टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन | tokyo olympics | tokyo olympics in hindi
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo olympics) में भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है। अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए हमारे खिलाड़ियों ने एक स्वर्ण सहित कुल 7 पदक जीते। जिससे भारत लंबे अरसे बाद पदक तालिका में 50 के नीचे आ सका है। टोक्यो 2020 ओलंपिक में भारत पदक तालिका में 48वें स्थान पर रहा। जापान की राजधानी टोक्यो में हुए 32 वें ओलंपिक खेल में 228 भारतीय ओलंपिक दल पहुंचा था। शूटिंग से भारत को बड़ी उम्मीदें थी पर निराशा हाथ लगी। तीरंदाजी और टेबल टेनिस से भी पदक मिलने की उम्मीद लगी थी, पर यहां भी मायूस होना पड़ा। गोल्फ में अदिति अशोक, डिस्कस थ्रो में कमलप्रीत कौर और महिला हॉकी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, हालांकि पदक से चूक गए। रेसलिंग में मीराबाई चानू और एथलेटिक्स के अंदर जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए क्रमश: रजत और स्वर्ण पदक भारत को दिलाया। भारतीय हॉकी टीम ने भी 41 सालों बाद कांस्य पदक जीत हॉकी में नई जान डाल दी।
ओलंपिक खेल का इतिहास और वर्तमान
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान के ओलंपिया शहर में 776 ई• पूर्व में आरंभ हुआ था। पहली बार यह खेल ग्रीक देवता “जीसस” (Zeus) के सम्मान में खेला गया। यह खेल तब से प्रत्येक 4 वर्षों के अंतराल पर 394 ई• तक खेले जाते रहे। फिर रोम के राजा “थियोडोसियस” के आदेश के बाद ओलंपिक खेलों का आयोजन बंद कर दिया गया। तत्पश्चात लंबे समय के बाद आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन 6 April, 1896 ई• में फ्रांस के “बैरोन पियरे डि कोबार्टिन” (Pierre de Coubertin) के प्रयासों से यूनान के शहर एथेंस में हुआ था। इसका आयोजन भी प्रत्येक 4 वर्षों के अंतराल पर किया जाता है।
32वां ओलंपिक खेल जापान की राजधानी टोक्यो में वर्ष 2020 में आयोजन होना था। परन्तु कोरोना महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक खेल का आयोजन निर्धारित समय से एक वर्ष बाद 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच वर्ष 2021 में हुआ। परन्तु इसे टोक्यो 2020 ओलंपिक खेल के नाम से ही जाना गया। 33वां ओलंपिक खेल वर्ष 2024 में 24 अगस्त से 5 सितंबर के बीच फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगा। जबकि 34वां ओलंपिक खेल वर्ष 2028 में अमेरिकी शहर “लाॅस एंजिल्स” में प्रस्तावित है।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के पदक
1. भाला फेंक (जैवलिन थ्रो):- स्वर्ण पदक (नीरज चोपड़ा)
2. भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग):- रजत (मीराबाई चानू)
3. कुश्ती (रेसलिंग):- रजत (रवि कुमार दहिया)
4. कुश्ती (रेसलिंग):- कांस्य पदक (बजरंग पूनिया)
5. मुक्केबाजी:- कांस्य पदक (लवलीना बोरगोहेन)
6. हॉकी:- कांस्य पदक (भारतीय पुरूष हॉकी टीम)
7. बैडमिंटन:- कांस्य पदक (पी• वी• सिंधु)
टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदक विजेता
1. नीरज चोपड़ा
जन्म:- 24 दिसंबर 1997
ग्राम:- खन्दरा, पानीपत (हरियाणा)
माता:- सरोज देवी
पिता:- सतीश कुमार
