Water resources class 10 question and answer

Water resources class 10 question and answer

Class-10th
Subject:- Geography
Chapter:- 03
Water Resources (जल संसाधन)
Topic:- अभ्यास के प्रश्नों का उत्तर
Water resources class 10

बहुत ही महत्वपूर्ण है Jac Board के लिए यह चैप्टर

Jac Board के लिए “जल संसाधन” का यह चैप्टर बहुत ही इंपॉर्टेंट है, महत्वपूर्ण है। क्योंकि हर एक वर्ष एक ना एक प्रश्न पूछा गया है। हमारे पास उपलब्ध 2009 से आंकड़े उपलब्ध है. इसके बारे में इस पोस्ट के सबसे अंत में इसका विवरण हम दे रहे हैं ?

 

अभ्यास के प्रश्न

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न

(i) नीचे दी गई सूचना के आधार पर स्थितियों को ‘जल की कमी से प्रभावित’ या ‘जल की कमी से अप्रभावित’ में वर्गीकृत कीजिए?

(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र
(ग) अधिक वर्षा वाले परंतु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र
(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र

उत्तर:- जल की कमी से प्रभावित क्षेत्र

(ग) अधिक वर्षा वाले परंतु अत्यधिक प्रदूषित जल क्षेत्र
(घ) कम वर्षा और कम जनसंख्या वाले क्षेत्र

जल की कमी से प्रभावित क्षेत्र

(क) अधिक वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) अधिक वर्षा और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा वक्तव्य बहुउद्देशीय नदी परियोजना के पक्ष में दिया गया तर्क नहीं है?

(क) बहुउद्देशीय परियोजनाएं उन क्षेत्रों में जल आती है जहां जल की कमी होती है।
(ख) बहुउद्देशीय परियोजनाएं जल बहाव के नियंत्रित करके बाढ़ पर काबू पाती हैं।
(ग) बहुद्देशीय परियोजनाओं से वृहद स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।
(घ) बहुउद्देशीय परियोजनाएं हमारे उद्योग और घरों के लिए विद्युत पैदा करती है।

उत्तर:- (ग) बहुद्देशीय परियोजनाओं से वृहद स्तर पर विस्थापन होता है और आजीविका खत्म होती है।

(iii) यहां कुछ गलत वक्तव्य दिए गए हैं । इनमें गलती पहचाने और दोबारा लिखें?

(क) शहरों की बढ़ती संख्या, उनकी विशालता,और सघन जनसंख्या तथा शहरी जीवनशैली ने जल संसाधन के सही उपयोग में मदद की है।
(ख) नदियों पर बांध बनाने और उनको नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव और तलछट बहाव प्रभावित नहीं होता।
(ग) गुजरात में साबरमती बेसिन में सूखे के दौरान शहरी क्षेत्रों में अधिक जल आपूर्ति करने पर भी किसान नहीं भड़के ।
(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध पेयजल के बावजूद छत वर्षा जल संग्रहण लोकप्रिय हो रहा है।

उत्तर:- (क) बढ़ती शहरों की संख्या एवं जनसंख्या तथा शहरी जीवनशैली के कारण न केवल जल और ऊर्जा की आवश्यकता वृद्धि हुई है। बल्कि इनसे संबंधित समस्याएं और भी गहरी हो गई है।

(ख) नदियों पर बांध बनाकर नियंत्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध हो जाता है जिस कारण तलछटीय जमा होने लगता है।

(ग) गुजरात में साबरमती नदी बेसिन में सूखे के दौरान नगरीय क्षेत्रों में अधिक जलापूर्ति करने से किसानों को सिंचाई के लिए कम जल उपलब्ध होता है। जिस कारण वे सरकार के विरूद्ध प्रर्दशन करने लगते हैं।

(घ) आज राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर से उपलब्ध जल के कारण वर्षा जल संग्रहण की तकनीक कम होते जा रही है।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) व्याख्या करें कि जल किस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है?

उत्तर:- जल मानव ही नहीं हर एक प्राणियों के जीवन के लिए आवश्यक है। पृथ्वी पर जल एक नवीकरणीय संसाधन है। क्योंकि जल चक्र के माध्यम से यह हमें निरंतर एक अंतराल पर पुनः प्राप्त होते रहता है।

सूर्य की गर्मी से सागरों और महासागरों का जल वाष्प बनकर बादल में बदल जाता है। और यही बादल स्थल भागों में वर्षा, ओंस, पाला और हिमपात आदि रूपों में बरसता है। इससे स्थल भाग पर जल की आपूर्ति होती है। साथ ही स्थल भाग में पानी रिस-रिस कर जमीन के नीचे चला जाता है। जिससे भूमिगत जल में भी वृद्धि होती है। भारत में वर्षा ऋतु के बाद शीत ऋतु और फिर ग्रीष्म ऋतु आता है। गर्मी आते-आते स्थल भागों में पानी की कमी हो जाती है। ग्रीष्म ऋतु के बाद पुनः वर्षा ऋतु आती है और फिर से स्थल भागों पर जल की आपूर्ति हो जाती है। यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है। इसे ही जल चक्र करते हैं।
इस प्रकार जल एक नवीकरणीय संसाधन है।

