अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस, International girl child day, महत्वपूर्ण तथ्य
प्राचीन समय में महिलाओं के प्रति लोगों का सम्मान और आदर का भाव था। और उन्हें शक्ति का प्रतीक समझा जाता था। परंतु समय के साथ लोगों की सोच बदलती गई। धीरे-धीरे महिलाओं को अबला समझा जाने लगा। समाज पुरुष प्रधान में बदल गई। बाल विवाह, सती प्रथा, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, डायन, घरेलू हिंसा, अत्याचार, बलात्कार जैसी कुकृत्य समाज में व्याप्त हो गई। इन करूतियों के कारण बालिकाओं को शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, कानूनी जागरूकता जैसे मूलभूत आवश्यकताओं से दूर रखा गया। लेकिन अब दुनियाभर में सामाजिक संस्थाएं तथा सरकारों ने बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ और सुरक्षा आदि देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। संयुक्त राष्ट्र ने भी समाज में बालिकाओं को उनके हक दिलाने, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा आदि के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 11 अक्टूबर को “अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस” मनाने का निर्णय लिया है।
प्रारंभ
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2011 में एक प्रस्ताव पारित कर के 11 अक्टूबर के दिन को “अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस” मनाने के लिए चुना। इस प्रकार पहला अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर 2012 को मनाया गया। तब से हर वर्ष 11 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है।
उद्देश्य
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य बालिकाओं को अधिकारों का संरक्षण करना तथा उनके समक्ष आने वाली चुनौतियां एवं कठिनाइयों की पहचान करना है। साथ ही समाज में बालिकाओं को बालकों के समान अधिकार दिलाने हेतु लोगों को जागरूक करना है।
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बालिकाओं से संबंधित समस्याएं/अत्याचार
बालिकाओं को शक्ति का रूप समझा जाता है परंतु वर्तमान समय में बाल विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, बलात्कार आदि जैसी समस्याएं देखी जाती है।
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बालिकाओं के हित में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम
भारत सरकार और राज्य सरकारों ने समय-समय पर बालिकाओं को प्रोत्साहन देने से संबंधित कई योजनाएं शुरू की है।
• बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, केन्द्र सरकार
• सुकन्या समृद्धि योजना, केन्द्र सरकार
• बालिका समृद्धि योजना, केन्द्र सरकार
• कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, केन्द्र सरकार
• छात्रवृत्ति योजना, राज्य एवं केन्द्र सरकार
• मुख्यमंत्री लाडली योजना, मध्य प्रदेश
• भारती कन्या भाग्यश्री योजना, महाराष्ट्र
• मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, झारखंड
• नंदा देवी कन्या धन योजना, उत्तराखंड
• मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, बिहार
• मुख्यमंत्री राजश्री योजना, राजस्थान
• किशोरी बालिका योजना, उत्तर प्रदेश
ये योजनाएं निम्न उद्देश्यों की पूर्ति करती है:-
• बालिकाओं की शिक्षा
• स्वास्थ्य सेवाएं
• भ्रूण हत्या पर रोक
• आर्थिक सहायता
• बेटियों की शादी में मदद
• लिंगानुपात को बढ़ावा देना
• छात्रवृत्ति का लाभ
• स्कूलों में पोषण एवं सेनेटरी नैपकिन का वितरण इत्यादि जैसी सुविधाएं।
थीम
हर वर्ष बालिका दिवस का एक निश्चित विषय वस्तु (थीम) निर्धारित किया जाता है। जब पहली बार 2012 में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया था। तब उस समय थीम था- “बालिका विवाह समाप्त करना”।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस 2020 का थीम है- “मेरी आवाज हमारा सामान भविष्य” (“My voice equal future”)
? ध्यान रहे, भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस प्रतिवर्ष “24 जनवरी” को मनाया जाता है।
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प्रस्तुतकर्ता
www.gyantarang.com
Editor
Mahendra Prasad Dangi
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