खोरठा पत्र पत्रिका का इतिहास | khortha paper and magazine
खोरठा पत्र पत्रिका का इतिहास | History of khortha paper and magazines खोरठा झारखंड का एक समृद्ध स्थानीय भाषा के रूप में जानी जाती है. झारखंड के तकरीबन 15 से 16 जिलों में यह मातृभाषा (मायकोरवा भासा) के रूप में बोली जाती है. पत्र-पत्रिकाएं किसी भी भाषा साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. …