23 वर्षीय नीरज चोपड़ा भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) प्रतिस्पर्धा का खिलाड़ी है। उन्होंने टोक्यो 2020 ओलंपिक में 87.58 मीटर भाला फेंक स्वर्ण पदक अपने देश के लिए जीत इतिहास रच दिया। हालांकि नीरज का पर्सनल बेस्ट 88.06 मीटर का है जो उसने 2018 में एशियन गेम्स के दौरान बनाया था। जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। एथलेटिक्स में भारत के लिए ओलंपिक में यह पहला स्वर्ण पदक है। नीरज चोपड़ा पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होने “ट्रैक एण्ड फिल्ड” में ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। नीरज चोपड़ा दुसरे ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिन्होने व्यक्तिगत रूप से ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। इससे पहले 2008 बीजिंग ओलंपिक में शुटिंग में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड पर निशाना साधा था।
13 वर्षों बाद पुन: भारत को ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल दिलाय। इस समय नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर भी कार्यरत हैं। उन्हें ‘अर्जुन अवार्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। ध्यान रहे भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में “वर्ल्ड रिकार्ड 98.48 मीटर” का है। जो “Jan Zelezny” ने 1996 ई• में बनाया था। वहीं “ओलंपिक रिकार्ड 90.57 मीटर” है, जो 2008 बीजिंग ओलंपिक के दौरान ‘एंड्रियास थोरकिल्डसेन‘ ने बनाया था।
प्रतियोगिता और प्रदर्शन
1. एशियाई जूनियर चैंपियनशिप, 2016:- हो ची मिन्ह, रजत पदक
2. वर्ल्ड जूनियर प्रतियोगिता, 2016:- बिदुगोश्ट, स्वर्ण पदक
3. दक्षिण एशियाई खेल, 2016:- गुवाहाटी/शिलांग, स्वर्ण पदक
4. एशियन प्रतियोगिता, 2017: भुनेश्वर, स्वर्ण पदक
5. राष्ट्रमंडल खेल, 2018:- क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्वर्ण पदक
6. एशियाई खेल, 2018:- जकार्ता, स्वर्ण पदक
7. टोक्यो 2020 ओलंपिक, 2021:- टोक्यो, जापान, स्वर्ण पदक
भाला का इतिहास
प्राचीन समय से भाला शिकारा और हथियार के तौर पर जाना पहचाना जाता था। धीरे-धीरे भाले को खेल के रूप में शामिल किया जाने लगा। जब 1896 ई• में आधुनिक ओलंपिक खेलों का आयोजन ग्रीस की राजधानी एथेंस में शुरू हुआ, तब से भाले को भी इन खेलों में शामिल किए जाने की चर्चा की गई। पुरुषों के लिए उन्हें 1908 ई• में और महिलाओं के लिए 1932 ई• में ओलंपिक खेलों में भाला (जेवलिन थ्रो) को खेल के तौर पर शामिल किया गया। तब यह लगातार ओलंपिक का हिस्सा रहा है।
समय के साथ भाले के खेल में भी संशोधन हुआ। पुरुषों की भाला खेल में 1986 ई• में तथा महिलाओं के लिए 1999 ई• में संशोधन किया गया। इस बदलाव से पूर्व 1984 में “उवे होन” (Uwe Hohn) 104.80 मीटर भाला फेंका था। पुराने प्रारूप पर होने के कारण इसे अब विश्व रिकॉर्ड के तौर पर नहीं माना जाता है। परंतु 1986 के संशोधन के बाद 1996 में “जान जेलेजनी” (Jan Zelezny) ने 98.48 मीटर भाला फेंका था। जिससे विश्व रिकॉर्ड के तौर पर माना जाता है, क्योंकि यह नए प्रारूप पर आधारित है।
भाला का वजन/लंबाई
पुरुषों:- वजन 800 ग्राम, लंबाई 2.6 मीटर से 2.7 मीटर
महिला:- वजन 600 ग्राम, लंबाई 2.2 मीटर से 2.3 मीटर
टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक में पदक विजेता
स्वर्ण पदक:- नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra, India)
रजत:- Jakub Vadlejch, Czech Republic
कांस्य:- Vitezslay Vesely, Czech Republic
