पार्श्व गायक, अभिनेता, संगीतकार, किशोर कुमार की जीवनी
” किशोर कुमार की आज 91वीं जयंती है”
भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर पार्श्व गायक, अभिनेता और संगीतकार किशोर कुमार को कौन नहीं जानता 1970 और 80 के दशक में उनकी गायकी ने जो रिकॉर्ड स्थापित किये वो आज भी गायकों के लिए एक चुनौती है। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के 8 फिल्म फेयर पुरस्कार जीते। आइए आज के इस पोस्ट में जानते हैं किशोर कुमार का संपूर्ण जीवन परिचय।
प्रारंभिक जीवन
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 ई• को मध्य प्रदेश से खंडवा में हुआ था। इनके पिता का नाम “कुंजीलाल गांगुली” था जो पेशे से एक वकील थे किशोर कुमार के माता का नाम “गौरी देवी” था। किशोर कुमार का असली नाम “आभास कुमार गांगुली” था।
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विवाह
किशोर कुमार ने चार शादियां की थी। 1950 ई• में उनकी पहली शादी “रूमा गुहा ठाकुरता” अर्थात “रूमा घोष” से हुई थी। आपसी खटास के कारण उनकी शादी ज्यादा दिन चल ना सकी। इसके बाद 1960 में मशहूर अभिनेत्री “मधुबाला” से उन्होंने विवाह किया। इस विवाह के बाद किशोर कुमार ने इस्लाम धर्म को अपना लिया और अपना नाम बदलकर “करीम अब्दुल” रख लिया। किशोर कुमार के घर वालों ने इस शादी को स्वीकार नहीं किया। इस कारण वे तनाव में रहने लगे। मधुबाला दिल के मरीज थी। 23 फरवरी 1969 को उनकी मौत हो गई।
तत्पश्चात किशोर कुमार ने तीसरी शादी 1976 ई• में “योगिता बाली” से की। यह शादी भी ज्यादा दिन तक चल ना सका। 1980 ई• में उन्होंने चौथी शादी “लीला चंदावरकर” से की। किशोर कुमार के दो बेटे हैं। एक अमित कुमार और दूसरा सुमित कुमार।
फिल्मी सफर
किशोर कुमार का फिल्मी सफर एक अभिनेता के रूप में शुरू हुआ था। जब वे पहली बार फिल्म “शिकारी” (1946 ई•) में नजर आए थे। उन्होंने पहली बार 1948 ई• में बनी फिल्म “जिद्दी” में गाना गाया था। उस फिल्म में उन्होंने देवानंद के लिए गाना गाया था। किशोर कुमार तब गायक “के एल सहगल” के जबरदस्त फैन थे। इसलिए उन्होंने यह गीत उन्हीं की शैली में गाया था। इस कारण इस फिल्म में वे अपनी कोई छाप नहीं छोड़ पाए। इसके बाद 1951 ई• में “आंदोलन” में हीरो के रूप में नजर आए लेकिन यह फिल्म फ्लॉप रही। 1954 ई• में उन्होंने “विमल राय” की फिल्म “नौकरी” में एक बेरोजगार युवक की संवेदनशील भूमिका निभाकर अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया।
इसके बाद 1955 ई• में “बाप रे बाप” 1956 ई• में “नई दिल्ली” 1957 ई• में “मिस मेरी” और “आशा” तथा 1958 ई• में “चलती का नाम गाड़ी” फिल्मों में अभिनय किया। इसके पश्चात “काला बाजार, गर्लफ्रेंड, झुमरू, हाफ टिकट, मिस्टर एक्स इन मुंबई, प्यार किए जा, हाय मेरा दिल, पड़ोसन, दूर का राही, चलती का नाम जिंदगी”, जैसे 81 फिल्मों में अभिनय भी किया।
किशोर कुमार का फिल्मी जीवन आने वाले कलाकारों के लिए प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने फिल्मों में अभिनय भी किया, अपने लिए खुद गाने भी गाये और दूसरे अभिनेताओं के लिए भी आवाजें दी। साथ ही उन्होंने कई फिल्मों में संगीत और कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। यह बहुत कम लोगों को पता है कि शुरुआती फिल्मों में किशोर कुमार के लिए मोहम्मद रफी ने अपनी आवाजें दी थी। बाद के वर्षों में किशोर कुमार की आवाज ऐसी प्रसिद्ध हुई कि “देव आनंद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे महानायकों की आवाजें बन गयी।
1957 ई• में बनी फिल्म “फंटूश” में उन्होंने “दुखी मन मेरे” गीत ने ऐसी छाप छोड़ी कि संगीतकारों को “किशोर कुमार” का प्रतिभा मानना पड़ा। उनकी प्रतिभा का लोहा मान कर संगीतकार “आरडी बर्मन” ने किशोर कुमार को “मुनीम जी, टैक्सी ड्राइवर, फंटूश, नौ दो ग्यारह, पेइंग गेस्ट, गाइड, ज्वेल थीफ, प्रेम पुजारी, तेरे मेरे सपने जैसी फ़िल्मों में आवाज देने का मौका दिया। इन फिल्मों में किशोर कुमार की आवाज ने तहलका मचा दिया।
राजेश खन्ना की “जानी मेरा नाम, रोटी, सौतन, कटी पतंग, दुश्मन, आनंद, आराधना” जैसी फिल्मों में किशोर कुमार ने अपनी आवाज को अमर कर दिया। वहीं अमिताभ बच्चन की डॉन, शौले, दिवार, देश प्रेमी, लावारिश, सुहाग, अमर अकबर एंथोनी, मर्द, याराना जैसी फिल्मों में किशोर कुमार की आवाज ने वह जादू बिखेरी जिसकी कल्पना करना मुश्किल है।
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58 वर्ष की आयु में 13 अक्टूबर 1987 ई• को किशोर कुमार इस धरती को छोड़कर सदा के लिए लंबी यात्रा पर निकल पड़े। वे आज हमारे बीच भले ना हो पर आने वाले युग-युगांतर तक अपनी आवाज का जादू बिखेरते रहेंगे।
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