Tamasin waterfall Chatra, तमासिन जलप्रपात कैसे पहुंचे
छोटा नागपुर का पठार विविधताओं से भरा है. उबड़- खाबर चट्टानी धरती ने कई मनमोहक छटाऐं बिखेरी है. उन्हीं में से एक है चतरा स्थित Tamasin Waterfall. यहां एक ही नदी पर कई झरने देखने को मिलते हैं, जो लोगों को और भी आकर्षक लगता है। नदी की धारा ने यहां नदी तल में स्थित पत्थरों पर अजब-गजब की कलाकृति बनाई है. जिसे देख पर्यटक आश्चर्यचकित रह जाते हैं. इस जलप्रपात के समीप स्थित गुफा का रहस्य भी प्राचीन काल से जुड़ी है. Tamasin Waterfall झारखंड का यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट भी है. यही वजह है कि यहां हर साल लाखों की संख्या में देश के विभिन्न भागों से पर्यटक पहुंचते हैं.
गहरी घाटी
Tamasin Waterfall फल्गु नदी पर स्थित है. यह नदी गहरी घाटी में बहती है, फल्गु नदी की गहराई तकरीबन 60 फीट है. इस नदी पर बनने वाला जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 30 फुट है. यहां एक के बाद एक दो जलप्रपात हैं. इसके अलावा इस नदी पर कई और झरने हैं जो लोगों को काफी आकर्षित करती है.
चट्टानों पर कलाकृति
फल्गु नदी की तली में कठोर चट्टाने पाई जाती है. जिस पर नदी की जलधारा ने अजब-गजब कलाकृति की है. नदी धारा ने इन कठोर चट्टानों को तराश कर चिकना कर दिया है. नदी की तली पर कहीं-कहीं नदी धारा ने चट्टानों को काटकर कुआं जैसा आकृति बनाई है. वहीं नदी की धारा ने कहीं-कहीं चट्टानों पर आकर्षक कलाकृति भी की है. यह सब देखकर पर्यटक भाव विभोर हो जाते हैं.
गुफा का रहस्य
तमासिन जलप्रपात के एकदम निकट ही एक गुफा है. यहां तमासिन माता की प्रतिमा भी है. माना जाता है कि तमासिन माता 22 बहन में सबसे छोटी थी. जो लोगों की हर मनोकामना पूरा करती है. यहां हिंदू धर्म की पवित्र तिथियों पर भजन-कीर्तन, मुंडन, बकरे की बलि आदि की प्रथाएं प्रचलन में है. यहां पूजा पाठ के दौरान नारियल फोड़ने की भी परंपरा है. इस गुफा में लोग घी के दीपक जलाते हैं.
यहां स्थित गुफा का रहस्य भी अति प्राचीन है. ऐसा माना जाता है कि इस गुफा का एक द्वार पास में स्थित अंगबारी राजा के महल में खुलता था. हालांकि यह भौगोलिक घटना से प्रेरित लगता है. भुगर्भिक हलचलों के कारण शायद दरार के कारण यहां गुफा बना हो. इस अंधेरी गुफा में अंदर जाने का मार्ग आगे छोटा होता जाता है. आर कुछ मीटर के बाद गुफा का मार्ग बंद हो जाता है.
तमासिन जलप्रपात घुमने का सबसे सही समय
ऐसे तो यहां सालों भर पर्यटक Tamasin Waterfall देखने पहुंचते हैं. लेकिन सबसे अधिक भीड़ जाड़े की ऋतु में होती है. यह झारखंड का एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है. लोग दूर-दूर से यहां पिकनिक के लिए आते हैं.
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कैसे पहुंचे तमासिन जलप्रपात
तमासिन पहुंचने का सबसे सरल और आसान सड़क मार्ग है. क्योंकि सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कटकमसांडी यहां से 40 किलोमीटर दूर है. और सबसे निकटतम वायुपत्तन रांची यहां से 162 किलोमीटर दूर है.
कैसे पहुंचे तमासिन
सड़क मार्ग से दूरी
तमासिन जलप्रपात सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
चतरा :- 33km.
चतरा के तरफ से आने वाले यात्री चतरा-चौपारण मार्ग से चलते हुए ऊंटा मोड़ से बाएं तरफ ऊंटा-तुलबुल रोड से कन्हाचट्टी होते हुए. 33 किलोमीटर दूर तमासिन जलप्रपात पहुंचे।
इटखोरी :- 15km.
चौपारण-चतरा मार्ग में इटखोरी से चलकर महाने पुल पार कर तमासिन मोड से होते हुए. तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
कटकमसांडी :- 40km.