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2. मीराबाई चानू (साइखोम मीराबाई चानू)
जन्म:- 8 अगस्त 1994 ई•
स्थान:- इम्फाल, मणिपुर
पुरस्कार:- राजीव गांधी खेलरत्न, 2018
टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में 49 kg भार वर्ग के भारोत्तोलन प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया। मीराबाई चानू ‘दूसरी‘ ऐसी भारतीय महिला हैं, जिन्होने ओलंपिक के अंदर भारोत्तोलन में पदक प्राप्त किया है। इससे पहले वर्ष 2000 में आस्ट्रेलिया के सिडनी में हुए ओलंपिक खेलों में ‘कर्णम मल्लेश्वरी’ ने कांस्य पदक प्राप्त किया था। मीराबाई चानू की माता का नाम साइकोहं ऊंगबी तोम्बी लामा है जो एक दुकानदार हैं। और उनके पिता का नाम साइकोहं कृति मैतेई है जो पीडब्ल्यूडी में नौकरी करते हैं। मीराबाई चानू बचपन से ही भारोत्तोलन में रुचि लेती थी। 12 वर्ष की उम्र में वे लकड़ियों के गुच्छे को उठाने का अभ्यास किया करती थी। टोक्यो में उन्होंने स्नैच में 87 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 115 किलोग्राम (87+115=202kg) का वजन उठाकर रजत पदक प्राप्त किया।
उपलब्धि
● राष्ट्रमण्डल खेल:- 2014 ग्लास्को 48kg में रजत पदक
● विश्व चैम्पियनशिप:- 2017 अनाहाइन 48kg में स्वर्ण पदक
● राष्ट्रमण्डल खेल:- 2018 गोल्डकोस्ट 48kg में स्वर्ण पदक
● टोक्यो ओलंपिक खेल 2020:- टोक्यो 49kg में रजत पदक
ओलंपिक खेलों में भारतीय भारोत्तोलक का प्रदर्शन
● कर्नम मल्लेश्वरी 2000 में सिडनी ओलंपिक खेल में कांस्य पदक
● मीराबाई चानू 2021 में टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक
टोक्यो ओलंपिक में महिला भारोत्तोलन में 49kg भार वर्ग में पदक विजेता
स्वर्ण पदक:- Hou Zhihul, China
रजत:- Saikhom Mirabai Chanu, India
कांस्य:- Windy Cantika Aisah, Indonesia
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3. रवि कुमार दहिया
जन्म:- 12 दिसंबर 1997 ई•
स्थान:- सोनीपत, हरियाणा
रवि कुमार दहिया 57 kg भार वर्ग में टोक्यो 2020 में रजत पदक अपने नाम किया। पहलवान सुशील कुमार के बाद रविवार कुमार दहिया दूसरे भारतीय पहलवान है जो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचे हैं। रवि के पिता राकेश दहिया एक किसान हैं, जिनके पास खुद की जमीन नहीं है वे किराए पर जमीन लेकर खेती करते हैं।
उपलब्धि
● वर्ष 2015:- जूनियर विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक
● वर्ष 2017:- सीनियर नेशनल गेम्स के सेमीफाइनल में पहुंचे
● वर्ष 2018:- अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक
● वर्ष 2019:- विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता
● वर्ष 2021:- टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में रजत पदक प्राप्त किया
ओलंपिक खेलों में अबतक कुश्ती में पदक
1. के डी जाधव (खशाब दादासाहेब जाधव), हेलसिंकी 1952:- कांस्य पदक
2. सुशील कुमार, बीजिंग 2008:- कांस्य पदक
3. सुशील कुमार, लंदन 2012:- रजत पदक
4. योगेश्वर दत्त, लंदन 2012:- कांस्य पदक (रेपचज राउंड से)
5. साक्षी मलिक, रियो 2016:- कांस्य पदक (रेपचज राउंड से)
6. रवी कुमार दहिया, टोक्यो 2020:- रजत पदक
7. बजरंग पुनिया, टोक्यो 2020:- कांस्य पदक
टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में 57kg भार वर्ग में पदक विजेता
स्वर्ण पदक:- Zaur Uguev, ROC
रजत:- Ravi Kumar Dahiya, India
कांस्य:- Nurislam Sanayev, Kazakhstan
