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विश्व हिन्दी कविता प्रतियोगिता 2025 में डॉ बीरेन्द्र कु महतो ने गाड़ा झंडा

On: September 15, 2025 4:27 PM
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विश्व हिन्दी कविता प्रतियोगिता 2025 में टीआरएल के शिक्षाविद् साहित्यकार डॉ बीरेन्द्र कुमार महतो ने गाड़ा झंडा

* साहित्यकार लेखक डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो ‘गोतिया’ को हिंदी दिवस पर मिला “विश्व हिंदी रत्न” मानद उपाधि सम्मान

राँची – नेपाल की प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन का आयोजन

रांची : झारखंड के ख्याति प्राप्त कवि तथा युवा साहित्यकार डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो ‘गोतिया’ को हिंदी दिवस पर सम्मानित किया गया. नेपाल की प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा हिंदी दिवस के संदर्भ में आयोजित विश्व हिंदी कविता प्रतियोगिता 2025 में उत्कृष्ट कविता के आधार पर डॉ. महतो को ‘विश्व हिंदी रत्न” मानद उपाधि सम्मान से प्रशस्ति पत्र सर्टिफिकेट प्रदान कर हिन्दी दिवस के मौके पर सम्मानित किया गया.

गौरतलब हो कि आयोजित इस प्रतियोगिता में अमेरिका, अफ्रीका, नेपाल और भारत के 20 राज्यों से 6845 प्रतिभागियों की सहभागिता थी, जिसमें से उत्कृष्ट कविता के आधार पर 265 कवि-कवयित्रियों का चयन किया गया है।ज्ञात हो कि गौरतलब हो कि डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो ‘गोतिया’ रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर नागपुरी विभाग में नागपुरी के सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. इन्होंने नागपुरी भाषा के साथ साथ सदैव हिंदी विषय के प्रति मूल्यपरक लेखन, अध्ययन व अध्यापन को प्राथमिकता दी है और विद्यार्थियों में एक सुसंस्कृत, सभ्य, सक्रीय व उन्नत व्यक्तित्व की प्रबल स्थापना की है.

इनकी कई रचनाएँ देश विदेश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. नागपुरी शिक्षण, झारखंडी लोक कला और हिंदी शिक्षण को विशिष्ट, प्रगतिशील एवं रचनात्मक बनाने तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान व ‘उत्कृष्ट समाज सेवाओं’ में योगदान हेतु इन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हुए हैं. सम्मान ग्रहण करते हुए डॉ. महतो ने कहा कि हम सभी कवि कवयित्रियों की कविता का मूल्यांकन अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा होना गौरव की बात है. शब्द प्रतिभा निष्ठा और लगन से देश विदेश के कवि, लेखक और साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने का कार्य करती आई है जो प्रशंसनीय है.

आयोजित प्रतियोगिता में देश विदेश से हज़ारों प्रतिभागियों की सहभागिता थी, जिसमें से उत्कृष्ट कविता के आधार पर डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो ‘गोतिया’ को परिणाम की तृतीय सूची में अंकित कर सम्मानित करते हुए संस्था के अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु ने कहा कि डॉ. महतो बहुआयामिक व्यक्तित्व के धनी लेखक, कवि, साहित्यकार, रंगकर्मी व लोक कलाकार हैं. इनके लेखन में एक सहजता सरलता पाई गई है. इनकी कविताओं में समाज को रूपांतरण करने की क्षमता है. इनकी साहित्यिक यात्रा इसी तरह नित नए शिखर को स्पर्श करे.


विश्व हिन्दी प्रतियोगिता में विजयी होने पर झारखंड के साहित्यकारों व शिक्षाविदों में खुशी की लहर है. डॉ महतो की इस उपलब्धि पर डॉ रीझू नायक, सीमा देवी, वासुदेव महतो, सुरेन्द्र गोप, शीला कुमारी, हरेन्द्र लोहरा, आलोक मिश्रा, अभिमन्यु कुमार कुशवाहा, आनन्द विजय नायक,खोरठा गीतकार विनय तिवारी, बुद्धेश्वर बड़ाइक के अलावा अन्य गणमान्य मान्य लोगों ने बधाईयां दी है.

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अगर सही मार्ग पर चला जाए तो सफलता निश्चित है। अभ्यास सफलता की कुंजी मानी जाती है, और यह अभ्यास यदि सही दिशा में हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती। इस लिए कहा भी गया है:- " करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।"

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