देशांतर रेखा किसे कहते हैं, what is longitude in hindi
what is longitude in hindi के अंतर्गत देशांतर रेखा के बारे में अध्ययन करने जा रहे हैं। देशांतर रेखाओं के जरिए पृथ्वी पर एक स्थान से दूसरे स्थानों के समय को ज्ञात किया जा सकता है। किसी भी देश की घड़ी देशांतर रेखा पर आधारित होती है, जिसे टाइम जोन भी कहते हैं। विश्व के कई ऐसे देश हैं जहां एक से अधिक टाइम जोन है। जैसे:- रूस, अमेरिका। भारत में एक टाइम जोन है। तो चलिए शुरू करते हैं देशांतर रेखाओं का अध्ययन।
इस पोस्ट में
• देशांतर रेखा की परिभाषा
• देशांतर रेखा की विशेषता
• देशांतर रेखाओं की संख्या
• प्रधान मध्याह्न रेखा
• भारत के मध्याह्न रेखा
• अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा
• अक्षांश और देशांतर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
• अक्षांश और देशांतर में महत्वपूर्ण अंतर
• देशांतर रेखाओं से संबंधित 10 MCQs
what is longitude in hindi
☆ देशांतर रेखा की परिभाषा
प्रधान देशांतर (ग्रीनविच रेखा) या 0° देशांतर के पूर्व एवं पश्चिम विषुवत रेखा पर दिए गए बिंदुओं के कोणीय दूरी के माप को “देशांतर” करते हैं। उन देशांतरों से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों को मिलाने वाली ऊर्ध्वाधर काल्पनिक रेखा को “देशांतर रेखा” (Line of Longitude) कहते हैं। आसान रूप से कहा जाय तो उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखा को देशांतर रेखा कहते हैं।
☆ देशांतर रेखा की विशेषता
• सभी देशांतर रेखाएं उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाती हुई अक्षांश रेखाओं की लंबवत दिशा में खींची गई है।
• एक देशांतर रेखा वृहत वृत का अर्ध भाग होती है। दो विपरीत दिशा की देशांतर रेखाएं मिलकर एक वृहत वृत बनाती है।
• 0° देशांतर रेखा को ‘प्रधान याम्योत्तर रेखा’ या ‘प्रधान मध्याह्न रेखा’ भी कहते हैं। यह इंग्लैंड के “ग्रीनविच वेधशाला” से होकर गुजरती है जिस कारण इसे “ग्रीनविच रेखा” के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रधान देशांतर रेखा (0° देशांतर) के पूर्व में स्थित देशांतर को पूर्वी देशांतर तथा पश्चिम में स्थित देशांतरों को पश्चिमी देशांतर कहा जाता है।
• एक ही देशांतर रेखा पर स्थित सभी स्थानों पर मध्यान्ह (दोपहर) एक ही समय पर होता है। अर्थात एक देशांतर पर स्थित सभी स्थानों पर सूर्य की अधिकतम ऊंचाई एक ही समय पर होता है। इसलिए उन्हें मध्यान रेखा भी कहते हैं। याम्योत्तर शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ मध्यान्ह (Mid Day) है।
• देशांतर रेखा पर स्थित सभी स्थानों का देशांतर एक समान होता है और उन सभी देशान्तरों का मान देशांतर रेखा के मान के बराबर होता है।
• समान अंतराल पर खींची गई देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी किसी भी एक अक्षांश रेखा पर समान होती है।
• विषुवत रेखा पर एक देशांतर से दुसरे देशांतर के बीच की दूरी 111.321 km. के बराबर होती है। तथा ध्रुव की ओर जाने पर कम होती जाती है और दो देशांतरों के बीच की दूरी उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव पर शून्य हो जाती है।
• दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी को “गोर” (Gore) कहते हैं।
• 0 डिग्री देशांतर रेखा तथा 180 डिग्री देशांतर रेखा मिलकर पृथ्वी के दो बराबर भागों में बांटती है। 0° देशांतर रेखा के पूर्व में पृथ्वी के आधे भाग को पूर्वी गोलार्ध तथा पश्चिम में स्थित आधे भाग को पश्चिमी गोलार्ध कहा जाता है। जिन्हें क्रमश E (East) तथा W (West) से निरूपित किया जाता है।