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4. भारतीय पुरूष हॉकी टीम
ओलंपिक खेलों में भारत की पहचान भारतीय हॉकी से रही है। हॉकी में भारत ने 8 स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते हैं। भारत ने पुरूष हॉकी में 1928 से 1956 तक लतगातार ओलंपिक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। इसी दौर में हॉकी के जादूगर “मेजर ध्यानचंद” जलवा देखने को मिलता था। इसके बाद भारतीय हॉकी में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर रहा और खेल का स्तर गिरता चला गया। 1980 में आखिरी बार भारतीय हॉकी टीम स्वर्ण पदक अपने नाम कर पायी थी। तत्पश्चात 41 वर्ष बाद में फिर से टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीत भारतीय हॉकी ने अपनी वापसी की संकेत दे दी है।
ओलंपिक में भारतीय हाॅकी
1928:- स्वर्ण पदक
1932:- स्वर्ण पदक
1936:- स्वर्ण पदक
1948:- स्वर्ण पदक
1952:- स्वर्ण पदक
1956:- स्वर्ण पदक
1960:- रजत पदक
1964:- स्वर्ण पदक
1968:- कांस्य पदक
1972:- कांस्य पदक
1980:- स्वर्ण पदक
2020:- कांस्य पदक
स्वर्ण पदक:- 08
रजत पदक:- 01
कांस्य पदक:- 03
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कुल:- 12 पदक
एशियाई खेलों में भी भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने तीन स्वर्ण पदक (1966, 1998 और 2014 में) अपने नाम किया हैं।
टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी में पदक
स्वर्ण:- बेल्जियम
रजत:- आस्ट्रेलिया
कांस्य:- भारत
टोक्यो ओलंपिक में महिला हॉकी में पदक
स्वर्ण:- नीदरलैंड
रजत:- अर्जेन्टीना
कांस्य:- ग्रेट ब्रिटेन
नोट:- भारत पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा। भारतीय महिला हाॅकी टीम तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन से हार कर चौथा स्थान प्राप्त किया।
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5. पी वी सिंधु (Pusarla Venkata Sindhu)
जन्म:- 5 जुलाई 1995 ई•
स्थान:- हैदराबाद
अवार्ड:- राजीव गांधी खेल रत्न (वर्ष:- 2016), अर्जुन अवॉर्ड ( वर्ष:- 2013), पद्मश्री, पद्मभूषण इत्यादि।
माता:- पी विजया
पिता:- पी वी रमण
पीवी सिंधु भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी है जिसने ओलंपिक खेलों में दो पदक प्राप्त किए हैं। ये पहली ऐसी महिला खिलाड़ी भी हैं जिसने लगातार दो ओलंपिक में पदक प्राप्त किए हैं। 2016 में रियो ओलंपिक में उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया था, जबकि टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में उन्हें कांस्य पदक मिला। वे बैडमिंटन की एक बेहतरीन भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। ओलंपिक खेलों के अतिरिक्त कई अन्य वैश्विक स्पर्धा में भी उन्होंने कई पदक प्राप्त किये हैं। वर्ष 2019 में उन्होंने विश्व चैंपियनशिप का महिला एकल का खिताब अपने नाम किया। सिंधु के माता और पिता पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। उनके माता-पिता सिंधु को वॉलीबॉल खिलाड़ी बनाना चाहते थे पर पी वी सिंधु के रुचि बैडमिंटन में थी।
5. पी वी सिंधु की उपलब्धि
