मुनगा (सहिजन) के चमत्कारिक लाभ | Munga ke benefits | Sahjan ke labh
मुनगा (सहिजन) औषधीय गुणों से परिपूर्ण एक ऐसी वनस्पति है जिसके चमत्कारिक लाभ हैं। यह दुनिया के ताकत एवं पोषक आहार के पुरक के रूप में जाना जाता है। मुनगा अर्थात सहजन के पत्तों का साग, फली अर्थात सिठी की सब्जी, सूप, सहजन के फूल की रोटी, पकौड़ी एवं सब्जी आदि रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जड़ से लेकर तने, पत्ता, फूल और फली (सीठी) सभी उपयोगी है। एक ओर जहां इसका प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है वहीं, दूसरी ओर इसका उपयोग साग, सब्जी पकौड़ी आदि कई व्यंजनों के रूप में भी किया जाता है। इसे मुनगा, सहजन, शोभांजन, शेवगा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पोस्ट में आप जानेंगे मुनगा (सहिजन) के चमत्कारिक लाभ के बारे में।
इस पोस्ट में देखेंगे
● मुनगा (सहिजन) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
● मुनगा (सहिजन) के व्यंजन
● मुनगा (सहिजन) के औषधीय गुण
मुनगा (सहिजन) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
वैज्ञानिक नाम:- Moringa oleifera lam.
कुल नाम:- Moringaceae
अंग्रेजी नाम:- Horse radish tree, Drum stick plant
संस्कृत नाम:- शोभांजन, शिग्रु, मोचक, तीक्ष्णगंधा
हिन्दी नाम:- सहिजन, सहजन, सोहाजन, मुनगा
गुजराती नाम:- सरगवो, शेगटा
बंगाली नाम:- शजिना
मराठी नाम:- शेवगा, शेगटा
तेलगु नाम:- मुनगा
पंजाबी नाम:- सोहांजना
मुनगा (सहिजन) के व्यंजन
मुनगा अर्थात सहजन के पत्ते, फूल और फली को कई तरह के व्यंजन के रूपों में प्रयोग में लाया जाता है। दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत में भी इसका विशेष महत्व है।
• उत्तर भारत के कई हिस्सों में सहजन के पत्तों को आग में पानी से गला और भून कर साग बनाई जाती है।
• चावल या गेहूं के आंटे में पत्ती को मिलाकर रोटी बनाई जाती है।
• चावल या गेहूं के आटे या बेसन के साथ मिक्स कर तेल में छानकर व्यंजन बनाये जाते हैं।
• मुनगा के फूल को चावल या गेहूं के आटे के साथ मिक्स कर तावा पर पकाकर रोटी बनाई जाती है।
• सहिजन के फूल को चावल या गेहूं के आटे अथवा बेसन के साथ मिक्स कर तेल में छानकर पकोड़े बनाए जाते हैं।
• सहिजन की फली की सब्जी बनाई जाती है।
मुनगा (सहिजन) के औषधीय गुण
मुनगा अर्थात सहिजन के अलग-अलग हिस्सों में 300 रोगों के रोकथाम के गुण होते हैं। इसमें 92 प्रकार के मल्टीविटामिन, 46 प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, 36 प्रकार के दर्द निवारक तथा 18 प्रकार के एमिनो एसिड पाया जाता है। मुनगा के पौधे के जड़ से लेकर तने, फूल, पत्ती, फली सभी गुणों से भरे पड़े हैं। एक अध्ययन के अनुसार इसमें दूध की तुलना में 4 गुना कैल्शियम, दोगुना प्रोटीन, संतरे से 7 गुना विटामिन सी तथा गाजर से 4 गुना विटामिन पाया जाता है। इसमें केला से 4 गुना अधिक पोटेशियम पाया जाता है। इस प्रकार से सहजन एक चमत्कारी पौधा है।
मुनगा के पौधे के पत्तों और फली आदि को सूप, सब्जी, साग तथा कई तरह के व्यंजन में शामिल कर औषधीय गुणों को लोग प्राप्त करते हैं। हालांकि मुनगा को औषधीय रूप में प्रयोग किसी अच्छे चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए। यहां कुछ मुख्य मुनगा के औषधीय गुणों को बताया जा रहा है।
1. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:- बदलते मौसम मुनगा के पत्ती या फली का जूस पीने से अथवा पत्ती का साग या फली की सब्जी के रूप में सेवन से बदलते मौसम में लाभ होता है। इसमें मौजूद विटामिन सी “इम्यूनो सिस्टम” को ठीक करने में सहायक है। सहजन में “एंटीबैक्टीरियल गुण” भी पाया जाता है, जो कई तरह के संक्रमण को रोकने में भी सहायक है।
2. बढ़ते बच्चों के लिए लाभदायक:- सहजन कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह बहुत ही फायदेमंद है। क्योंकि जिस समय बच्चों का शारीरिक विकास हो रहा होता है, हड्डियां बन रही होती है तब कैल्शियम हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक होता है। वैसे में मुनगा का सेवन बड़ा लाभदायक होता है, क्योंकि के इसके पत्ती और फली में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