• अक्षांश रेखाओं की लंबाई जहां भिन्न-भिन्न होती है वहीं सभी देशांतर रेखाओं की लंबाई बराबर होती है।
• प्रधान याम्योत्तर रेखा के पूर्व एवं पश्चिम में 180° तक गणना की जा सकती है। 180° पूर्वी देशांतर तथा 180° डिग्री पश्चिमी देशांतर रेखा एक ही रेखा पर स्थित होते हैं।
• पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है। यानी पृथ्वी पुरा एक बार चक्कर लगा लेती है। अर्थात पृथ्वी 1 घंटे में 15° तथा 4 मिनट में 1° घूम जाती है।
• पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है इस कारण पूर्व की ओर बढ़ने पर प्रत्येक देशांतर पर 4 मिनट का समय बढ़ जाता है। जबकि पश्चिम में जाने पर प्रत्येक देशांतर पर 4 मिनट समय घट जाता है। इस प्रकार वे स्थान जो ग्रीनविच रेखा से पूर्व में है उनका समय ग्रीनविच समय से आगे होता है तथा जो पश्चिम में है उनका समय ग्रीनविच से पीछे होता है।
☆ देशांतर रेखाओं की संख्या
• हालांकि अनगिनत देशांतर रेखाएं खींची जा सकती है। फिर भी एक-एक डिग्री पर खींची गयी “पूर्ण देशांतर रेखाओं” की संख्या 360 (180 पूर्व देशांतर तथा 180 पश्चिमी देशांतर) है।
☆ प्रधान मध्याह्न रेखा (0° देशांतर रेखा)
• 0° देशांतर रेखा को प्रधान मध्याह्न रेखा या प्रधान याम्योत्तर रेखा कहते है।
• यह 0° की रेखा इंग्लैंड के ‘ग्रीनविच वेधशाला‘ से होकर गुजरती है ,जिस कारण इस रेखा को ‘ग्रीनविच रेखा‘ के नाम से भी जाना जाता है।
• यह रेखा दो महादेश युरोप और अफ्रीका से गुजरता है।
• 0° देशांतर रेखा इंग्लैंड (ग्रेट ब्रिटेन), फ्रांस, स्पेन, अल्जीरिया, माली, बुर्किना फासो, घाना, टोगो जैसे देशों से गुजरती है।
• 0° देशांतर रेखा ‘भूमध्य सागर‘ के पश्चिमी छोर तथा घाना स्थित ‘वोल्टा झील‘ से होकर गुजरती है।
• समय एकरूपता को ध्यान रखते हुए विश्व के सभी देशों ने समय के आकलन के लिए “ग्रीनविच रेखा” को सर्वसम्मति से “मानक समय रेखा” (Greenwich Mean Time-GMT) के स्वीकार्य किया है।
• भारत 0° देशांतर रेखा से 68° से 97° पूर्व की ओर स्थित है इस लिए ग्रीनविच से भारत का समय GMT से “5 घंटा 30मिनट” आगे है।
☆ भारत के मध्याह्न रेखा/मानक समय/राष्ट्रीय मानक समय (Standard Time)
• राष्ट्रीय मानक समय किसी भी देश के बीच से गुजरने वाली एक काल्पनिक याम्योत्तर रेखा (देशांतर) का माध्य है। जिसके द्वारा स्थानीय समयों का निर्धारण होता है, जो पूरे देश पर लागू होता है।
• भारत में टाइम जोन की व्यवस्था 1906 में की गई थी। हालांकि 1884 में हुए वाशिंगटन में “इंटरनेशनल मेरेडियन कांफ्रेंस” में विश्व स्तरीय बैठक में भारत में दो टाइम जोन की सिफारिश की थी।
• भारत का देशांतरीय विस्तार 68°7′ पूर्वी देशांतर रेखा से 97°25′ पूर्वी देशांतर रेखा के बीच है। इस प्रकार भारत का देशांतरीय विस्तार लगभग 30 देशांतर का है।
• 82°30′ पूर्वी देशांतर रेखा जो भारत के बीचों-बीच भाग (उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर) से गुजरती है। इसे “भारत का मानक याम्योत्तर” माना गया है। क्योंकि भारत में इस रेखा के दोनों ओर समय में बराबर अंतर है। इस लिए भारत की घड़ी इसी रेखा पर सेट की गयी है। जो ग्रीनविच समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
• भारत का मानक याम्योत्तर (82°30′ पूर्वी देशांतर) सात राज्यों उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश तथा तमिलनाडू से होकर गुजरती है।
• भारत का मानक याम्योत्तर (82°30′ पूर्वी देशांतर) पांच राज्यों उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, ओडिशा तथा आन्ध्रप्रदेश से होकर गुजरती है।
☆ अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा
