भारत में बैंकों का राष्ट्रीयकरण कब हुआ nationlised bank in India
“बैंकों के राष्ट्रीयकरण का आज 51 वर्ष”
भारतीय अर्थव्यवस्था में 19 जुलाई का दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि पहली बार देश में बड़े स्तर पर 19 जुलाई 1969 को बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। उस समय देश के 14 बड़े बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था। इससे देश की बैंकिंग व्यवस्था को एक क्रांतिकारी मोड मिला। इसके पश्चात निजी लाभ के लिए कार्य करने वाले बैंक अब देश और देश की जनता के लाभ और विकास के कार्य करने लगे।
14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण का इतिहास
आर्थिक विकास में बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आजादी के पूर्व भारत में बैंकों की कार्यप्रणाली ब्रिटिश हितों एवं ब्रिटिश कंपनियों से संबंधित था। आजादी के बाद भी लगभग यही कार्य प्रणाली जारी रहा और बैंक निजी हितों से संबंधित कार्य करती रही। इन बैंकों के मानसिकता और कार्य पद्धति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ था। भारत की लगभग 80% पूंजी इन्हीं निजी बैंकों के पास जमा थी। इसके बावजूद इन बैंकों की भारत की सामाजिक, आर्थिक और अन्य मुलभूत चीजों की स्थिति सुधारने में कोई योगदान नहीं था। संभवत इन्हीं कारणों से बैंकों का राष्ट्रीयकरण करना सरकार ने उचित समझा।
बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य
वाणिज्य बैंकों की कार्यप्रणाली पर देश की विकास निर्भर करती है। इसलिए सरकार ने 1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। आइए जानते हैं बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य क्या है-
☆ पहला उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं एवं सुविधाओं का विस्तार करना रहा है। जिससे किसानों और गरीबों तक बैंकों की पहुंच सुनिश्चित हो सके। ताकि पूंजीपतियों एवं साहूकारों पर कर्ज की निर्भरता कम हो सके।
☆ देश के आर्थिक विकास तेज करना दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य था। बैंकों के राष्ट्रीयकरण से पहले देश में आर्थिक विकास की गति धीमी थी। पूजी के अभाव में कल-कारखानों की स्थिति दयनीय थी।
☆ बेरोजगारी दूर करना तीसरा प्रमुख उद्देश्य था। इससे शिक्षित बेरोजगारों को बैंकों के माध्यम से आर्थिक सहायता देकर स्वरोजगार और अन्य साधनों में वृद्धि किया जा सकता था।
☆ चौथा महत्वपूर्ण उद्देश्य देश के कमजोर वर्गों सहायता देना था। छोटे तथा मंझोले किसान, भूमिहीन मजदूर, शिक्षित बेरोजगारों, छोटे कामगारों को आर्थिक सहायता देकर आय में वृद्धि करना था।
☆ देश में बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित करके नया लघु स्तरीय उद्योगों के नव निर्माण को बढ़ावा देना भी बैंकों के राष्ट्रीयकरण का एक महत्वपूर्ण देश था।
भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का राष्ट्रीयकरण
1 जुलाई 1955 इंपीरियल बैंक को केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रूप में परिवर्तित किया। तत्पश्चात 1959 में संसद में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम पारित कर 8 पूर्व सहयोगी बैंकों (वर्तमान में सात) अधिग्रहण किया गया। इसके बाद स्टेट बैंक समूह के सभी आठ बैंक एसबीआई के सहायक बैंक बन गए। इसे ही एसबीआई का राष्ट्रीयकरण के रूप में जाना जाता है।
भारतीय स्टेट बैंक समूह के बैंक
• स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर
• स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद
• स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
• स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
• स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर
• स्टेट बैंक ऑफ इंदौर
• स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र
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14 राष्ट्रीयकृत बैंकों की सूची
19 जुलाई 1969 को जिन बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया उनकी सूची निम्न प्रकार से है-
1• सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
2• बैंक ऑफ इंडिया
3• पंजाब नेशनल बैंक
4• बैंक ऑफ बड़ौदा
5• देना बैंक
6• यूको बैंक
7• केनरा बैंक
8• यूनाइटेड बैंक
9• सिंडिकेट बैंक
10• यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
11• इलाहाबाद बैंक
12• इंडियन बैंक
13• इंडियन ओवरसीज बैंक
14• बैंक ऑफ महाराष्ट्र
दूसरी बार बड़े पैमाने पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण
15 अप्रैल 1980 को पुनः दूसरी बार बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इस बार कुल 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इससे राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई।
इन बैंकों की सूची इस प्रकार से है-
15• आंध्र बैंक
16• कारपोरेशन बैंक
17• न्यू बैंक ऑफ इंडिया
18• ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया
19• पंजाब एंड सिंध बैंक
20• विजया बैंक
अगस्त 2019 में बैंकों के विलय के पूर्व 20 राष्ट्रीयकृत बैंक
1• इलाहाबाद बैंक
2• आंध्रा बैंक
3• बैंक ऑफ बड़ौदा
4• बैंक ऑफ इंडिया
5• बैंक ऑफ महाराष्ट्र
6• केनरा बैंक
7• सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
8• कारपोरेशन बैंक
9• देना बैंक
10• इंडियन बैंक
11• इंडियन ओवरसीज बैंक
12• ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
13• पंजाब नेशनल बैंक
14• पंजाब एंड सिंध बैंक
15• भारतीय स्टेट बैंक
16• सिडिकेंट बैंक
17• यूको बैंक
18• यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
19• यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया
20• विजया बैंक
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में भारतीय बैंकों का विलय
अप्रैल 2017 में भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य के लिए पांच एसोसिएट बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक का विलय किया गया था। जिन बैंकों का विलय हुआ वे बैंक थे-
1• स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर
2• स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
3• स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर
4• स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
5• स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद
6• भारतीय महिला बैंक
भारत में बड़े पैमाने पर बैंकों का विलय
भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने एवं सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को मजबूती प्रदान करने हेतु केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 को 10 बड़े बैंकों का विलय 4 बैंकों में किया। इस निर्णय के बाद देश में अब 12 बड़े बैंक रह गए।
☆ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय कर दिया गया। इस विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक भारतीय स्टेट बैंक के बाद भारत का दूसरा बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया।
☆ सिडिकेंट बैंक का विलय केनरा बैंक में किया गया। इस विलय के बाद केनरा बैंक भारत का चौथा बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया।
☆ आंध्र बैंक तथा कारपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में किया गया। इस विलय के बाद यूनियन बैंक देश का पांचवा बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया।
☆ इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया गया है। इस बैंक के पश्चात इंडियन बैंक भारत का छठा बड़ा बैंक बन गया है।
विलय के पश्चात भारत के 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सूची
1• भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
2• पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
3• बैंक ऑफ बड़ौदा
4• केनरा बैंक
5• यूनियन बैंक
6• इंडियन बैंक
7• बैंक ऑफ इंडिया
8• सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
9• इंडियन ओवरसीज बैंक
10• पंजाब एंड सिंध बैंक
11• बैंक ऑफ महाराष्ट्र
12• यूको बैंक
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Editer
Mahendra Prasad Dangi