3. उच्च रक्तचाप नियंत्रण में सहायक:- मुनगा के पत्ते की साग और फली की सब्जी खाने से उच्च रक्तचाप नियंत्रण में सहायता पहुंचाती। मुनगा की फली अर्थात सिठी का जूस बनाकर पीने से भी उच्च रक्तचाप कुछ ही दिनों में ही नियंत्रण में आ जाता है। लेकिन ध्यान रहे जूस का सेवन अपने डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
4. गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक:- सहिजन की पत्ती, फूल और फली का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए लाभ प्रदान करता है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके सेवन से गर्भवती महिलाओं के लिए अतिरिक्त कैल्शियम की पूर्ति हो जाती है।
5. बालों की वृद्धि के लिए लाभदायक:- मुनगा अर्थात सहिजन के साग और फली अर्थात सिठी के सेवन से बाल से संबंधित कई समस्याओं को दूर होती है। यह बाल को नेचुरल काला बनाता है तथा बाल को झड़ने से रोकने में भी मदद करता है। सहजन की फली अर्थात सिठी को चाय के जैसा उबालकर इससे बालों को धोने से भी बालों को लाभ होता है। यह बालों में एयर कंडीशन के जैसा काम करता है।
6. पाचन तंत्र को मजबूत करने में मददगार:- मुनगा के पत्तों की साग, फली (सीठी) की सब्जी या फिर सूप बनाकर पीने से पेट संबंधी कई समस्याएं दूर होती। मुनगा में पाया जाने वाला फाइबर पेट की कब्ज से निजात दिलाता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले रसायन पेट में पाए जाने वाले अनावश्यक कीड़ों को भी मारता है।
7. मोटापा कम करने में सहायक:- मुनगा के पत्ती और फली में फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो मोटापे को कम करने में मदद करता है।
8. घुटने के दर्द में सहायक:- जॉइंट पेंन के दर्द में मुनगा मददगार है। सहिजन में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को पोषण देता है।
9. पुरुषार्थ बढ़ाने में मददगार:- मुनगा में पाए जाने वाले रसायन शारीरिक योन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।
10. त्वचा में संक्रमण को रोकने में मदद:- यदि त्वचा में लाल दाने निकल आयें तो मुनगा के पतियों या फली को उबालकर उसके पानी से संक्रमित त्वचा को धोने से लाभ होता है।
11. सर दर्द को रोकने में सहायक:- सहजन की फली का उपयोग सर दर्द को कम करने में किया जाता है। इसके फली को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
12. झुर्रियों को रोकने में मदद:- मुनगा में कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट तथा अन्य तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा की झुर्रियों को रोकने में या कम करने में मदद करता है। इससे चेहरे पर चमक दिखती है और बुढ़ापा देर से आती है।
13. दुग्धपान करने वाली महिलाओं के लिए लाभदायक:- मुनगा की पत्ती को घी में भूनकर दूग्धपान करने वाली महिला को खिलाने से मदद मिलता है। प्रसव के बाद होने वाले थकान एवं कमजोरी को भी कम करने में यह सहायक होता है।
14. विटामिन B-12 से परिपूर्ण:- मुनगा की पत्ती और मुनगा की फली विटामिन B-12 से परिपूर्ण होती है। विटामिन B-12 शरीर का एक महत्वपूर्ण अवयव है। विटामिन B-12 शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करता है, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है, शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, साथ ही मांसपेशियों को मजबूती देता है। यह कैंसर के रोकथाम में मदद भी करता है।
15. खून को साफ करने में मदद:- मुनगा के सिठी अर्थात फली के सेवन से शरीर में मौजूद गंदे खून साफ हो जाते हैं।
इसके अतिरिक्त आंखों की रोशनी वृद्धि करने, मुंह के छाले को कम करने तथा एंटीऑक्सीडेंट जैसे तकरीबन 300 रूपों में मुनगा से हमें लाभ पहुंचाता है।
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लेखक
महेंद्र प्रसाद दांगी