आज से 106 साल पहले हुई थी प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत

आज से 106 साल पहले हुई थी प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत

28 जुलाई का दिन इतिहास से बेहद खास है। क्योंकि आज से तकरीबन 106 वर्ष पहले आज ही के दिन विश्व में एक ऐसे तूफान की शुरुआत हुई थी, जिसे सुनकर रूह कांप जाती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं विश्व के प्रथम महायुद्ध की शुरुआत की। आज ही के दिन “28 जुलाई 1914” को “पहले विश्व युद्ध” की शुरुआत हुई थी।

प्रथम विश्व युद्ध का कारण

• विस्तार नीति के कारण साम्राज्यवाद को बढ़ावा मिलना।
• ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, जर्मनी, इटली जैसे देशों द्वारा औपनिवेशिक विस्तार का होना।
• यूरोप में गुप्त संधियों का होना।
• विश्व के अधिकांश देश खासकर यूरोपीय देश दो गुटों में बटना। पहला मित्र राष्ट्र और  दुसरा धुरी राष्ट्र अथवा केंद्रीय शक्तियों के रूप में।
• जर्मन सम्राट “विलियम कैसर” का हठ्ठी एवं महत्वाकांक्षी शासक होना।
• बाल्कन क्षेत्र की जटिलता
• समाचार पत्रों द्वारा दुष्प्रचार के माध्यम से युद्ध का वातावरण तैयार होना।
• विश्व के राष्ट्र को नियंत्रित करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था का अभाव होना।
• बोस्निया की राजधानी सराजेवो में आस्ट्रिया के राजकुमार और उनकी पत्नी की हत्या होना इत्यादि।


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प्रथम विश्वयुद्ध से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

• 28 जुलाई 1914 को प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई थी।
• इस महायुद्ध का तात्कालिक कारण “सराजेवो” में आस्ट्रिया के राजकुमार “आर्कड्यूक फर्डिनेंड” तथा उसकी पत्नी की हत्या होना था।
• 28 जून 1914 ई• को सर्बिया के शासक “गैबरिला प्रिंसेप” ने ये हत्या करवाया था।
• यह युद्ध मुख्य तौर पर यूरोप, एशिया और अफ्रीका में समुद्र, धरती और आकाश से लड़ा गया था।
• इस विश्व युद्ध में लगभग 4.5 लाख सैनिक मारे गए और 8.5 लाख सैनिक घायल हुए।
• जबकि 3.5 लाख से अधिक सैनिक लापता हो गए।
• इस महायुद्ध में  जनधन की अपार हानि हुई।
• विश्व के अधिकांश देश दो प्रमुख गुटों में बट गया था।
• पहला गुट “मित्र तथा संयुक्त राष्ट्रों” में और दूसरा गुट केंद्रीय शक्तियों के रूप में।

प्रथम विश्व युद्ध में भारत की भूमिका

• लगभग 8 लाख  भारतीय सैनिकों ने भी ब्रिटेन के तरफ से इस युद्ध में भाग लिया।
• जिसमें लगभग 47 हजार सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए वहीं  लगभग 65 हजार सैनिक घायल हुए।
• महात्मा गांधी ने भारतीय सैनिकों को युद्ध में हिस्सा लेने के लिए अभियान चलाएं।
• भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को यह आशा थी कि यदि भारतीय सेना ब्रिटेन की मदद करेंगी! तो ब्रिटेन युद्ध के बाद भारत को स्वतंत्र कर देगा।
• पर ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि रौलट एक्ट जैसे कई सख्त कानून भारतीयों पर थोंप दिये गये।

प्रथम विश्व युद्ध का परिणाम

• प्रथम विश्वयुद्ध 11 नवंबर 1918 को समाप्त हो गया।
• केंद्रीय शक्तियों में शामिल जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, बुल्गारिया, आदि देशों को हार का सामना करना पड़ा।
• जबकि मित्र राष्ट्रों इंग्लैंड, फ्रांस, रूस, सर्विया, जापान, पुर्तगाल, इटली, अमेरिका आदि देशों की जीत हुई।
• धुरी राष्ट्र अथवा केंद्रीय राष्ट्रों को अपमानित करने वाला “वर्साय की संधि” हुआ।
• विश्व के शक्तियों को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्र संघ की स्थापना की गई।
• यूरोप में तीन महान राजवंशों  सेमनाउ वंश (रूस), हैब्सवर्ग (ऑस्ट्रिया) और होहेनजोलर्न (प्रशा) मैं अंत हो गया।
• इन राजवंशों के स्थान पर इन सभी देशों में लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था अस्तित्व में आई।
• कई पराजित देशों पर मित्र राष्ट्रों ने अपना अधिकार कर लिया।
• इस महायुद्ध के बाद अधिनायकवाद का विकास हुआ।
• इटली में “मुसोलिनी” ने “फासीवाद” का विकास किया तो जर्मनी में “हिटलर” ने “नाजीवाद” की स्थापना की।
• इस महायुद्ध में धन-जन की अपार हानि हुई।
• युद्ध काल में अनेक उद्योग-धंधे, कल-कारखाने नष्ट हो गए परिणाम स्वरूप बेरोजगारी बढ़ गई।
• कई देशों पर आर्थिक ॠण बढ़ गया।
• वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि।
1928 -29 में वैश्विक महामारी का दौर आया।
• प्रथम विश्व युद्ध के बाद मजदूरों की भूमिका बढ़ गई, काम के घंटे, अधिक वेतन इत्यादि की मांग शुरू हो गए।
• सैन्य सामानों का उत्पादन बढ़ गया।

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