(ii) जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या है?
(Jac Board 2016, 2018 )

उत्तर:- किसी क्षेत्र में जल की आवश्यकता को पुरा करने के लिए पर्याप्त जल स्रोत का न होना जल दुर्लभता कहलाता है।

जल दुर्लभता के प्रमुख कारण:-

i. वर्षा की कमी
ii. पानी की बर्बादी
iii. अधिक सिंचाई
iv. जल प्रदुषण
v. लोगों का उच्च जीवन स्तर

i. वर्षा की कमी:-

भारत में कई ऐसे स्थान है जहां वर्षा की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे स्थानों में थार मरुस्थल का नाम सबसे पहले आता है। थार मरुस्थल के जैसे ही भारत में और भी कई ऐसे स्थान हैं। जहां वर्षा की कमी के कारण वनस्पतियों का अभाव, फसलों का कम उत्पादन आदि कई तरह की समस्याएं देखी जाती है।

ii. पानी की बर्बादी:-

कई ऐसे मानवीय क्रियाकलाप हैं जिनसे पानी की बर्बादी होती है। घरेलू क्रियाकलापों में अधिक पानी की खपत करना, नल खुले छोड़ देना, पाइप लाइन का फुटा होना, बरसात वाले फल-सब्जियों को अन्य मौसम में भी उपजाना आदि क्रियाकलापों से पानी की बर्बादी होती है।

iii. अधिक सिंचाई:-

बढ़ती जनसंख्या के कारण फसलों की मांग भी बढ़ गई है। जिससे अधिक फसल उत्पादन करना पड़ रहा है। इस कारण अधिक सिंचाई की आवश्यकता भी पड़ गई है। इससे भोम जल का अधिक उपयोग हो रहा है। जो जल दुर्लभता का एक प्रमुख कारणों में से एक है।

iv. जल प्रदुषण:

उद्योगों और शहरों से निकलने वाले कचरे सीधे नली नदी में छोड़ दिए जाते हैं। जिसे नदी एवं जल क्षेत्र प्रदूषित हो जाता है। इसके अलावा कई मृत जानवरों को नदी नालों में छोड़ दिया जाता है। जिससे नदी जल प्रदूषित हो जाता है।

v. लोगों का उच्च जीवन स्तर:-

उच्च सोसायटी या परिवार के लोगों के द्वारा जल का दुरुपयोग किया जाता है। स्विमिंग पूल, गाड़ियों एवं घरों को बार-बार धोना आदि क्रियाकलापों से जल का दुरुपयोग होता है।

उपरोक्त जल दुर्लभता के प्रमुख कारण के रूप में जाने जाते हैं।

(iii) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।
(Jac board 2010, 2012, 2015, 2017)

उत्तर:- अनेक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु बनाए गए परियोजना को बहुद्देशीय परियोजना कहते हैं। बहुद्देशीय परियोजनाओं के कई लाभ और कुछ हानियां भी हैं-

बहुद्देशीय परियोजनाओं के लाभ

(i) सिंचाई:

नदी घाटी परियोजनाओं का प्रमुख उद्देश्यों में सिंचाई एक है। नदियों पर बांध बनाकर नहरों के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाई जाती है।

(ii) जल विद्युत:-

नदी घाटी परियोजनाओं का प्रमुख उद्देश्यों में से एक जल विद्युत है। ऊंचाई से जल गिराकर टरबाइन चलाई जाती है। जिससे जल विद्युत उत्पन्न किया जाता है।

(iii) बाढ़ नियंत्रण:-

नदी घाटी परियोजनाओं का एक उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण भी रहा है। बांध बनाकर वर्षा जल को एकत्रित किया जाता है। और एक नियंत्रित मात्रा में उसे निचले वाले क्षेत्रों में छोड़ा जाता है। जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

इन सबके अतिरिक्त घरेलू और औद्योगिक उपयोग में जल की आपूर्ति, मत्स्य पालन, नौ परिवहन, मनोरंजन, मृदा अपरदन पर नियंत्रण आदि बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ हैं।

बहुद्देशीय परियोजनाओं के हानियां

(i) नदियों पर बांध बनाने से बहुत सारा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। जिससे कृषि क्षेत्र, वनस्पति और आवास डुब जाता है। परिणाम जीव-जन्तुओं और लोगों को विस्थापित होना पड़ता है।

