खोरठा क्रिकेट करेंट अफेयर्स जिओग्राफी हिस्ट्री झारखंड इंटरेस्टिंग फैक्ट्स झारखंड के महापुरुष ग्रेट मैन ऑफ़ इंडिया देश विदेश क्विज़ साइंस साइंटिस्ट्स अन्य

---Advertisement---

भारत की आदर्श नारी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन परिचय

On: October 7, 2020 9:18 PM
Follow Us:
अहिल्याबाई का जीवन परिचय, अहिल्याबाई होलकर, अहिल्याबाई होल्कर, अहिल्या बाई कौन थी, अहिल्याबाई होलकर के कार्य, अहिल्याबाई की जयंती, अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी, अहिल्याबाई होलकर का इतिहास, अहिल्याबाई होलकर का परिचय, अहिल्याबाई होलकर का जन्म, आहिल्याबाई होलकर का इतिहास बताइए, अहिल्याबाई होल्कर का जीवन परिचय, ahilyabai holkar, ahilya bai kon thi, ahilyabai holkar image, ahilyabai holkar jayanti, ahilyabai holkar in hindi information, ahilyabai holkar in hindi, ahilyabai holkar wikipedia in hindi, ahilyabai holkar biography in hindi, ahilyabai holkar history in hindi, ahilyabai holkar background,
---Advertisement---

भारत की आदर्श नारी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन परिचय

भारत की उर्वर भूमि ने ऐसे-ऐसे महान् नारियों को जन्म दिया है। जिसने अपने पराक्रम, बल, बुद्धि और अच्छे आचरण से विश्व में एक छाप छोड़ी है। उनमें से एक नाम है मालवा की महारानी अहिल्याबाई होल्कर का। इन्होंने अपने राज्य की सीमा से बाहर विभिन्न प्रकार के विकासात्मक कार्य किए। आज के इस पोस्ट में देखेंगे भारत की आदर्श नारी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन परिचय

सामान्य परिचय

• इनका जन्म “31 मई 1725 ई•” को “मनकोजी सिंधिया” नामक एक सामान्य किसान के घर हुआ था।
• अहिल्याबाई सीधी सरल ग्रामीण कन्या थी।
• इनका विवाह 10-12 वर्ष की आयु में “मल्हार राव” के पुत्र “खाण्डेराव” के साथ संपन्न हुआ।
• एक युद्ध के दौरान इनके पति मारे गए और अहिल्याबाई 29 वर्ष की उम्र में ही विधवा हो गई।
• अल्प आयु पुत्र को गद्दी पर बिठाकर अहिल्याबाई होल्कर “मालवा साम्राज्य” की संरक्षिका बन गयी।
• बड़ा होकर इनका पुत्र विलासी, क्रूर और स्वार्थी हो गया था। जिसे देखकर अहिल्याबाई का हृदय बड़ा ही दुखी हो उठता था।
• अस्वच्छता के कारण युवावस्था में ही उनके विलासी और क्रूर पुत्र “मालेराव” की मृत्यु हो गई।

—–
इसे भी जानें

? भारतीय अंतरिक्ष के जनक डॉ विक्रम साराभाई
? अमर शहीद खुदीराम बोस
? विश्व आदिवासी दिवस
? जम्मू कश्मीर का इतिहास और वर्तमान
? पार्श्व गायक, अभिनेता, संगीतकार किशोर कुमार
——–

कार्य

• पति और पुत्र के निधन के बाद उन्होंने बड़े ही कुशलता पूर्वक अपने राज्य की प्रशासनिक बागडोर संभाली थी।
आलियाबाई होल्कर ने अपने राज्य की सीमाओं से बाहर भारत भर के प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में मंदिर बनवाए, घाट बनवाए, कुओं और बावरियों का निर्माण किया, सड़क मार्ग बनवाए तथा सड़कों को मरमत करवाएं, भूखों के लिए अंन्न सत्र खोलें इत्यादि समाज सुधारक जैसे कार्य करवाएं।

• उन्होंने अपनी राजधानी “महेश्वर” में नर्मदा नदी के किनारे 18 वीं सदी का बेहतरीन और  आलीशान “अहिल्या महल” भी बनवाया था।
• अहिल्याबाई ने अपने राज्य के साहूकार व्यापारियों और शिल्पियों को आर्थिक मदद देकर उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारी।
• “गौ संस्कृति” और “बाग बगीचों” को प्रोत्साहन देने के कारण उसके राज्य में दूध, दही, घी, फूलों और फलों की कभी भी कमी नहीं रही।
• अहिल्याबाई ने जगह-जगह अनाथालय, पुस्तकालय, वाचनालय, विद्यालय, औषधालय और दानशालाएं स्थापित की।

सम्मान

• अपने जीवन काल में जनता इन्हें “देवी” के रूप में सम्मान देती थी ।
• स्वतंत्र भारत में “अहिल्याबाई होल्कर” का नाम बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है।
• इनके बारे में अलग-अलग राज्यों की पाठ पुस्तकों में अध्याय के रूप में शामिल किया गया है।
• उत्तराखंड में “आलियाबाई होल्कर भेड़ बकरी विकास योजना” शुरू किया गया है।
• मध्यप्रदेश के इंदौर हवाई अड्डे का नाम “देवी अहिल्या बाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा” रखा गया है।

पारिवारिक जीवन कष्टमय

मात्र 29 वर्ष की आयु में ही उनके पति की मृत्यु हो गई थी। उनका पुत्र भी विलासित स्वभाव का था जो अस्वस्थता के कारण युवावस्था में ही चल बसा था। युवावस्था में ही उनके दामाद “यशवंतराव” की मृत्यु के बाद उनकी पुत्री “मुक्ताबाई” ने भी आत्मदाह कर लिया था।

इन सब अघातों के बाद भी अहिल्याबाई ने अपने जीवन को सार्थकता बनाया। मानव सेवा, प्रजा को सुख और शांति पूर्ण शासन को ही अपना पूजा समझती रही। अंतत: 70 वर्ष की अवस्था में “13 अगस्त 1795 ई•” में उनका निधन हो गया।

साहस, बलिदान, त्याग और आदर्श की मूर्ति अहिल्याबाई होल्कर मरकर भी अमर हो गई। हमारी ओर से उन्हें सहृदय नमन्!

——
इसे भी देखें

? चांद पर मानव की पहली उड़ान
? घर पर गुलाब जामुन बनाने के आसान तरीके
? गिद्धौर का दुर्गा पूजा
? भारत के पुराने से पुराने सिक्के
? जीडीपी की गणना कैसे करते हैं
—-

Sindhu

अगर सही मार्ग पर चला जाए तो सफलता निश्चित है। अभ्यास सफलता की कुंजी मानी जाती है, और यह अभ्यास यदि सही दिशा में हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती। इस लिए कहा भी गया है:- " करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।"

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

1 thought on “भारत की आदर्श नारी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन परिचय”

Leave a Comment