Saturday, July 12, 2025
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विश्व पोलियो दिवस World Polio Day जानें महत्वपूर्ण तथ्य हिंदी में

विश्व पोलियो दिवस World Polio Day जानें महत्वपूर्ण तथ्य हिंदी में

पोलियो विश्व के खतरनाक संक्रामक बीमारियों में से एक रहा है। इसके संक्रमण से शरीर लकवा ग्रस्त हो जाता है। 1980 के दशक में दुनिया भर में सवा सौ देशों में पोलियो प्रभाव था। जहां हर साल तकरीबन 3.5 लाख लोग पोलियो के कारण लकवा ग्रस्त हो जाते थे। 1988 में डब्ल्यूएचओ ने पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरुआत की। 2017 आते-आते पोलियो मामलों की संख्या घटकर मात्र 22 रह गई थी। भारत 2014 में पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है। परंतु पड़ोसी देशों से खतरा अभी भी विद्यमान है। इस पोस्ट में विश्व पोलियो दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य जानेंगे।

उद्देश्य

पोलियो एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। इससे लोगों को जागरूक करने हेतु विश्व भर में 24 अक्टूबर को पोलियो दिवस मनाया जाता है।

पोलियो दिवस की शुरूआत

प्रतिवर्ष 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस (world polio day) के रूप में मनाया जाता है। विश्व पोलियो दिवस की शुरुआत एक दशक पहले रोटरी इंटरनेशनल द्वारा “जोनास साल्क” (Jonas Salk) के जन्म माह के अवसर पर किया गया था। जोनास साल्क पहले वे वैज्ञानिक थे  जिन्होंने 1955 में पोलियो वैक्सीन इजाद किया था। जोनास साल्क का जन्म 28 अक्टूबर 1914 को न्यूयॉर्क में हुआ था।

पोलियो का प्रभाव

पोलियो खतरनाक संक्रामक बीमारी है जो मुख्यतः छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। पोलियो संक्रमण से शरीर लकवा ग्रस्त हो जाता है। इससे पोलियो वाले शरीर का भाग काम करना बंद कर देता है। बुखार, सिर दर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न, अंगों में दर्द जैसे लक्षण भी दिखाई पड़ता है।

WHO का कार्य

विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) के अनुसार 80 के दशक में दुनिया भर में 125 देशों में पोलियो का कहर था। हर साल 3.5 लाख लोग लकवाग्रस्त हो रहे थे। जो 2017 के आंकड़े के अनुसार घटकर मात्र 22 गया था। व्यापक स्तर पर विश्व भर में डब्ल्यूएचओ ने पोलियो उन्मूलन हेतु 1988 में अभियान की शुरुआत की थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि आज विश्व का अधिकार से पोलियो मुक्त हो चुका है, भारत उनमें से एक है।

भारत में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम

भारत में पोलियो उन्मूलन हेतु 1995 में अभियान की शुरुआत हुई। और 18 वर्षों की लंबी लड़ाई के बाद 27 मार्च 2014 को विश्व स्वास्थ संगठन ने आधिकारिक रूप से भारत को पोलियो मुक्त घोषित किया। हालांकि भारत में 13 जनवरी 2011 के बाद कोई पोलियो का मामला नहीं सामने आया है। अंतिम मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा क्षेत्र से आया था।

क्या पोलियो का खतरा अब भी है

हां, पोलियो का खतरा अब भी बना हुआ है। जबतक दुनियाँ में एक भी मामला पोलियो का होगा। तब तक पोलियो का खतरा बना रहेगा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया ऐसे देश में जहां पोलियो के सक्रिय मामले अब भी है। जिससे भारत सहित दुनिया को खतरा है। पोलियो से संबंधित सतर्कता एवं निगरानी का कार्यक्रम जारी रखा जाना ही पोलियो से बचाव का एक उपाय है।

विश्व पोलियो दिवस 2020 का थीम

हर वर्ष पोलियो दिवस एक थीम पर आधारित होता है। विश्व पोलियो दिवस 2020 का थीम है-
Story of Progress: Past and Present
(प्रगति की कहानी: अतीत और वर्तमान)

पोलियो उन्मूलन हेतु नारा

समय-समय पर पोलियो से संबंधित नारे दिए गए हैं। यहां कुछ प्रमुख नारों को उद्धृत किया जा रहा है।

• एक बूंद की ताकत देश दौड़ेगा पैरों पर
• दो बूंद जिंदगी के लिए
• पोलियो डोज पिलाओ देश बचाओ
• बच्चों को बचाना है तो पोलियो डोज पिलाना है
• आइए हम सब मिलकर पोलियो को मिटाएं
• पल्स पोलियो करे पुकार भूल ना जाना यह रविवार
• हम हैं पोलियो के सिपाही अब ना होंगी पोलियो से तबाही
• नवयुग का है एक ही नारा पोलियो रहित हो देश हमारा
• आओ मिलकर सब धरा का कर्ज चुका दे और घर-घर से हम पोलियो हटा दें
• अब पोलियो को समाप्त करें: इसे इतिहास बनाएं
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यदि इस पोस्ट में किसी प्रकार की त्रुटि लगे या आप सुझाव देना चाहें तो इस ईमेल
dangimp10@gmail.com
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प्रस्तुतकर्ता
www.gyantarang.com

संकलन
महेंद्र प्रसाद दांगी
शिक्षक
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Sindhu
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अगर सही मार्ग पर चला जाए तो सफलता निश्चित है। अभ्यास सफलता की कुंजी मानी जाती है, और यह अभ्यास यदि सही दिशा में हो तो मंजिल मिलने में देर नहीं लगती। इस लिए कहा भी गया है:- " करत-करत अभ्यास के जड़मत होत सुजान। रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान।।"
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