(ii) नदियों पर बांध बनाने से प्राकृतिक बहाव रुक जाता है। जिससे तलछटीय जमाव होने लगता है। इस कारण नदीय जीवों के आवास और भोजन में कमी हो जाता है।

(iii) बांध बनाने से धरातल पर पानी का बोझ बढ़ता है। जिससे पलेटों में गति उत्पन्न होती है। जो भूकंप उत्पत्ति का कारण बनता है।

इन सबके अतिरिक्त जलीय जीवों के प्रजनन क्षमता में कमी होना, निचले क्षेत्रों में पानी की कमी, जल जनित बीमारियों का बढ़ना आदि जैसे हानिकारक प्रभाव देखे जाते हैं।

इस प्रकार से बहुद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के लाभ के साथ-साथ कुछ हानियां भी हैं।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए।

(i) राजस्थान के अर्थ-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है? व्याख्या कीजिए?
(Jac board 2011, 2017, 2019)

उत्तर:- राजस्थान कम वर्षा वाले क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है। राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण के तरीके अपनाए जाते हैं। उनमें से ये तरीके निम्न है-

☆ टांका या भूमिगत टैंक:-

टाकां या भूमिगत टैंक राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में बरसात के जल को संरक्षित करने की यह महत्वपूर्ण परंपरागत तकनीक है। इसे “कुंड” भी कहा जाता है। वर्षा जल को घरों के नीचे मिट्टी या सीमेंट से बने गड्ढे में जमा किया जाता है। राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों विशेषकर बीकानेर, फलोदी और बाड़मेर में लगभग हर घर में पीने का पानी संग्रहित करने के लिए भूमिगत टैंक या टांका बना हुआ है।

☆ खादीन:-

खादिन मिट्टी का बना बांध नुमा अस्थाई तलाब होता है। जो किसी ढाल वाली भूमि के नीचे निर्मित की जाती है। जहां एक के बाद एक खादीन बने होते हैं। एक खादीन में पानी भरने के बाद दूसरे का खादीन में पानी जाता है। जैसलमेर में खादीन के कई उदाहरण देखे जा सकते हैं।

☆ जोहड़:-

शुष्क और अर्ध शुष्क क्षेत्रों में खेतों में वर्षा जल को एकत्रित करने के लिए बनाए गए गड्ढे को जोहड़ के नाम से भी जाना जाता है। जिसका उपयोग सिंचाई एवं जल संरक्षण के लिए किया जाता है।

इन सबके अतिरिक्त तालाब, नाड़ी अथवा पोखर आदि रूपों से जल का संरक्षण किया जाता है।

(ii) परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना कर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?

उत्तर:- परंपरागत तरीकों को अपनाकर आधुनिक समय में निम्न तरीके से जल संरक्षण एवं भंडारण किया जा रहा है-

• मेघालय और तमिलनाडु में छत वर्षा जल संग्रहण प्रचलित।
• पश्चिमी राजस्थान में छतों पर वर्षा जल संग्रहण प्रचलन में है।
• राजस्थान में कई घरों में घरों के नीचे टांका या कुंड या भूमिगत टैंक का प्रचलन है।
• मध्य प्रदेश के पठारी भाग में हवेली प्रणाली प्रचलन में है।
• महाराष्ट्र में जल संचय के लिए फंड प्रणाली प्रचलन में है।
• वहीं कर्नाटक में घेरे प्रणाली से परंपरागत तरीके से जल का संचय किया जाता है।
• कर्नाटक के मैसूर जिले में छत वर्षा जल तकनीक अपनाई जा रही है।
• पूर्वोत्तर भारत में खासकर मेघालय में नदियों और झरनों के पानी को बांस के माध्यम से सिंचाई के लिए खेतों तक पानी ले जाया जाता है। जिसे बांस ड्रिप सिंचाई प्रणाली के नाम से जाना जाता है।

इस प्रकार से आधुनिक समय में भी परंपरागत वर्षा जल संग्रहण तकनीकें प्रचलन में है।

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कुछ अतिरिक्त प्रश्न जो परीक्षा की दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण है

Q. बांध क्या है वह हमें जल संरक्षण और प्रबंधन में कैसे सहायता करती है?
(Jac 2011, 2013)

उत्तर:- बांध जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई एक अवरोध है। जो आमतौर पर जलाशय, झील अथवा जलभरण बनाती है। जो मुख्यतः बाढ़ के प्रभाव को कम करने, पेयजल एवं सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने इत्यादि उद्देश्य के लिए होता है।

बाढ़ जल संरक्षण और प्रबंधन में निम्न रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है-

