भूमण्डलीय तापन क्या है, Global Warming
पृथ्वी पर लगातार विभिन्न प्रकार के गैसों के बढ़ते मिश्रण के कारण वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि हुई है। जिस कारण संपूर्ण विश्व में जो प्रभाव उत्पन्न हुआ है। उसे Global Warming (भूमंडलीय तापन) के नाम से जाना जाता है। इस कारण वैश्विक तापन में औसत वृद्धि हुई है। परीणाम स्वरूप मौसम में बदलाव, अतिवृष्टि, अल्पवृष्टि, बाढ़, सूखा जैसी समस्याएं विश्व पटल पर आई है।
Global Warming (भूमण्डलीय तापन) ग्रीनहाउस गैसों (green house gases) कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, नाइट्रस आक्साइड इत्यादि के अत्यधिक उत्सर्जन के कारण होने वाले प्रभावों से हो रहा है।
हरित गृह गैसें
Green House Gases
पृथ्वी पर कल-कारखानों, मोटर-गाड़ियों, एयर-कंडीशनरों, रेफ्रिजरेटरों इत्यादि से निकलने वाले गैसें हरित गृह गैसें कहलाती है। क्योंकि ये गैस ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करती है और पृथ्वी के तापमान को बढ़ा देती है। जिस कारण Global Warming (भूमण्डलीय तापन) की समस्याएं उत्पन्न हुई है। आइए जानते हैं Green House Gases के बारे में।
• कार्बन डाइऑक्साइड
• मिथेन
• क्लोरोफ्लोरोकार्बन
• नाइट्रस ऑक्साइड
• ओजोन
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• कार्बन डाइऑक्साइड ( Co2) :-
Carbon dioxide
कल-कारखानों, मोटर-गाड़ियों, ताप विद्युत घरों के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में काफी वृद्धि हुई है। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का सांद्रण 25% तक बढ़ गया है। वर्तमान में मानव अपनी गतिविधियों से छह अरब टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड प्रतिवर्ष उत्सर्जित कर रहा है। इनमें से आधी गैसें, समुद्र और पौधों द्वारा अवशोषित कर ली जाती है। जबकि शेष वायुमंडल में रह जाती है। कार्बन डाइऑक्साइड Global Warming (भूमण्डलीय तापन) के लिए प्रमुख उत्तरदायी गैस है।
मिथेन (CH4) :-
Methane
यह मुख्यतः जैविक स्रोतों से उत्पन्न होता है। धान की खेती तथा कंपोस्ट (compost) खाद निर्माण से मीथेन गैस बनती है। जो Global Warming (भूमण्डलीय तापन) लिए उत्तरदायी है। वायुमंडल में इसकी मात्रा प्रति वर्ष लगभग 1.1% की दर से बढ़ रही है। मिथेन गैस उष्मा को रोकने में कार्बन डाइऑक्साइड से 25 गुना अधिक प्रभावी है।
• क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC)
Chlorofluorocarbon
क्लोरोफ्लोरोकार्बन कार्बन, क्लोरीन, हाइड्रोजन और फ्लोरीन परमाणुओं से बना एक कार्बनिक यौगिक है। इसका उपयोग रेफ्रिजरेटरों, एयर कंडीशनरों, थर्मोकाल तथा अन्य प्रकार के कार्यों में किया जाता है। जब CFC का स्तर ऊपरी वायुमंडल में बढ़ती है। तब यह गैस क्लोरीन का उत्सर्जन करती है। और क्लोरीन ओजन परत को नुकसान पहुंचाती है। ओजोन परत पृथ्वी के लिए वरदान है। क्योंकि यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमें बचाती है। CFC कार्बन के तुलना में 17,500 से 20,000 गुनी अधिक ऊष्मा रोधी क्षमता उत्पन्न करती है। इस प्रकार देखा जाए तो Global Warming (भूमण्डलीय तापन) के लिए CFC सबसे अधिक खतरनाक गैस बनती जा रही है।
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• नाइट्रस ऑक्साइड (N2O)