तमासिन जलप्रपात से सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कटकमसांडी है. कटकमसांडी से नगमा होते हुए तमासिन जलप्रपात पहुंचा जा सकता है.
गिद्धौर :- 33km.
गिद्धौर से 8 किलोमीटर बरहमपुर मोड़ पहुंचे. तत्पश्चात बरहमपुर मोड़ से चतरा-चौपारण मार्ग पर चलकर गुल्ली पहुंचे. गुल्ली मोड से चलते हुए चिरिदीरी और तुलबुल को पार कर तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
हजारीबाग :- 65km.
हजारीबाग से तमासिन की दूरी 65 किलोमीटर है. हजारीबाग-बरही सड़क मार्ग (NH-33) से चलते हुए इटखोरी मोड पहुंचे. इटखोरी मोड से पदमा-इटखोरी मार्ग से चलते हुए इटखोरी पहुंचे. तत्पश्चात इटखोरी-चतरा मार्ग में कुछ दूर चलकर म्हाने नदी पुल से कुछ मीटर आगे तमासिन मोड़ होते हुए तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
चौपारण :- 32km.
चोपारण-चतरा मार्ग होते हुए महाने पुल के कुछ आगे तमासिन मोड़ से तमासिन जलप्रपात पहुंचे हैं.
कोडरमा:- 75 km.
कोडरमा से NH-33 के सहारे बरही पहुंचे. बरही से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के सहारे चौपारण पहुंचे. चौपारण से इटखोरी पहुंचे अब इटखोरी से तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
गिरिडीह :- 164km.
गिरिडीह से तमासिन जलप्रपात की दूरी 164 किलोमीटर है. सबसे पहले गिरिडीह से 40 किलोमीटर चलकर डुमरी पहुंचे। इसके बाद डुमरी से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 के साथ चलते हुए बगोदर, बरही को पार कर चौपारण पहुंचे. तत्पश्चात चोपारण चतरा मार्ग से होते हुए इटखोरी को पार कर, 1 km दूर महाने पूल के पार तमासिन मोड पहुंचे. तमासिन मोड़ से होते हुए तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
धनबाद :- 174km.
धनबाद से तमासिन जलप्रपात की दूरी 174 किलोमीटर है. धनबाद से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 से चलते हुए डुमरी, बगोदर, बरही होते हुए चौपारण पहुंचे. चौपारण चतरा मार्ग से होते हुए इटखोरी के रास्ते तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
रांची :- 162km.
रांची से तमासिन 162 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग-33 से रांची, रामगढ़, हजारीबाग होते हुए पदमा मोड पहुंचे. तत्पश्चात इटखोरी होते हुए तमासिन जलप्रपात पहुंचे।
गया :- 103km.
गया से तमासिन जलप्रपात 103 किलोमीटर दूर स्थित है. सबसे पहले गया से डोभी पहुंचे. इसके पश्चात राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 से चलकर डोभी से चौपारण पहुंचे. तत्पश्चात चोपारण-चतरा मार्ग से होते हुए इटखोरी पहुंचे इसके बाद इटखोरी से कुछ किलोमीटर आगे चलकर तमासिन मोड़ पहुंचे. इसके बाद तमासिन जलप्रपात पहुंचे।
पटना :- 201km.
पटना से गया और गया से चौपारण तथा चौपारण से इटखोरी होते हुए तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
कोलकाता :- 439km.
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 से चलकर डुमरी, बगोदर, बरही होते हुए चौपारण पहुंचे. चौपारण से इटखोरी होते हुए तमासिन जलप्रपात पहुंचे.
दिल्ली :- 1091km.
मुंबई :- 1773km.
चेन्नई :- 1781km.
निकटतम रेल मार्ग से दूरी
कटकमसांडी:- 40km.
कोडरमा:- 75 km.
निकट में से सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन
रांची:- 158km.
गया:- 104km.
पटना:- 202km.
गया जंक्शन पर उतर कर सड़क मार्ग से तमासिन जलप्रपात पहुंच सकते हैं.
वायु पत्तन
सबसे निकटतम वायु पतन रांची तकरीबन 162 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पटना 202 किलोमीटर जबकि महत्वपूर्ण वायु पत्तन कोलकाता 439 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ठहरने की जगह
• ईटखोरी:- 15 km.
• चतरा :- 33km.
• हजारीबाग:- 65 km.
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Tamasin waterfall
प्रस्तुति
www.gyantarang.com
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संकलन
महेंद्र प्रसाद दांगी
शिक्षक
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