(i) बहते जल जो नदी-नालों के माध्यम से समुद्र में चला जाता है, उसे रोक कर जल संग्रहित किया जाता है।
(ii) बांध में संग्रहित जल से भूमिगत जल में वृद्धि होती है।
(iii) बांध वृक्षारोपण में भी सहायक होता है। वृक्ष जल चक्र एवं भूमिगत जल को बढ़ाने में मदद करता है।
(iv) बांध में जल का संग्रहण कर उसे साफ करके पेयजल के रूप में उपयोग में लाया जाता है।
(v) बांध में संग्रहित जल को नेहरों के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचा कर सिंचाई किया जाता है।

इसके अतिरिक्त जल विद्युत, मत्स्यपालन, बाढ़ नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Q. जल संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबंधन क्यों आवश्यक है? इसके कार्यान्वयन हेतु क्या करना होगा?
(Jac board 2009)

उत्तर:- हरेक जीवों के जीवन के लिए आवश्यक है। जल से जीवों को पोषण मिलता है प्यास बुझती है भोजन प्राप्त होता है। पेड़-पौधों एवं फसलों को जल से पोषक तत्व प्राप्त होता है! परंतु जल संसाधन असमान रूप से वितरित है। इसका प्रमुख कारण वर्षा की असमान मात्रा है। इसलिए जल का संरक्षण एवं प्रबंधन की आवश्यकता है।

जल संसाधनों के संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु निम्न उपाय करने होंगे-
(i) वर्षा जल को घरों के पास कुंड या टंका अथवा खराब कुआं या चापानल में एकत्रित कर साफ करके इसका इस्तेमाल करना होगा।
(ii) वर्षा जल को बांध तालाब पोखर जैसे तरीकों से रोककर पेयजल, सिंचाई आदि उपयोग में लाना होगा।
(iii) बांध बनाकर ऊंचाई से जल गिरा कर जलविद्युत तैयार करना होगा। साथ ही नहरों के माध्यम से खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचाना होगा।

उपर्युक्त तरीकों से जल संरक्षण एवं प्रबंधन किया जा सकता है

Q. प्राचीन भारत की जल कृतियां का वर्णन करें?

उत्तर:- प्राचीन भारत की जल कृतियां ये हैं-

• हड़प्पा एवं सिंधु सभ्यता में वृहत स्नानागार था।
• चंद्रगुप्त मौर्य के समय बड़े स्तर पर बांध, झील और सिंचाई तंत्र विकसित था।
• पहली शताब्दी ईसा पूर्व में इलाहाबाद के नदी श्रृंगवेरा में गंगा नदी के बाढ़ के जल का संरक्षण के लिये तंत्र विकसित था।
• कलिंग (उड़ीसा), नागार्जुन कोंडा (आंध्र प्रदेश), बेलूर (कर्नाटक) और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र के सबूत।
• मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 11वीं शताब्दी में बने बड़े कृत्रिम झील के प्रमाण है।
• दिल्ली के पास 14 वीं शताब्दी में इल्तुतमिश द्वारा पानी सप्लाई के लिए बनाया गया हौज खास इत्यादि।

इस प्रकार के कई जल कृतियां प्राचीन भारत में प्रचलन में थी।

 


 

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Important for Jac Board

Jac Board के लिए यह चैप्टर बहुत ही इंपॉर्टेंट है, महत्वपूर्ण है। क्योंकि हर एक वर्ष एक ना एक प्रश्न पूछा गया है। 2009 के बाद से हम यहां आंकड़े प्रस्तुत कर रहे हैं-

• jac Board 2009

Q.1. जल संसाधनों का संरक्षण एवं प्रबंधन क्यों आवश्यक है? इसके कार्यान्वयन हेतु क्या करना होगा?

• jac Board 2010,

Q.1 बहुद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें?

• jac board 2011

Q. 1. बांध क्या है वह हमें जल संरक्षण और प्रबंधन में कैसे सहायता करती है?
Q. 2. राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है व्याख्या कीजिए?

• jac board 2012

Q. 1. बहुद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें?

• Jac bord 2013

Q. 1. बांध क्या है वह हमें जल संरक्षण और प्रबंधन में कैसे सहायता करती है?

• Jac Board 2014

Q. 1. परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपनाकर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?

• Jac Board 2015

Q.1. बहुद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें?

• Jac Board 2016

Q. 1. जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या है?

• Jac Board 2017

Q. 1. राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है व्याख्या कीजिए? .
Q. 2. बहुद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें?

• Jac Board 2018

Q. 1. जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या है?

• Jac Board 2019

Q. 1. राजस्थान के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है व्याख्या कीजिए?

• Jac Board 2020

Q. 1. परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपनाकर जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है?


 

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धन्यवाद!

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