• पृथ्वी पर समय के निर्धारण के लिए एक काल्पनिक रेखा खींची गई है, जो प्रशांत महासागर के बीच 180° देशांतर पर उत्तर से दक्षिण की ओर स्थित है। इसे “अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा” कहते हैं।
• इस रेखा का निर्धारण वर्ष 1984 ई• में अमेरिका के वाशिंगटन में संपन्न हुए सम्मेलन में किया गया था।
• इस रेखा पर तिथि का परिवर्तन होता है। जब कोई जलयान या वायुयान इस रेखा को पार कर पश्चिम की ओर जाता है तब उसमें एक दिन जोड़ दिया जाता है, और पूर्व की ओर जाता है तो उसमें एक दिन घटा दिया जाता है।
• एक ही स्थान पर तिथि में अंतर से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को जलीय भाग से खींचा गया है तथा एक देश के स्थलों को एक साथ रखने के लिए इसे कई स्थानों पर मोड़ा भी गया है।
• साइबेरिया को विभाजित होने से बचाने एवं साइबेरिया अलास्का को अलग रखने के लिए 75° उत्तरी अक्षांश पर यह रेखा पूर्व की ओर मोड़ी गई है। पुन: इसे बेरिंग सागर में पश्चिम की ओर मोड़ी गयी है।
• इसी प्रकार फिजी द्वीप समूह एवं न्यूजीलैंड के विभिन्न भागों को एक साथ रखने के लिए इस तिथि रेखा को दक्षिणी प्रशांत महासागर में पूर्व दिशा की ओर मोड़ी गई है।
☆ अक्षांश और देशांतर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
• दो अक्षांशों तथा दो देशांतर के बीच स्थित भाग को “ग्रिड” (Grid) कहते हैं
• अक्षांश और देशांतर रेखाएं एक दूसरे को समकोण पर काटती है।
• अक्षांश और देशांतर का निर्धारण यानी मापन कोणीय रूप में किया जाता है।
• पृथ्वी के तल पर स्थित किसी भी देश अथवा नगर की स्थिति का निर्धारण उस स्थान के अक्षांश और देशांतर के अध्ययन द्वारा ही किया जाता है।
• 0° देशांतर रेखा 0° अक्षांश रेखा को गिनी की खाड़ी (अटलांटिक महासागर) में, कर्क रेखा को अल्जीरिया में, मकर रेखा को अटलांटिक महासागर में (नामीबिया के पश्चिम में) तथा आर्कटिक वृत को नार्वेजियन सागर में प्रतिच्छेदित करती है।
☆ अक्षांश और देशांतर में अंतर
• भूमध्य रेखा (विषुवत रेखा) से उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश रेखा (अक्षांश वृत्त) कहा है।
जबकि उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहते हैं।
• सभी अक्षांश वृत्त विषुवत वृत्त के समानांतर होते हैं।
जबकि सभी याम्योत्तर (देशांतर) रेखाएं एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव को मिलाते हैं।
• सभी जगह दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी लगभग 111 km. होती है।
जबकि दो देशांतर रेखाओं के बीच विषुवत वृत पर अधिकतम दूरी 111.3 km. तथा ध्रुवों की ओर बढ़ने पर घटते-घटते शुन्य हो जाती है।
• 0° अक्षांश को विषुवत वृत तथा 90° अक्षांश को ध्रुव कहा जाता है।
जबकि 0° देशांतर को प्रधान याम्योत्तर तथा 180° देशांतर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा कहा जाता है।
• विषुवत वृत से ध्रुवों की ओर अक्षांशों का उपयोग “ताप कटिबंध” के निर्धारण में होता है। जैसे 0° से 23°30′ दोनों गोलार्धों में उष्णकटिबंध, 23°30′ से 66°30′ तक दोनों गोलार्धों में शीतोष्ण कटिबंध तथा 66°30′ से 90° तक दोनों गोलार्धों में शीत कटिबंध।
जबकि देशांतर का उपयोग प्रधान याम्योत्तर (देशांतर) के सापेक्ष स्थानीय समय का निर्धारण करने में किया जाता है।
• अक्षांश रेखाओं को 0° (विषुवत रेखा) से 90° (दोनों ध्रुवों) के बीच बांटा गया है।
जबकि देशांतर रेखाओं को 0° (प्रधान याम्योत्तर रेखा) से 180° (अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा) में विभाजित किया गया है।
☆ देशांतर रेखाओं से संबंधित 10 MCQs
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