पीवी सिंधु बैडमिंटन की स्टार भारतीय खिलाड़ी रही है, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताएं जीती है। सिंधु ने टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उसने दो ओलंपिक में लगातार दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। ओवरऑल सुशील कुमार के बाद भारत की दूसरी खिलाड़ी है जिसने 2 पदक प्राप्त किए हैं। पीवी सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में चीन की “जियाओ बिंग हे” को केवल 52 मिनट में 21-13, 21-15 से हराया। इससे पहले वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक में उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया। फाइनल में उन्हें स्पेन की ‘करोलिना मरीन‘ से हार का सामना करना पड़ा था।
ध्यान रहे ओलंपिक खेलों में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के द्वारा यह तीसरा पदक है। सिंधु ने 2 पदक और साइना नेहवाल ने एक पदक जीता है। वर्ष 2012 में हुए लंदन ओलंपिक में साइना नेहवाल ने कांस्य पदक प्राप्त की थी।
ओलंपिक
1. रजत पदक:- वर्ष 2016 रियो ओलंपिक
2. कांस्य पदक:- वर्ष 2021 टोक्यो 2020 ओलंपिक
विश्व चैंपियनशिप्स
1. स्वर्ण पदक:- वर्ष 2019, बेसल
2. रजत पदक:- वर्ष 2018, नांजिंग
3. रजत पदक:- वर्ष 2017, ग्लासगो
4. कांस्य पदक:- वर्ष 2014, कोपेनहेगन
5. कांस्य पदक:- वर्ष 2013, ग्वांगझोऊ
एशियाई खेल, 2014, इंचीऑन
1. कांस्य पदक
काॅमनवेल्थ गेम्स, 2014, ग्लासगो
1. कांस्य पदक
एशिया चैंपियनशिप्स, 2014, जिमचीऑन
1. कांस्य पदक
उबर कप
1. कांस्य पदक:- 2014, नई दिल्ली (टीम के सदस्य के रूप में)
2. कांस्य पदक:- 2016, कुशांन (टीम के सदस्य के रूप में)
दक्षिण एशियाई खेल
1. स्वर्ण पदक:- वर्ष 2016, गुवाहाटी (महिला टीम)
2. रजत पदक:- वर्ष 2016, गुवाहाटी (महिला एकल में)
इसी प्रकार पीवी सिंधु ने कॉमनवेल्थ यूथ गेम और एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में भी कई पदक प्राप्त किए।
ओलंपिक में बैडमिंटन में भारत को पदक
1. वर्ष 2012, लंदन ओलंपिक:- कांस्य पदक (साइना नेहवाल)
2. वर्ष 2016, रियो ओलंपिक:- रजत पदक (पी वी सिंधु)
3. वर्ष 2021, टोक्यो 2020 ओलंपिक:- कांस्य पदक (पी वी सिंधु)
टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन में महिला एकल में पदक
स्वर्ण:- Chen Yufei, China
रजत:- Tai Tzuying, Chinese Taipei
कांस्य:- P V Sindhu, India
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6. लवलीना बोरगोहेन
जन्म:- 02 अक्टूबर 1997 ई•
स्थान:- गोलाघाट, असम
अवार्ड:- अर्जुन अवॉर्ड, 2020 ई•
माता:- टिकेट
पिता:- मामोनी बोरगोहेन
भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने 69 किलोग्राम भार वर्ग में टोक्यो 2020 ओलंपिक में बेहतरीन फॉर्म दिखाते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया। वे असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं जिसने ओलंपिक में पदक जीती हैं।
उपलब्धि
लवलीना बोरगोहेन के कैरियर का सबसे बड़ा अवसर तब आया जब उन्हें वर्ष 2018 के राष्ट्रमंडल खेल में ‘वेल्टरवेट मुक्केबाजी’ श्रेणी में भाग लेने के लिए चुना गया। हालांकि वे क्वार्टर फाइनल में ब्रिटेन की सैंडी रयान से हार गई। इसके बाद कई प्रतियोगिताओं में लवलीना ने कई मेडल अपने नाम किये। वे असम की ऐसी पहली महिला बनी, जिसने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया और शिव थापा के बाद असम राज्य की दूसरी मुक्केबाज जिसने देश का प्रतिनिधित्व किया। मार्च 2020 में एशिया/ओखनिया ओपन क्वालीफायर मुक्केबाजी में जीत प्राप्त कर लवलीना ने ओलंपिक का टिकट हासिल किया।
ओलंपिक खेल
• कांस्य पदक:- टोक्यो 2020 ओलंपिक, 2021
अन्य प्रतियोगिता
• एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप, 2017:- कांस्य पदक
