीवन
इनका जन्म 17 अक्टूबर 1970 को कर्नाटक के बेंगलुरु में हुआ था। इनके पिता का नाम कृष्णास्वामी और माता का नाम सरोजा है। उनका सरनेम कुंबले उनके पैतृक गांव ‘कुंबला’ के नाम पर रखा गया था। लंबाई के कारण उन्हें ‘जम्बो’ के उपनाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 1992 में राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग‘ की डिग्री प्राप्त की।
क्रिकेट कैरियर
अनिल कुंबले एक बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। जबरदस्त फिटनेस के लिए वे प्रसिद्ध रहे। उन्होंने 1989 में कर्नाटक की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेलना शुरू किया था। उनके बेहतरीन प्रदर्शन के कारण ही उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ अंडर-19 टीम में चुन लिया गया। वहां भी अपने प्रदर्शन से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। 25 अप्रैल 1990 को उन्हेंने पहला एकदिवसीय मैच श्रीलंका के विरूद्ध खेलकर अंतर्राष्ट्रीय मैच में पदार्पण किया। इसी वर्ष 1990 में ही 9 अगस्त 1990 में पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड के साथ खेलने को मिला। तब से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते गए। 1993 में हीरो कप के फाइनल मैच में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए 12 रन पर छह विकेट लेकर विश्व क्रिकेट इतिहास में इतिहास रच दिया। 1996 के विश्व कप क्रिकेट में उन्होंने सर्वाधिक 15 विकेट लिए। 1999 में पाकिस्तान के साथ एक टेस्ट मैच के एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह कारनामा इंग्लैंड के ‘जिम लेकर’ ने किया था। अनिल कुंबले 2007-2008 में लगभग 1 वर्ष के लिए भारतीय टीम के कैप्टन भी रहे। उन्होंने 19 मार्च 2007 को अंतिम एकदिवसीय मैच खेला तथा 29 अक्टूबर 2008 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम टेस्ट मैच खेल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
क्रिकेट के आकंडे
■ टेस्ट क्रिकेट
• टेस्ट मैच:- 132
• विकेट:- 619
•औसत:- 29.65
• एक टेस्ट मैच के दोनों पारियों में 10 या उससे अधिक विकेट:- 8 बार
• श्रेष्ठ गेंदबाजी:- एक पारी के सभी 10 विकेट 74 रन देकर
• रन बनाये:- 2506
• शतक:- 1
• अर्द्धशतक:- 5
• उच्चतम स्कोर:- 110 नाॅट आउट
■ एक दिवसीय मैच
• एक दिवसीय मैच:- 217
• विकेट:- 337
•औसत:- 30.89
• श्रेष्ठ गेंदबाजी:- 6 विकेट 12 रन देकर
• रन बनाये:- 938
• शतक:- 0
• अर्द्धशतक:- 0
• उच्चतम स्कोर:- 26
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मां और दादी के लिए जीते मैच, रोचक वाक्या
अनिल कुंबले भारत के सबसे प्रमुख गेंदबाजों में से एक रहे हैं। जब टीम के हिस्सा थे, जीत का दारोमदार उनके ऊपर ही रहता था। उनकी तेज गति की गूगली, बड़े-बड़े बल्लेबाजों को चकमा दे जाती थी। दुनिया में टेस्ट में तीसरा सबसे अधिक विकेट का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है। टेस्ट के एक पारी में सभी 10 विकेट का रिकॉर्ड किसी भी गेंदबाज के लिए सपने जैसा है। पर शायद यह कम ही लोग जानते हैं कि बल्लेबाजी में भी उन्होंने कई शानदार रिकॉर्ड बनाएं हैं। जी हां यहां हम उस मैच की कहानी बताने जा रहे हैं, जब कुंबले ने साथी तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ के साथ मिलकर हारा हुआ मैच जिताया था।
यह वाक्य 1996 में ‘टाइटन कप’ के सेमीफाइनल की है। यह मैच कुंबले के होम ग्राउंड बेंगलुरू के ‘एम चिन्नास्वामी स्टेडियम’ की है। इस मैच को देखने हैं उनकी मां और दादी स्टेडियम पहुंची थी। 50 ओवर के इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 215 रन बनाए थे। जवाब में उतरी भारतीय टीम 164 रन पर 8 विकेट खो चुकी थी। ऐसे में भारत का हारना लगभग तय लग रहा था। इस परिस्थिति में क्रिज पर अनिल कुंबले और तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने मोर्चा संभाला। दोनों ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए। जब भी ये दोनों बल्लेबाज शॉट मारते स्टेडियम में बैठी कुंबले की मां और दादी हौसला बढ़ाते। कुंबलो और श्रीनाथ ने मिलकर 38 गेंदों पर 50 रनों की अहम साझेदारी निभाई। जिसके बदौलत भारत एक ओवर पहले ही मैच जीत गया। हालांकि इस साझेदारी में कुंबले ने 16 और श्रीनाथ ने 30 रनों का योगदान किया था। परंतु यह 16 और 30 रन परिस्थितियों के अनुसार से किसी शतक से कम न था। इसके बाद भारत फाइनल मैच भी जीता। अनिल कुंबले ने फाइनल में चार विकेट लिए तथा मैन ऑफ द मैच चुने गए।
रोचक तथ्य
• अनिल कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को बेंगलुरु में हुआ था।
• उनका पूरा नाम अनिल कुंबले है।
• लंबाई 6 फुट 2 इंच है।
• उनके लंबाई के कारण उन्हें ‘जम्बो’ के नाम से लोग पुकारते हैं।
• एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण 25 अप्रैल 1990 को।
• टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण 9 अगस्त 1990 को।
• 1990 से 2008 के बीच 18 वर्षों तक भारतीय क्रिकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे।
• कुंबले ने 132 टेस्ट मैच में 29.65 की औसत से 619 विकेट लिए हैं। जो श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन और ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न के बाद विश्व में तीसरा सबसे अधिक विकेट का रिकॉर्ड है।
• भारत की ओर से टेस्ट मैचों में 500 या 600 विकेट लेने वाले कुंबले पहले और अकेले गेंदबाज है।
• टेस्ट इतिहास में एक टेस्ट के एक पारी के सभी 10 विकेट लेने वाले अनिल कुंबले इंग्लैंड के “जिम लेकर” के बाद विश्व के दूसरे गेंदबाज है। उन्हें पाकिस्तान के साथ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में यह कारनामा 1999 में किया था।
• 1993 में ‘हीरो कप’ के फाइनल मैच में उन्होंने 6 विकेट मात्र 12 रन पर लेकर इतिहास रचा।
• 1998 के विश्व कप क्रिकेट में सर्वाधिक 15 विकेट का रिकॉर्ड उन्ही के नाम है।
• गेंदबाज होने के बावजूद टेस्ट मैच में उनके नाम एक शतक दर्ज है।
• अनिल कुंबले दाएं हाथ के लेक ब्रेक गेंदबाज और दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं।
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प्रस्तुती
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संकलन
महेंद्र प्रसाद दांगी
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Post Date
17-10-2020