Nitrous Oxide
इस गैस की उत्पत्ति मुख्यतः प्राकृतिक रूप से भूमि में होने वाले सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों से होती है। लकड़ी के जलने से तथा फसल अवशेषों के नष्ट होने से होती है। और जीवाश्म इंधनों के दहन से उत्पन्न होती है। इस गैस के प्रत्येक अणु की ऊष्मा रोधी क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड के आणु की क्षमता से 250 गुना अधिक होती है। प्रतिवर्ष इस गैस का सांद्रण वायुमंडल में 0.25% की दर से बढ़ रहा है। यह गैस Global Warming (भूमण्डलीय तापन) के लिए उत्तरदायी है।
• ओजोन (O3)
Ozone
समताप मण्डल में 22 से 35 किलोमीटर ऊंचाई पर ओजोन परत पाया जाता है। ओजोन परत पराबैगनी किरणों से हमें रक्षा करती है। वहीं दूसरी ओर यह वायुमंडल के निचले हिस्से को गर्म रखने के लिए भी उत्तरदायी है।
हरित गृह प्रभाव क्या है
What is Green House effect
दरअसल ठंडे प्रदेशों में फलों,सब्जियों और फलों को उगाने के लिए हरितगृह अर्थात ग्रीनहाउस बनाया जाता है। जो मुख्यत: कांच के बने घर होते हैं। इन कांच के घरों में सूर्य की गर्मी तो प्रवेश करती है। परंतु कांच के घर होने के कारण गर्मी उस अनुपात में वापस अंतरिक्ष में नहीं जा पाती है। फलस्वरूप कांच के घर अपेक्षाकृत अधिक गर्म रहती है। जिस कारण ठंडे प्रदेशों में भी फलों, सब्जियों और फलों को उगाना आसान हो जाता है।
पृथ्वी पर ग्रीनहाउस के प्रभाव
• धूप में खड़ी कार का भीतरी भाग भी इसी प्रभाव के कारण अधिक गर्म हो जाता है।
• बादल होने पर स्वच्छ आकाश की अपेक्षा रात में अधिक गर्मी होती।
ठीक ऐसी ही प्रभाव पृथ्वी पर कल-कारखानों, मोटर गाड़ियों, रेफ्रिजरेटर इत्यादि से निकलने वाली गैसें करती है। जिस कारण सूर्य की गर्मी पृथ्वी पर आती तो है। परंतु फिर से वापस उस अनुपात में अंंतरिक्ष में नहीं जा पाती। इस कारण पृथ्वी अधिक गर्म हो रही है। इसी प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं। क्योंकि यह प्रभाव ठीक ग्रीनहाउस जैसा ही होता है।
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भूमण्डलीय तापन के प्रभाव
Effect of Global Warming
Global Warming के कारण पृथ्वी पर कई प्रभाव देखे जा रहे हैं, तथा भविष्य में इसके गंभीर परीणाम की आशंका है।
• मौसम में बदलाव होना
• अतिवृष्टि
• अल्पवृष्टि
• बाढ़
• सुखा
• 21 वीं सदी के अंत तक ध्रुवों और पर्वतों के चोटियों में बहुुुत सारे जमे वर्फ़ पिघलने लगेेंग। इस कारण समुद्र के जल स्तर में आधे मीटर की बढ़ौतरी से हजारों द्वीप जलमग्न हो जाएगा। जिसके परीणाम करोड़ों लोग विस्थापित होना पड़ेगा।
रियो डी जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन, 1992
जून 1992 में 100 से भी अधिक विश्व के राष्ट्राध्यक्ष ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरो में प्रथम अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी सम्मेलन में एकत्रित हुए।
• इस सम्मेलन में एकत्रित नेताओं ने ग्लोबल वार्मिंग जैसे वैश्विक समस्याओं से संबंधित घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
• साथ ही 21वीं सदी में सतत् पोषणीय विकास के लिए एजेंडा 21 को स्वीकृति प्रदान की गई।
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जय हिंद!
Very nice