• ए इ बी ए विश्व महिला मुक्केबाजी, 2018:- कांस्य पदक
• ए इ बी ए विश्व महिला मुक्केबाजी, 2019:- कांस्य पदक
• प्रथम भारतीय ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक
• द्वितीय भारतीय ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी में रजत पदक
ओलंपिक में मुक्केबाजी में भारत को पदक
1. विजेन्द्र कुमार, 2008 बीजिंग ओलंपिक:- कांस्य पदक
2. एम सी मैरीकॉम, 2012 लंदन ओलंपिक:- कांस्य पदक
3. लवलीना बोरगोहेन, 2021 टोक्यो 2020 ओलंपिक:- कांस्य पदक
टोक्यो ओलंपिक में 69kg महिला बाक्सिंग
स्वर्ण:- Busenaz Surmeneli, Turkey
रजत:- Gu Hong, China
कांस्य:- Lavlina Borgohain, India and Oshae Jones, USA
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7. बजरंग पुनिया
जन्म:- 26 फरवरी 1994 ई•
स्थान:- खुदन, हरियाणा
पद:- अर्जुन अवॉर्ड, 2015 ई•
बजरंग पुनिया भारत के छठे से पहलवान है जिन्होंने ओलंपिक खेलों के अंदर पदक प्राप्त किया है। इनसे पहले भारत के के डी जाधव, सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक और रवि कुमार ने पदक दिलाएं। सुशील कुमार पहले से पहलवान हैं जिन्होंने कुश्ती में 2 पदक प्राप्त किए हैं।
उपलब्धि
बजरंग पुनिया भारत कैसे पहलवान है जिन्होंने ओलंपिक के साथ-साथ अन्य प्रतियोगिताओं में भी पदक प्राप्त किए हैं।
ओलंपिक में पदक
1. टोक्यो 2020 ओलंपिक, 2021:- कांस्य पदक
एशियाई खेल
1. वर्ष 2014, इंचोऑन:- रजत पदक
2. वर्ष 2018, जकार्ता:- स्वर्ण पदक
कामनवेल्थ गेम्स
1. वर्ष 2014, ग्लासगो:- रजत पदक
2. वर्ष 2018, गोल्डकोस्ट:- स्वर्ण
एशियन चैंपियनशिप्स
1. वर्ष 2013, नई दिल्ली:- कांस्य पदक
2. वर्ष 2014, अस्थाना:- रजत पदक
3. वर्ष 2017, नई दिल्ली:- स्वर्ण पदक
4. वर्ष 2018, बिश्केक:- कांस्य पदक
5. वर्ष 2019, जियान (Xian):- स्वर्ण पदक
6. वर्ष 2020, नई दिल्ली:- रजत पदक
7. वर्ष 2021, अलमाटी:- रजत पदक
इसके अलावा कुछ अन्य प्रतियोगिताओं में भी बजरंग पुनिया ने कई पदक जीते।
ओलंपिक खेलों में अबतक कुश्ती में पदक
1. के डी जाधव (खशाब दादासाहेब जाधव), हेलसिंकी 1952:- कांस्य पदक
2. सुशील कुमार, बीजिंग 2008:- कांस्य पदक
3. सुशील कुमार, लंदन 2012:- रजत पदक
4. योगेश्वर दत्त, लंदन 2012:- कांस्य पदक (रेपचज राउंड से)
5. साक्षी मलिक, रियो 2016:- कांस्य पदक (रेपचज राउंड से)
6. रवी कुमार दहिया, टोक्यो 2020:- रजत पदक
7. बजरंग पुनिया, टोक्यो 2020:- कांस्य पदक
टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती 65kg में पदक
स्वर्ण:- Takuto Otoguro, Japan
रजत:- Haji Aliyev, Azerbajan
कांस्य:- Gadzhimurad Rashidor, Roc and Bajrang Punia, India
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इसे भी जानें
? उसरी जल प्रपात, रांची
? विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त
? ईटखोरी मंदिर का इतिहास (मां भद्रकाली)
? झारखंड के नेशनल पार्क
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? वृक्ष पर वृक्ष क्यों और कैसे उगता है
? history of Indian currency
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? hundru water fall, ranchi
? frist moon mission in the world
? class 10 geography
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प्रस्तुतीकरण
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खोज एवं लेखन
महेंद्र प्रसाद दांगी