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सितंबर 2025 में झारखंड के प्रमुख त्योहार और घटनाएँ | Major Festivals & Events in Jharkhand – September 2025

On: September 25, 2025 10:38 PM
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Major Festivals in Jharkhand 2025
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सितंबर 2025 में झारखंड के प्रमुख त्योहार और घटनाएँ | Major Festivals & Events in Jharkhand – September 2025

परिचय (Introduction)

सितंबर 2025 झारखंड के लिए त्योहारों और धार्मिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण महीना है। इस महीने में राज्य में पितृपक्ष, नवरात्रि, विजयादशमी और हिंदी दिवस जैसे अवसर मनाए जाएंगे।

झारखंड की सांस्कृतिक विविधता और आदिवासी जीवनशैली के कारण प्रत्येक पर्व का आयोजन यहाँ अपने आप में विशिष्ट होता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग अपने रीति-रिवाजों के अनुसार उत्सव मनाते हैं।

ये पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक मेलजोल का भी प्रतीक हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य ज्ञान के लिए इन पर्वों और घटनाओं की जानकारी होना आवश्यक है।

इस ब्लॉग में हम सितंबर 2025 में होने वाले मुख्य त्योहार और घटनाओं का संक्षेप में विवरण देंगे। इसके साथ ही हम प्रत्येक त्योहार के लिए detailed individual blogs के लिंक भी प्रदान करेंगे, ताकि आप और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें।

सितंबर 2025 में झारखंड के प्रमुख त्योहार और घटनाएँ (Festivals & Events in Jharkhand)

1. पितृपक्ष (Pitru Paksha) – 7 से 21 सितंबर 2025

  • महत्व: पितृपक्ष वह समय है जब हम अपने पूर्वजों की पूजा और श्राद्ध करते हैं। इसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है।
  • रीतिरिवाज: इस दौरान तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोज का आयोजन किया जाता है। लोग नदी, तालाब या पवित्र जल स्रोत पर अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करते हैं।
  • सांस्कृतिक दृष्टि: झारखंड के आदिवासी और ग्रामीण समुदाय इस समय सामूहिक पूजा और भोज करते हैं।
  • प्रतियोगी परीक्षा के लिए: पितृपक्ष की तिथियाँ और रीति-रिवाज अक्सर सामान्य ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षा में पूछे जाते हैं।
  • Detailed Blog: पितृपक्ष 2025 – Detailed Blog

2. नवरात्रि (Navratri) – 22 से 30 सितंबर 2025

  • महत्व: नवरात्रि देवी दुर्गा की उपासना का नौ दिवसीय पर्व है। प्रत्येक दिन देवी के अलग रूप की पूजा की जाती है।
  • रीतिरिवाज: इस दौरान व्रत, पूजा, हवन और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। झारखंड में आदिवासी समुदाय लोक गीत और नृत्य के माध्यम से उत्सव मनाता है।
  • सांस्कृतिक दृष्टि: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रामलीला का आयोजन, झूमर और करमा नृत्य प्रमुख होते हैं।
  • प्रतियोगी परीक्षा: नवरात्रि के दिन, देवी का स्वरूप और पूजा विधि महत्वपूर्ण तथ्य होते हैं।
  • Detailed Blog: नवरात्रि 2025 – Detailed Blog

3. विजयादशमी (Dussehra) – 30 सितंबर 2025

  • महत्व: विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। रावण दहन और रामलीला के माध्यम से यह पर्व मनाया जाता है।
  • रीतिरिवाज: झारखंड के गाँवों और शहरों में विशाल रावण पुतले बनाए जाते हैं और शाम को जलाए जाते हैं। सामूहिक लोक नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
  • सांस्कृतिक दृष्टि: यह पर्व बच्चों और युवाओं को सत्कर्म, भक्ति और नैतिक शिक्षा प्रदान करता है।
  • प्रतियोगी परीक्षा: रावण दहन, विजयादशमी की तिथि और स्थानीय उत्सवों की जानकारी अक्सर पूछी जाती है।
  • Detailed Blog: विजयादशमी 2025 – Detailed Blog

4. हिंदी दिवस (Hindi Diwas) – 14 सितंबर 2025

  • महत्व: हिंदी दिवस हिंदी भाषा के प्रचार और महत्व को समर्पित है।
  • रीतिरिवाज: स्कूलों और संस्थानों में भाषण, लेखन, निबंध प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • सांस्कृतिक दृष्टि: यह दिन भाषा और साहित्य के महत्व को उजागर करता है।
  • प्रतियोगी परीक्षा: हिंदी दिवस की तिथि और उद्देश्य सामान्य ज्ञान में महत्वपूर्ण हैं।
  • Detailed Blog: हिंदी दिवस 2025 – Detailed Blog

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए Mock Questions

  1. पितृपक्ष कब मनाया जाता है?
    1. उत्तर: 7–21 सितंबर 2025
  2. नवरात्रि के दौरान किस देवी की पूजा की जाती है?
    1. उत्तर: देवी दुर्गा
  3. विजयादशमी पर किसका दहन किया जाता है?
    1. उत्तर: रावण
  4. हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?
    1. उत्तर: 14 सितंबर
  5. झारखंड में नवरात्रि के दौरान कौन से लोक नृत्य प्रमुख हैं?
    1. उत्तर: झूमर और करमा
  6. पितृपक्ष के दौरान कौन-कौन से कर्म किए जाते हैं?
    1. उत्तर: तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोज

निष्कर्ष (Conclusion)

सितंबर 2025 में झारखंड के ये प्रमुख त्योहार और घटनाएँ राज्य की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को दर्शाती हैं।

  • पितृपक्ष में पूर्वजों को श्रद्धांजलि देना,
  • नवरात्रि में देवी दुर्गा की उपासना और लोक नृत्य,
  • विजयादशमी में अच्छाई पर बुराई की जीत का संदेश, और
  • हिंदी दिवस में भाषा और साहित्य का महत्व

सभी अवसर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। Gyantarang.com पर यह ब्लॉग आपको त्योहारों की पूरी जानकारी, रीति-रिवाज, प्रतियोगी परीक्षा के महत्वपूर्ण तथ्य और individual blogs के लिंक प्रदान करता है।

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Sindhu

अगर सही मार्ग पर चला जाए तो सफलता निश्चित है। अभ्यास सफलता की कुंजी मानी जाती है, और यह अभ्यास यदि सही दिशा में हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती। इस लिए कहा भी गया है:- " करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।"

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